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एमएसपी कानून मूल्य वृद्धि की गारंटी नहीं : जाखड़

04:32 AM Jan 12, 2025 IST
सुनील जाखड़।
अदिति टंडन/ट्रिन्यू
नयी दिल्ली, 11 जनवरी
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के अनिश्चितकालीन अनशन के बीच पंजाब भाजपा के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने प्रदेश के किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी से मिलने वाले लाभों पर सवाल उठाया। उन्होंने राज्य विधानसभा में इस मुद्दे पर बहस करने की मांग की। उन्होंने कहा कि डल्लेवाल के बिगड़ते स्वास्थ्य के मद्देनजर पंजाब सरकार को एक आपातकालीन विधानसभा सत्र बुलाना चाहिए और इस मुद्दे के बारे में सभी को जागरूक करना चाहिए।
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'ट्रिब्न्यून' को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में जाखड़ ने कहा, 'बहस में आंदोलनकारी किसानों सहित सभी के लिए पंजाब के संदर्भ में कानूनी एमएसपी गारंटी की मांग के फायदे और नुकसान उजागर किए जाने चाहिए। यह स्पष्ट होना चाहिए कि 2020-21 के आंदोलन का समर्थन करने वाली किसान यूनियन इस बार साथ क्यों नहीं हैं।'

26 नवंबर से खनौरी में अनशन कर रहे भारतीय किसान यूनियन (सिद्धूपुर) के नेता डल्लेवाल और पिछले साल 13 फरवरी से शंभू में विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक और समूह की मुख्य मांग एमएसपी की कानूनी गारंटी है। जाखड़ खुद एक किसान हैं। उन्होंने कहा कि एमएसपी गारंटी आय वृद्धि की गारंटी नहीं है, जिसकी पंजाब के किसानों को जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह गारंटी पंजाब के संदर्भ में 'बीमारी से भी बदतर इलाज' जैसा मामला बन सकती है। जाखड़ ने कहा, 'वास्तव में, यह पंजाब के हितों के लिए हानिकारक होगा।' उन्होंने कहा कि एमएसपी व्यवस्था पंजाब और हरियाणा के लिए बनाई गई है और यहां उत्पादित पूरा गेहूं और धान केंद्र द्वारा बिना किसी प्रति एकड़ सीमा के एमएसपी पर खरीदा जाता है।

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जाखड़ ने चेताया, 'राष्ट्रीय स्तर पर एमएसपी व्यवस्था लागू होने का मतलब है कि पंजाब के किसानों को मौजूदा व्यवस्था के तहत मिलने वाले अपने विशेष लाभ को खोना पड़ेगा, जहां गेहूं और धान का पूरा स्टॉक एमएसपी पर खरीदा जाता है। अखिल भारतीय कानूनी एमएसपी व्यवस्था के मामले में केंद्र को सभी राज्यों से फसल खरीदने के लिए बाध्य होना पड़ेगा और पंजाब, अन्य राज्यों की तरह प्रति एकड़ खरीद नियम के तहत आएगा, जो अभी नहीं है। हमें इस बात से अवगत होना चाहिए कि हम क्या चाहते हैं, क्योंकि हो सकता है कि हमें वह मिल जाए और फिर हमें इसका पछतावा हो।

उन्होंने कहा कि चूंकि एमएसपी गारंटी आय की गारंटी नहीं है, इसलिए यह फसल विविधीकरण सुनिश्चित नहीं करेगी, जिसकी राज्य को तत्काल आवश्यकता है। समाधान के बारे में पूछे जाने पर जाखड़ ने कहा कि पंजाब के किसान संकट में हैं और राज्य की अनिश्चित भूजल स्थिति के कारण कृषि क्षेत्र में अस्तित्व के संकट से बचने के लिए धान की बजाय अन्य फसलों की ओर रुख करना आवश्यक है। उन्होंने कहा, 'इसके लिए पंजाब के किसानों को कम से कम धान या गेहूं की खेती से होने वाली आय के बराबर आय का आश्वासन चाहिए, जो किसी अन्य फसल से नहीं मिलती। आय में यह अंतर केवल केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा वित्तीय सहायता और नीतिगत हस्तक्षेप से ही आ सकता है।'

भाजपा नेता ने यह भी पूछा कि 'आप' के नेतृत्व वाली राज्य सरकार अपनी कृषि और विपणन नीतियों का मसौदा क्यों नहीं बना रही है। जाखड़ ने कहा कि आपके पास अपनी नीति क्यों नहीं है?

दिल्ली में मंत्रियों से मिले जाखड़

सुनील जाखड़ ने दिल्ली में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और शहरी मामलों के मंत्री एमएल खट्टर से मुलाकात की। उन्होंने उनसे डल्लेवाल से बातचीत करने और उनसे अनशन खत्म करने की अपील करने का आग्रह किया

 

 

 

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