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एससी-एसटी आरक्षण में वर्गीकरण के खिलाफ प्रदर्शन

10:04 AM Aug 22, 2024 IST
कैथल मेंं बुधवार को प्रदर्शन करते विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता। -हप्र

कैथल, 21 अगस्त (हप्र)
अनुसूचित जाति-जनजाति के आरक्षण में क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में भारत बंद के आह्वान के तहत बुधवार को विभिन्न अनुसूचित जाति के संगठनों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में रैदास तख्त, गुरु रविदास सभा, चमार महासभा व बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व बसपा के जिला प्रधान दलबीर भान ने किया। हालांकि कैथल में कहीं भी बंद का कोई असर देखने को नहीं मिला है। भारत बंद को देखते हुए जिला प्रशासन की तरफ से पुलिस की डीएसपी हेडक्वार्टर के नेतृत्व में तीन कंपनी तैनात की गई थी।
गौर है कि एक अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने 6-1 के बहुमत से फैसला सुनाया कि राज्यों द्वारा अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के आगे उप-वर्गीकरण की अनुमति दी जा सकती है ताकि इनमें अधिक पिछड़ी जातियों के लिए कोटा सुनिश्चित किया जा सके। जिसका दलित संगठन विरोध कर रहे हैं। बुधवार सुबह गुरु रविदास सभा, डॉ. बीआर आंबेडकर व बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता जुलूस के रूप में प्रदर्शन करते हुए जवाहर पार्क में एकत्रित हुए। इसके वे लघु सचिवालय पहुंचे। लघु सचिवालय के मुख्य गेट पर तैनात पुलिस बल में प्रदर्शन करने वालों को गेट पर ही रोक लिया। जहां पर सिटी मजिस्ट्रेट गुरविंदर सिंह पहुंचे और प्रदर्शनकारियों का ज्ञापन लिया।
फतेहाबाद (हप्र) : एससी-एसटी में क्रीमिलेयर व वर्गीकरण को लेकर एक तरफ जहां भारत बंद का कॉल था तो वहीं दूसरी तरफ फतेहाबाद में काफी संगठनों के बैनर तले सैकड़ों लोग लघु सचिवालय पहुंचे और प्रदर्शन किया। हालांकि भारत बंद का असर फतेहाबाद में नही था। बहुजन समाज पार्टी, भीम आर्मी, हरियाणा प्रदेश चमार सभा सहित कई संगठनों से जुड़े लोग प्रदर्शन के बाद डीसी कार्यालय पर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देने पहुंचे। डीसी मनदीप कौर ने लोगों से ज्ञापन लिया। ज्ञापन देने के बाद लोग शांत हुए और रवाना हो गए।
कालांवाली (निस) : अनुसूचित जाति-जनजाति (एसटी-एससी ) के आरक्षण में क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कार्ट के फैसले के विरोध में बुधवार को बीआर अंबेडकर सभा कालांवाली के सदस्यांे ने एक बैठक की। बैठक करने के बाद सभा के सदस्यों ने एकत्रित होकर एसडीएम कार्यालय में पहुंचकर एसडीएम सुरेश रविश को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि उनकी मांग है कि सुप्रीम कोर्ट अपना फैंसला वापस लें। केंद्र सरकार कानून बनाकर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश रद्द करें। अनुसूचित जाति-जनजाति आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाए। आरक्षण आर्थिक आधार पर न हो। न्यायपालिका, राज्यसभा, विधान परिषद और निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू हो।
कुरुक्षेत्र (हप्र) : भारत बंद कुरुक्षेत्र में बेअसर रहा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुसूचित जाति के आरक्षण में वर्गीकरण के फैसले के विरोध में समाज के लोगों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया और सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित इस फैसले को वापस लेने की मांग की।
श्रीगुरु रविदास मंदिर एवं धर्मशाला सभा से अनूसूचित जाति समाज के लोग रोष प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय पर पहुंचे। जहां पर धरना प्रदर्शन करने के बाद अनुसूचित जाति समाज के लोगों ने राष्ट्रपति के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सौपा।
यमुनानगर (हप्र) : सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण को लेकर दिए गए फैसले के खिलाफ भारत बंद के तहत यमुनानगर में बहुजन समाज पार्टी एवं अन्य संगठनों द्वारा जिला सचिवालय के सामने जोरदार प्रदर्शन किया गया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश पर कार्रवाई न करने की अपील करते हुए बसपा नेताओं ने कहा कि यह आरक्षण खत्म करने की साजिश है। बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नरेश सारण ने बताया कि पार्टी ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेज कर यह मांग रखी गई है। प्रदर्शन के दौरान डीसी और पुलिस अधीक्षक स्वयं प्रदर्शनकारियों से ज्ञापन लेने उनके बीच पहुंचे और ज्ञापन लिया। इस अवसर पर बसपा प्रत्याशी दर्शन खेड़ा व नेता भी मौजूद थे।
पानीपत (हप्र) : सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने की इजाजत देने के विरोध में देश के विभिन्न राज्यों के दलित व आदिवासी संगठनों ने बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया गया था। हालांकि पानीपत जिला में भारत बंद का तो कोई असर नहीं रहा।
इस अवसर पर जिले के अनेक दलित संगठनों ने एकजुट होकर शहर में रोष मार्च निकाला और हजारों की संख्या में लघु सचिवालय पहुंचकर तहसीलदार को राष्ट्रपति के नाम अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया।
करनाल में भारत बंद का मिला-जुला असर
करनाल (हप्र) :  दलित संगठनों ने सड़कों पर उतरकर शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन किया। दलित संगठनों द्वारा किए गए भारत बंद के आह्वान को देखते पुलिस बल जगह-जगह तैनात किया हुआ था। यहां भारत बंद का मिला-जुला असर रहा। विभिन्न सामाजिक संगठनों व बसपा पदाधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी, एसटी के आरक्षण में सब क्लासिफिकेशन को लेकर दिए गए फैसल से समस्त दलित समाज आहत हैं, ये निर्णय सही नहीं हैं। इस निर्णय से एससी, एसटी वर्ग में आपसी विभेद पैदा होंगे, जिससे समाज के अंदर टकराव बढ़ेगा। ज्ञापन में राष्ट्रपति से मांग की गई है कि इस विषय में हस्पक्षेप कर संसद में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को रोकने के लिए विधेयक लाकर कानून बनाया जाए, जिससे की एससी, एसटी के आरक्षण के साथ कोई छेड़छाड़ न
कर सकें।

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