एनएसएस स्वयं सेवकों का राष्ट्र एवं समाज के विकास में बड़ा योगदान : प्रो. दीप्ति धर्माणी
भिवानी, 18 फरवरी (हप्र)
वैश्य महाविद्यालय भिवानी की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई- एक द्वारा यूथ फॉर माई भारत और डिजिटल लिटरेसी विषय पर आयोजित सात दिवसीय विशेष शिविर का शुभारंभ हवन यज्ञ एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ हनुमान जोहड़ी धाम में आयोजित किया गया।
शिविर का शुभारंभ करते हुए चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय भिवानी की कुलपति प्रो. दीप्ति धर्माणी ने कहा कि भारत विश्व का सबसे युवा देश है। एनएनएस स्वयं सेवक इस एकता शिविर से देश की अखंडता को और अधिक सुदृढ़ करने का संदेश लेकर जाएं। विवेक शिक्षा से पैदा होता है और शिक्षा हमारे अंदर नैतिकता पैदा करती है। हम अपनी मानसिक एवं बौद्धिक क्षमता को डिजिटिलाइजेशन से विकसित कर सकते हैं। स्वयंसेवक एनएसएस शिविर के माध्यम से जनकल्याणकारी कार्यों से जुड़े। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय भिवानी की कुलपति प्रो. दीप्ति धर्माणी, विशिष्ट अतिथि के रूप में वैश्य महाविद्यालय प्रबंधक समिति के महासचिव डॉ. पवन बुवानीवाला एवं हनुमान जोहड़ी धाम के महंत चरणदास ने शिरकत की। मंच का सफल संचालन स्वयंसेविका छवि ने किया।
शिविर का आयोजन वैश्य महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ संजय गोयल के नेतृत्व में महाविद्यालय की एन एस एस ईकाई-1की प्रभारी डॉ. कामना कौशिक की देख रेख में किया जाएगा। शिविर का शुभारंम्भ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर एवं एन.एस.एस. का गीत गाकर किया गया।
अतिथियों का स्वागत करते हुए वैश्य महाविद्यालय भिवानी के प्राचार्य डा. संजय गोयल ने अपने सम्बोधन में कहा कि इस तरह के शिविर एवं प्रकल्प विद्यार्थी के व्यक्तित्व एवं उनके सर्वांगीण विकास में सहायक होते हैं। विशिष्ट अतिथि डॉ.पवन बुवानीवाला ने कहा कि एन एस एस के नाम की सार्थकता तभी सिद्ध होगी जब स्वयंसेवक मानवता के कल्याण हेतु निस्वार्थ भाव से कार्य करें। विशिष्ट अतिथि हनुमान जोहड़ी धाम के महंत चरणदास एवं डॉ. प्रोमिला सुहाग ने बताया कि राष्ट्रीय की सेवा वास्तव में सच्ची सेवा है। इसलिए स्वयंसेवक लगन के साथ जनसेवा के भागी बने। महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना की प्रभारी एवं कार्यक्रम की संयोजिका डा. कामना कौशिक ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।