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एनसीआर और सैन्य बलों में हरियाणा की भागीदारी को देखकर तय हों मानदंड

04:06 AM Apr 29, 2025 IST
एनसीआर और सैन्य बलों में हरियाणा की भागीदारी को देखकर तय हों मानदंड
मुख्यमंत्री नायब सैनी।
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देश की आर्थिक वृद्धि में हरियाणा के योगदान की आयोग ने की प्रशंसा
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16वें वित्त आयोग के सामने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने उठाए कई मुद्दे

चंडीगढ़, 28 अप्रैल (ट्रिन्यू)

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हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 16वें वित्त आयोग को अपने मानदंड बदलने का सुझाव दिया है। मुख्यमंत्री का कहना है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) तथा सैन्य बलों में राज्यों की भागीदारी के हिसाब से मानदंड तय होने चाहिए। मुख्यमंत्री सोमवार को चंडीगढ़ में आयोजित 16वें वित्त आयोग की बैठक के दौरान प्रदेश का पक्ष रख रहे थे। यहां बता दें कि आधे से अधिक हरियाणा एनसीआर एरिया में आता है और सेनाओं में हर छठा जवान हरियाणा से है।

मुख्यमंत्री ने एनसीआर के रणनीतिक महत्व पर जोर देते हुए कहा कि नई दिल्ली देश की राजधानी ही नहीं, बल्कि 142 करोड़ भारतीयों के दिलों की धड़कन है। 2047 के विकसित भारत के संकल्प पर हम कितना आगे बढ़ रहे हैं, दुनियाभर के देश इसका अनुमान एनसीआर में आने वाले वर्षों में दिखने वाले विकास से लगाएंगे। हर राज्य के क्षेत्रफल वाले मापदंड से आगे बढ़ते हुए किस राज्य का कितने प्रतिशत क्षेत्रफल एनसीआर में आता है, इसका एक मापदंड तय किया जाए।

मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि वित्त आयोग किसी राज्य की जनसंख्या की देश के सैन्यबलों में कितने प्रतिशत भागीदारी है, उसके आधार पर एक नया मापदंड बनाकर राज्य सरकारों को केंद्रीय करों का कुछ हिस्सा देने की सिफारिश अवश्य करे। आज की बैठक में कर हस्तांतरण, संसाधन आवंटन और राज्य-विशिष्ट अनुदान जैसे वित्तीय मामलों पर विस्तृत चर्चा की गई।

बैठक के दौरान आयोग के अध्यक्ष डॉ़ अरविंद पनगढ़िया ने हरियाणा की प्रशंसा करते हुए कहा कि छोटा राज्य होने के बावजूद हरियाणा प्रमुख राज्यों में प्रति व्यक्ति आय के मामले में दूसरे स्थान पर है। पनगढ़िया ने कहा कि यह वाकई सराहनीय है कि भौगोलिक क्षेत्र की दृष्टि से भले ही हरियाणा छोटा है, लेकिन देश की अर्थव्यवस्था में इसका योगदान बड़ा और महत्वपूर्ण है। आयोग ने विकसित भारत के लिए राज्य के अपने 'विजन डॉक्यूमेंट @2047' का खाका साझा करने के लिए भी मुख्यमंत्री और अधिकारियों की भी प्रशंसा की।

15 लाख परिवारों को 500 में गैस सिलेंडर

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब परिवारों के उपचार के लिए 'प्रधानमंत्री जन आरोग्य आयुष्मान भारत योजना' शुरू की। हरियाणा के केवल 9 लाख परिवारों को ही आयुष्मान कार्ड मिले। इसका विस्तार करते हुए हमने 'चिरायु आयुष्मान योजना' शुरू की। इसमें 1 लाख 80 हजार रुपये तक वार्षिक आय वाले अतिरिक्त 32 लाख परिवारों को 5 लाख रुपये वार्षिक का स्वास्थ्य कवर मिल रहा है। केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना में 13 लाख परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया गया। हरियाणा सरकार अपनी 'हर घर-हर गृहिणी योजना' में 15 लाख अन्य परिवारों को 500 रुपये में गैस सिलेंडर दे रही है। पीएम सूर्यघर योजना के तहत भी राज्य सरकार गरीब परिवारों को प्रति सोलर सिस्टम प्रति किलोवॉट केंद्रीय अनुदान के अतिरिक्त 25 हजार रुपये अनुदान राज्य कोष से दे रही है।

समाज कल्याण पर विशेष फोकस

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 11 वर्षों में अनेक अवसरों पर हरियाणा को भारत की अर्थव्यवस्था के प्रमुख इंजनों में से एक बताया है। उन्होंने कहा कि ट्रिपल इंजन सरकार प्रेरणादायक शासन, नवाचार, समावेशी विकास और सामाजिक कल्याण के मानकों के अनुरूप काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने सभी 24 फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद सुनिश्चित की है। इससे राज्य के किसानों को आर्थिक सुरक्षा और स्थिरता मिली है। उन्होंने सुझाव दिया कि आयोग एमएसपी आधारित खरीद सुनिश्चित करने वाले राज्यों के लिए राज्य-विशिष्ट अनुदान की सिफारिश करने पर भी विचार कर सकता है।

महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण

उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में कई राज्यों ने स्थानीय शासन को मजबूत करने के लिए बड़ी पहल की है। उदाहरण के लिए कुछ राज्यों ने स्थानीय निकायों में महिलाओं को 33 प्रतिशत और अन्य ने 37 प्रतिशत आरक्षण दिया है। हरियाणा में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। मुख्यमंत्री ने आयोग से वर्ष 2026-31 के लिए अपनी सिफारिशों में स्थानीय निकायों को अनुदान के मानदंडों में महिला आरक्षण और सदस्यों के लिए शैक्षणिक योग्यता को पैरामीटर के रूप में शामिल करने का आग्रह किया।

‘शहरों की सरकार’ की अपनी मांग

16वें वित्त आयोग की बैठक में प्रदेश के स्थानीय निकायों – नगर निगमों, नगर परिषदों व नगर पालिकाओं के प्रतिनिधियों ने भी अपनी बात रखी। सोनीपत निगम के मेयर राजीव जैन ने कहा कि एनसीआर में जनता का पलायन बढ़ने के कारण आधार भूत ढांचे पर पड़ने वाले दबाव तथा उद्योग, ट्रैफिक बढ़ने से होने वाले प्रदूषण को कम करने के उपायों पर खर्चे के लिए विशेष आर्थिक पैकेज प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि वित्त आयोग की ग्रांट राज्य सरकार के माध्यम से भेजने की बजाये सीधे स्थानीय निकाय की इकाइयों को भेजे। यह ग्रांट भी तीन माह में एक बार भेजने की बजाय एक बार में ही दी जाए। राजीव जैन ने बंधे अनुदान को खुले अनुदान में बदलने, मुख़्यमंत्री घोषणा अनुसार हर शहर में एक सड़क को मॉडर्न सड़क बनाने तथा प्राकृतिक आपदा की दशा में विशेष अनुबंध देने की मांग भी की।

कम ना की जाए ग्रांट

करनाल की मेयर रेनू बाला गुप्ता ने सुझाव दिया कि निगम का प्रॉपर्टी टैक्स कम आने पर ग्रांट कम ना की जाए। इससे दोहरी मार निगमों पर पड़ती है। फरीदाबाद की मेयर प्रवीण जोशी ने कहा कि पूरे प्रदेश में दस लाख से ज्यादा आबादी वाला निगम एक ही है इसे उस हिसाब से ग्रांट दी जाये तथा सॉलिड वेस्ट का प्रबंध करने के लिए बड़ा पैकेज दिया जाए। पंचकूला के मेयर कुलभूषण गोयल ने 15वें वित्त आयोग कि बैठक के सुझावों को लागू करने, स्लम बस्तियों का पुनर्वास करने तथा मेयर की शक्तियां बढ़ाने की मांग की।

सौंदर्यीकरण के लिए मिलेग पैकेज

गोहाना नगर परिषद चेयरपर्सन रजनी विरमानी ने शहर के सौंदर्यकरण तथा स्वच्छता के लिए विशेष ग्रांट देने का सुझाव रखा। रोहतक के मेयर रामअवतार वाल्मीकि ने पुराने शहर के सीवर की लाइन को बदलने के लिए तथा पुरातत्व विभाग की जमीन पर बसे नागरिकों के पुनर्निवास के लिए विशेष अनुदान दिया जाए। कैथल की चेयरपर्सन सुरभि गर्ग ने पुरातत्व विभाग के ऐतिहासिक स्थानों को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने के लिए ग्रांट देने की मांग की। सिरसा नगर परिषद चेयरमैन शांति स्वरुप ने आईटी सेल बनाने, घरौंडा चेयरमैन हैप्पी लक गुप्ता ने शहरों के आवारा पशुओं के आश्रय स्थल बनाने, फिरोजपुर-झिरका पालिका के चेयरमैन मनीष जैन ने पेट्रोल डीजल पर लगने वाले शुल्क में हिस्सा देने तथा नूंह क्षेत्र की पालिकाओं को विशेष पैकेज देने की मांग की। शाहाबाद नगर पालिका चेयरमैन गुलशन क्वात्रा ने कचरा प्रबंध के लिए साधन बढ़ाने हेतु अनुदान की मांग की।

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