कपास की गिरती कीमतों से ‘कमजोर’ होता पानीपत का धागा
महावीर गोयल
पानीपत, 26 मई
मांग और आपूर्ति व्यवस्था सटीक रहने पर ही कारोबार की गाड़ी ठीक से चलती है। कच्चे माल की कीमत में कमी से भी कई बार व्यवस्था चरमराने का खौफ रहता है। ऐसा ही हुआ है कपास के दामों में भारी गिरावट के कारण। आलम यह है कि पानीपत में धागा कारोबार को झटका लगा है। धागा बनाने वाली पानीपत की मिलों ने सप्ताह में दो दिन उत्पादन बंद कर दिया है। वहीं दक्षिण भारत में काॅटन यार्न (फाइन काउंट) बनाने वाले स्पिनिंग मिलों ने 15 दिनोें के लिए मिल बंद कर दी। काटन यार्न की मांग नहीं के बराबर चल रही है। मिलों में स्टाक लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में धागा मिलें उत्पादन कम करने पर मजबूर हुई हैं।
निर्यात आर्डर कम होने साथ ही घरेलू मार्केट में भी कपड़े की डिमांड कम होने के कारण धागे की मांग कमजोर चल रही थी। पिछले तीन दिनों में कपास के भाव 6,500 रुपए प्रति मन (40 किलोग्राम) से घटकर 5,500 रुपये पर आ चुके हैं। गिरावट का दौर थम नहीं रहा है। जानकार कहते हैं कि ऐसे में भाव निर्धारित करना भी मुश्किल है।
रोजाना बनता है 30 लाख क्विंटल धागा
पानीपत के ओपन एंड मिलों में रोजाना 30 लाख क्विंटल धागे का उत्पादन होता है। कपास व कांबर से यहां धागा बनाया जाता है। कांबर (वेस्ट) का भाव भी 142 रुपये प्रति किलो से टूटकर 120 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ चुका है।
निर्यात के साथ-साथ घरेलू मांग भी कमजोर चल रही है। पिछले तीन दिनों से ज्यादा मंदी है। फिलहाल कपास में गिरावट का दौर थम नहीं रहा है। पानीपत में जो धागा बनाया जाता है। उसमें से ज्यादातर धागा स्पिनिंग मिलों से निकलने वाली वेस्ट (कांबर) से बनाया जाता है। कांबर में 22 रुपये की दाम घट चुके हैं। आने वाले समय में कांबर के भाव और अधिक कम होने की आशंका है।
सरदार प्रीतम सिंह, प्रधान- पानीपत
इंडस्ट्रीज एसोसिएशन एवं धागा कारोबारी