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उड़ान भरते ही फ्यूल स्विच हो गये थे ऑफ

05:00 AM Jul 13, 2025 IST
उड़ान भरते ही फ्यूल स्विच हो गये थे ऑफ
कॉकपिट में ऐसे होते हैं फ्यूल कंट्रोल स्विच।
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नयी दिल्ली, 12 जुलाई (एजेंसी)
पिछले महीने अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुई एयर इंडिया की उड़ान एआई-171 के दोनों इंजनों में ईंधन पहुंचाने वाले स्विच बंद हो गए थे और पायलटों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी। दुर्घटना के ठीक एक माह बाद शनिवार को जारी की गयी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। विमान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (एएआईबी) की पंद्रह पन्नों की रिपोर्ट के अनुसार, ‘कॉकपिट वॉयस रिकार्डिंग’ में सुना गया कि एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि उसने ईंधन क्यों बंद किया, तो जवाब मिला कि उसने ऐसा नहीं किया।
बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान ने 12 जून को अहमदाबाद हवाई अड्डे से लंदन के लिए उड़ान भरने के तुरंत बाद गति खोनी शुरू कर दी थी और वह एक मेडिकल कॉलेज के छात्रावास से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। विमान में सवार 242 लोगों में से एक को छोड़कर बाकी सभी की मौत हो गई थी। इनके अलावा 19 अन्य लोग भी मारे
गए थे।
जांच रिपोर्ट में दिए गए घटनाक्रम के अनुसार, दोनों ईंधन नियंत्रण स्विच उड़ान भरने के तुरंत बाद ‘कटऑफ’ स्थिति में चले गए थे। हालांकि, रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया कि यह कैसे हुआ या किसने किया। पायलट दोनों इंजनों को फिर से चालू करने में कामयाब रहे, लेकिन केवल इंजन-1 ही ठीक हो पाया, जबकि इंजन-2 गति बढ़ाने के लिए पर्याप्त शक्ति उत्पन्न नहीं कर पाया। पायलटों में से एक ने संकटकालीन चेतावनी ‘मे डे, मे डे, मे डे’ जारी की, लेकिन इससे पहले कि हवाई यातायात नियंत्रकों को कोई प्रतिक्रिया मिल पाती, विमान अहमदाबाद हवाई अड्डे की सीमा के ठीक बाहर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। उड़ान के दौरान सह-पायलट क्लाइव कुंदर ‘पायलट फ्लाइंग’ थे, जबकि कैप्टन सुमित सभरवाल ‘पायलट मॉनिटरिंग’ की भूमिका में थे। उड़ान से पहले चालक दल ने ‘ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट’ पास किया था। अमेरिकी राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड ने उल्लेख किया कि रिपोर्ट में बोइंग 787 विमान या जीई इंजनों के ऑपरेटरों के एवं निर्माताओं के खिलाफ फिलहाल किसी कार्रवाई की अनुशंसा नहीं की गई है। यह विमान ‘जीई एनएक्स-1बी’ इंजनों से लैस था।
जीवित बचे एकमात्र यात्री मनोचिकित्सक की ले रहे मदद
दीव (एजेंसी) : इस हादसे में जीवित बचे एकमात्र यात्री विश्वास कुमार रमेश भयावह सदमे से उबरने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। रमेश के रिश्ते के भाई ने बताया कि इस दर्दनाक अनुभव से उबरने के लिए वह मनोचिकित्सक की मदद ले रहे हैं। दुर्घटना स्थल के दृश्य, चमत्कारिक तरीके से बचने और भाई की मृत्यु की भयवाह तस्वीर अब भी उन्हें परेशान कर रही है।

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टेकऑफ से क्रैश तक 32 सेकंड

n 12 जून दोपहर 01:38:39 बजे : विमान ने रनवे से उड़ान भरी।
n 01:38:42 बजे : विमान की अधिकतम गति 180 नॉट्स तक पहुंची। इसके तुरंत बाद, दोनों इंजनों के फ्यूल ‘कटऑफ स्विच’ एक सेकंड के अंतराल पर ‘रन’ से ‘कटआफ’ स्थिति में चले गए। ईंधन आपूर्ति बंद होते ही इंजन की क्षमता में गिरावट आने लगी। ‘रैम एयर टर्बाइन’ (आरएटी) नामक ‘बैकअप’ ऊर्जा स्रोत सक्रिय हो गया। इसका उपयोग सामान्य रूप से तब किया जाता है, जब विमान के मुख्य ‘पावर’ स्रोत (जैसे इंजन या विद्युत प्रणाली) विफल हो जाते हैं। रिपोर्ट में ‘कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग’ के हवाले से कहा गया, ‘एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि उसने फ्यूल स्विच ऑफ क्यों किया। दूसरा जवाब देता है कि उसने ऐसा नहीं किया।’
n 01:38:47 बजे : इंजन एन1 और एन2, दोनों की गति न्यूनतम गति से नीचे चली जाती है। आरएटी का पंप हाइड्रोलिक पावर की आपूर्ति शुरू करता है।
n 01:38:52 बजे : इंजन एन1 का ईंधन कटऑफ स्विच ‘कटऑफ’ से दोबारा ‘रन’ पर जाता है।
n 01:38:56 बजे : इंजन एन2 का ईंधन ‘कटऑफ’ स्विच भी ‘रन’ पर चला गया। इंजन-1 में सुधार होता है, लेकिन इंजन-2 अब भी पूरी तरह से काम नहीं कर पा रहा था।
n 01:39:05 बजे : एक पायलट ने ‘मे डे- मे डे- मे डे’ संदेश दिया।
n 01:39:11 बजे : विमान से डेटा रिकॉर्डिंग बंद हो गयी।
n 01:44:44 बजे : दमकल गाड़ियां बचाव और अग्निशमन के लिए हवाई अड्डे से रवाना हुईं।

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यह गलती से ऑन-ऑफ नहीं हो सकता
फ्यूल स्विच विमान के इंजनों में ईंधन के प्रवाह को नियंत्रित करते हैं। स्विच की दो अवस्था होती हैं- ‘रन’ और ‘कट ऑफ’। विशेषज्ञों का कहना है कि पायलटों के लिए ईंधन स्विच को अनजाने में चालू या बंद करना मुश्किल होता है, क्योंकि स्विच में एक छोटा ‘मैकेनिकल गेट’ लगा होता है। ‘कट ऑफ’ की स्थिति में ईंधन की आपूर्ति तत्काल बंद हो जाती है और यह सामान्यता विमान के हवाई अड्डा गेट पर पहुंचने के बाद इंजन बंद करने या कुछ आपात स्थितियों, जैसे इंजन में आग लगने में किया जाता है। रिपोर्ट में ऐसा कोई संकेत नहीं दिया गया कि ऐसी कोई आपात स्थिति थी। एएआईबी रिपोर्ट में 2018 के एक ‘एफएए एयरवर्थिनेस बुलेटिन’ का उल्लेख किया गया है, जिसमें बोइंग विमान जैसे 737 और 787 पर ‘फ्यूल कंट्रोल स्विच लॉकिंग फीचर’ के संभावित ‘डिसएंगेजमेंट’ की बात कही गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एयर इंडिया के विमान की ‘लॉकिंग मैकेनिज्म’ की जांच नहीं की गई थी, क्योंकि यह कभी अनिवार्य नहीं था और 2023 से ईंधन नियंत्रण स्विच से संबंधित कोई दोष भी सामने नहीं आया। रिपोर्ट के मुताबिक, ईंधन के नमूनों का परीक्षण नागर विमानन महानिदेशालय की प्रयोगशाला में किया गया और वे संतोषजनक पाए गए। प्रारंभिक संकेतों और ‘फ्लाइट रिकॉर्डर’ से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर और जानकारी एकत्र की जा रही है।

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