एमएचयू के विद्यार्थी एक साथ ले सकेंगे दोहरी डिग्री
रमेश सरोए/ हप्र
करनाल, 8 जनवरी
महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल ने कुलपति डॉ. सुरेश मल्होत्रा के नेतृत्व में वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी आस्ट्रेलिया के साथ एक करार कर एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। समझौते में दोनों ही विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थी दोहरी डिग्री हासिल सकेंगे, स्वैच्छिक विकल्प चुनने वाले विद्यार्थी ही दोनों यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर पाएंगे। इसके लिए महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय को वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी आस्ट्रेलिया से समझौते को लेकर पुष्टि पत्र मिल चुका है।
महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल के कुलपति डॉ. सुरेश मल्होत्रा ने बताया कि एमएचयू शिक्षा एवं अनुसंधान के क्षेत्र में निरंतर उत्कृष्टता की ओर बढ़ रही है। पिछले वर्ष एमएचयू 4 अलग-अलग ख्यातिप्राप्त देशों के साथ समझौते करने की ओर अग्रसर हुआ। इसी कड़ी में वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी आस्ट्रेलिया के साथ अनुसंधान एवं शिक्षा के क्षेत्र में मिलकर काम करने पर समझौता हुआ है, जिसकी सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं। आस्ट्रेलिया से समझौते की पुष्टि हो चुकी है। समझौते के परिणामस्वरूप दोहरी डिग्री योजना के रास्ते खुले हैं। बागवानी के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनुसंधान को बढ़ावा देने एवं उच्च गुणवत्ता वाले स्नातकोत्तर एवं पीएचडी में विभिन्न कार्यक्रम शुरू करने के विकल्प निकलकर सामने आए।
मधुमक्खी, बॉयो टैक्नोलॉजी, संरक्षित खेती पर होगी रिसर्च
कुलपति डॉ. सुरेश मल्होत्रा ने बताया कि एमएचयू वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी आस्ट्रेलिया के साथ मिलकर मधुमक्खी पालन, बॉयो टैक्नोलॉजी तथा संरक्षित खेती पर अनुसंधान शुरू करेगा ताकि बागवानी फसलों की अधिक गुणवत्ता वाला उत्पादन लेने के लिए आधुनिक तकनीकों का विकास होगा। जिसका सीधा फायदा हमारे किसान भाईयों को मिलेगा, जो देश के किसानों के लिए तरक्की दरवाजे तेज गति से खोलने के लिए दिशा में महत्वपूर्ण साबित साबित होगा।
किसानों को विश्वस्तरीय तकनीकें उपलब्ध होंगी
महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय किसानों को विश्वस्तरीय उन्नत तकनीके उपलब्ध करवाने के लिए गंभीरता के साथ काम कर रहा है, जिसके सकारात्मक परिणाम जल्द ही देखने को मिलेंगे। विश्व की बेहतरीन बागवानी विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर काम किया जा रहा हैं ओर वहां पर बागवानी की खेती के उन्नत मॉडल पर शोध करके भारत के बागवानी के क्षेत्र के अनुरूप ढालकर किसानों तक पहुंचाया जाएगा। जो हमारे किसान भाईयों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
जापान, इग्लैंड, अमेरिका के साथ हुआ एमओयू : कुलपति
कुलपति डॉ. सुरेश मल्होत्रा ने बताया कि एमएचयू ने पिछले साल इग्लैंड की बुरुनल यूनिवर्सिटी के साथ एमओयू किया था, जिसके तहत सौर ऊर्जा आधारित शीत भंडारण पर अनुसंधान कार्य शुरू हो चुका है। इसी तरह जापान की कोच्चि विश्वविद्यालय के साथ भी अनुसंधान एवं शिक्षा के लिए समझौता हुआ है। दोनों ही विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक नयी तकनीकों को विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय उर्वरक विकास केंद्र अमेरिका के साथ भी एमओयू हो चुका है।