एसोसिएशन ने दी काली होली मनाने, बड़ा आंदोलन काने की चेतावनी
पंचकूला, 4 मार्च (हप्र) : हरियाणा एक्सटेंशन लेक्चरर एसोसिएशन ने 200 एक्सटेंशन लेक्चरर को बिना सुनवाई नौकरी से बाहर करने पर कड़ा एतराज जताते हुए चेतावनी दी है कि यदि इन्हें दोबारा नौकरी पर नहीं रखा गया, तो बड़ा आंदोलन होगा। एसोसिएशन के प्रधान ईश्वर सिंह ने मंगलवार को पंचकूला में बताया कि उच्चतर शिक्षा विभाग ने यूजीसी के एक पत्र को गलत पेश कर उनकी नौकरी छीनी है, जबकि यूजीसी ने अपने पत्र में कहीं भी पहले से उत्तीर्ण पीएचडी होल्डर की डिग्री को अमान्य नहीं बताया है। यूजीसी की स्थायी समिति ने राजस्थान के तीन विश्वविद्यालयों सनराइज, सिंघानिया और ओपीजेएस विश्वविद्यालय के संबंध में निर्णय लिया है कि इनमें आगामी 5 वर्षों तक कोई भी प्रवेश नहीं लेगा। यूजीसी की स्थायी समिति ने अपने नोटिस में कहीं भी यह नहीं लिखा है कि पिछली डिग्री मान्य नहीं है, लेकिन उच्चतर शिक्षा विभाग यूजीसी के इस नोटिस को गलत तरीके से पेश कर रहा है तथा इन विश्वविद्यालयों से पीएचडी धारक एक्सटेंशन लेक्चरर को कारण बताओ नोटिस जारी कर रहा है जो न्यायोचित नहीं है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि इन तीनों विश्वविद्यालयों से पीएचडी करने के बाद हजारों अभ्यर्थी एचपीएससी, सहायता प्राप्त महाविद्यालयों तथा विश्वविद्यालयों में नियमित सहायक/एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। उनके अनुसार उच्चतर शिक्षा विभाग यूजीसी की स्थायी समिति के निर्णय को उच्च न्यायालय में भी गलत तरीके से पेश कर रहा है। साथ ही 200 एक्सटेंशन लेक्चरर को बिना सुनवाई और बिना पक्ष जाने ही बाहर कर दिया गया।
ईश्वर सिंह ने बताया कि इन 200 एक्सटेंशन लेक्चरर को शोकाज नोटिस देने के बाद स्पीकिंग आॅर्डर जारी कर बिना पक्ष जाने बाहर कर दिया गया। यदि विभाग ने यह फैसला वापस नहीं लिया, तो वे काली होली मनाएंगे और बड़ा प्रदर्शन होगा।
पीएचडी धारक डा. तरुणा पंघाल व डॉ. रामा स्वामी ने कहा कि उच्चतर शिक्षा विभाग पिछले चार वर्षों से पीएचडी की जांच कर रहा है तथा सभी पीएचडी धारक एक्सटेंशन लेक्चरर्स की जांच विश्वविद्यालयों से प्राचार्य के माध्यम से करवा चुका है, जिसमें सभी एक्सटेंशन लेक्चरर्स की पीएचडी वैध पाई गई है। ईश्वर सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि बिना किसी जांच व आधार के विभाग द्वारा पीएचडी धारक एक्सटेंशन लेक्चरर्स के खिलाफ कोई गलत निर्णय लिया गया तो पूरे हरियाणा में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा तथा इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की जाएगी।