उदयभान, जेपी व मुलाना समेत कई नेताओं को लिया हिरासत में
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 22 अगस्त
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच पर हुए खुलासे के बाद कार्रवाई की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को हरियाणा कांग्रेस ने राजधानी चंडीगढ़ में जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान के नेतृत्व में पार्टी नेता व कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस मुख्यालय से लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय तक पैदल रोष मार्च निकालने की कोशिश की। कांग्रेसजनों ने हाथों में बैनर लेकर भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और ईडी दफ्तर का घेराव करने के लिए आगे बढ़े।
चंडीगढ़ पुलिस ने कांग्रेसियों को आगे नहीं बढ़ने दिया। इस दौरान पुलिस के साथ कहासुनी भी हुई। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि चंडीगढ़ पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज भी किया। इस वजह से कई कार्यकर्ताओं को चोटें भी आईं। कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष जितेंद्र कुमार भारद्वाज हिसार सांसद जयप्रकाश ‘जेपी’, अंबाला सांसद वरुण चौधरी सहित कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया। बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। झज्जर विधायक गीता भुक्कल गोहाना विधायक जगबीर मलिक, विधायक जयवीर वाल्मीकि, बिशनलाल सैनी, मेवा सिंह, पूर्व स्पीकर अशोक अरोड़ा, पूर्व सांसद कैलाशो सैनी, पूर्व विधायक रामनिवास घोड़ेला व सुखबीर सिंह फरमाणा, सुभाष चौधरी, लहरी सिंह, जसबीर मलौर, अर्जुन सिंह, राकेश कंबोज, दिल्लू राम बाजीगर, सुखबीर फरमाणा, मीडिया प्रभारी चांदवीर हुड्डा, पवन जैन, सूरजभान काजल और अंकुर गुलाटी सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
प्रदेशाध्यक्ष चौ़ उदयभान ने कहा कि पुलिस ने तानाशाही दिखाते हुए जबरदस्ती उनको रोका और लाठीचार्ज किया। उन्होंने सेबी प्रमुख के इस्तीफे की मांग की और कहा कि भाजपा सरकार कांग्रेस की आवाज को दबा नहीं सकती। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का मामला मोदी के दोस्त अडानी से जुड़ा है, इसलिए प्रधानमंत्री चुप हैं। उनकी यह चुप्पी शेयर मार्केट से जुड़े करोड़ों लोगों के विश्वास को तोड़ रही है। पूरे मामले को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से करवाई जानी चाहिए।
उदयभन ने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने संसद के अंदर भाजपा सरकार का चेहरा बेनकाब कर दिया था। अडानी और मोदी के संबंधों के बारे में सवाल उठाए थे। पूछा था कि अडानी ग्रुप में 20 हजार करोड़ रुपए का निवेश किसने किया था। उस रिपोर्ट पर भाजपा के पास कोई जवाब नहीं था। इससे शेयर मार्केट गिर गया था और अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच सेबी को दी।