कपड़ा उत्पादन में भारत आत्मनिर्भर, टेक्निकल टेक्सटाइल के लिए दो हजार करोड़ करेंगे खर्च : मल्होत्रा
कपड़ा उत्पादन के क्षेत्र में जहां भारत आत्मनिर्भर है, वहीं कपड़ा मंत्रालय अब नेशनल टेक्निकल टेक्सटाइल मिशन के तहत पहनने के अलावा अन्य कार्यों में प्रयोग होने वाले कपड़े को देश में ही निर्माण करने के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। इसको लेकर नवाचार, रिसर्च व तकनीकी हेल्प के रूप में कपड़ा मंत्रालय करीब दो हजार करोड़ रुपये खर्च करने जा रहा है। यह बात भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय के नेशनल टेक्सटाइल मिशन के डायरेक्टर अशोक मल्होत्रा ने भिवानी में कपड़ा मंत्रालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कांफ्रेंस में कही। इस मौके पर विभिन्न देशों के कपड़ा उद्योग से जुड़े तकनीकी जानकार भी उपस्थित रहे।
इस मौके पर डायरेक्टर अशोक मल्होत्रा व बीके बेहेरा ने बताया कि पहनने वाले कपड़ा के निर्माण के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर है, जबकि आने वाले समय में सड़क व पुल निर्माण, मेडिकल क्षेत्र, जियो टेक्सटाइल व कृषि क्षेत्र में प्रयोग होने वाले कपड़ों की वैश्विक मांग है। इसी को देखते हुए भारत ना केवल टेक्सटाइल के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो, बल्कि पहनने के अलावा अन्य जरूरत के कपड़ों को भी देश में उत्पाद कर सकें। इसके लिए केंद्र सरकार टेक्निकल टेक्सटाइल मिशन के तहत नवाचार को बढ़ावा दे रही है।
अन्य क्षेत्रों में प्रयोग होने वाले कपड़े के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए देश में ही तकनीक विकसित की जा रही है। युवाओं को अलग- अलग प्रकार के मजबूत, टिकाऊ, न जलने वाले, बगैर धुले प्रयोग होने वाले और ना फटने वाले कपड़े के निर्माण देश में किए जाने की कार्ययोजना तैयार की जा चुकी है। देश के विभिन्न टेक्सटाइल इंजीनियरों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसी उद्देश्य से इस दो दिवसीय कांफ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है, ताकि टेक्निकल टेक्सटाइल के क्षेत्र में देश ना केवल आत्मनिर्भर हो, बल्कि टेक्निकल टेक्सटाइल का निर्यात भी किया जा सके। टेक्निकल टेक्सटाइल कपड़ा चिकित्सा, कृषि, रोड़, पुल व अन्य क्षेत्रों में प्रयोग होने के कारण काफी महंगा बिकता है। इससे देश की आर्थिक उन्नति होगी।