एआई से होगी त्वचा की जांच, फिर होगा 'सटीक' इलाज
चंडीगढ़, 24 मई (ट्रिन्यू)
चारों ओर हो रही आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) तकनीक की चर्चा के बीच अब त्वचा के इलाज के लिए भी इसका इस्तेमाल शुरू हुआ है। इसके जरिये जहां त्वचा में किसी तरह के रोग का पता तो चलता ही है, वहीं भविष्य में संभावित दिक्कत का भी अंदाजा लगाया जा सकता है। एआई से मिले आंकड़ों के जरिये डॉक्टर इलाज शुरू कर सकते हैं। यह तकनीक होम्योपैथी पद्धति के लिए आई है। होम्योपैथी क्षेत्र की जानी-मानी शृंखला डॉ बत्राज हेल्थकेयर का दावा है कि भारत में पहली बार एआई पावर्ड डिवाइस ‘एआई स्किन प्रो’ वह लेकर आए हैं।
चंडीगढ़ में बुधवार को डॉ बत्राज हेल्थ केयर की टीम ने इस डिवाइस की शुरुआत की। इस मौके पर डॉ रविकांत कौशिक और डॉ भवनीत बावा ने कहा कि दक्षिण कोरिया से आयात की गयी यह मशीन दुनिया में पांचवी जनरेशन का एआई-पावर्ड स्किन एनालाइजर है। यह पूछने पर कि क्या यह डॉक्टरों की जरूरत को कम नहीं करेगा, डॉ कौशिक ने कहा, ‘नहीं यह तकनीक तो डॉक्टरों के लिए मददगार साबित होगा।’ हजारों संबंधित डेटा से लैस इस तकनीक के कई सटीक परिणामों का भी दावा किया गया। इस मौके पर कुछ लोगों के चेहरे की त्वचा की जांच एआई के जरिये की गयी और उससे आए त्चरित परिणामों का विश्लेषण किया गया। डॉक्टर्स की टीम ने बताया कि इस तकनीक से तुरंत समस्या का पता लग जाने से जरूरत पड़ने पर इलाज जल्दी से जल्दी शुरू हो सकता है। इस वक्त डॉ बत्राज के देशभर के चुनींदा क्लीनिक में इसे स्थापित किया गया है। बत्राज समूह के संस्थापक एवं चेयरमैन डॉ मुकेश बत्रा ने एक बयान के जरिये कहा, ‘250 साल पुराने विज्ञान के साथ दुनिया की सबसे नयी टेक्नोलॉजी का संयोजन मरीजों के लिए बेहतर परिणाम सुनिश्चित करेगा।’
डॉ. भवनीत ने ऑन द स्पॉट किया विश्लेषण
इस मौके पर डॉ भवनीत बावा ने ‘ऑन द स्पॉट’ डेटा विश्लेषण किया गया। पत्रकार वार्ता के दौरान कुछ लोगों की त्वचा का एआई ने तुरंत विश्लेषण किया। डॉ भवनीत ने एक-एक बिंदु पर उसका विश्लेषण किया और बताया कि इन्हें समझते हुए संबंधित व्यक्ति को होम्योपैथी डॉक्टर जरूरी इलाज या खान-पान की सलाह देते हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में डॉ बत्राज के कुछ अन्य क्लीनिक पर भी इस तकनीक से इलाज शुरू होगा। फिलहाल देहरादून, बॉम्बे और अब चंडीगढ़ में इसे शुरू किया गया है।