इस बार गुरु पूर्णिमा पर धर्मगुरुओं के दर पहुंचेंगे भाजपाई
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की ओर से सभी जिलों के अध्यक्षों को निर्देश जारी करते हुए इसकी तैयारी करने को कहा है। साथ ही, उनसे उनके क्षेत्रों के प्रमुख साधु-संतों व धर्मगुरुओं की सूची तैयार करके भेजने को कहा है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की मौजूदगी में सोमवार को यहां आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदेशाध्यक्ष की ओर से गुरु पूर्णिमा का पर्व इतने व्यापक और महत्व के स्तर पर मनाने की घोषणा की गई।
मनोहर सरकार ने की थी शुरुआत
यहां बता दें कि पूर्व की मनोहर सरकार ने संत-महात्माओं व महापुरुषों की जयंती व पुण्यतिथि पर प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम करने की शुरुआत की थी। राज्य की नायब सरकार भी इसे आगे बढ़ा रही है। अब भाजपा ने इससे भी आगे बढ़ते हुए धर्मगुरुओं का सम्मान करने का निर्णय लिया है। दरअसल, सोमवार को भी सीएम आवास – संत कबीर कुटीर पर बाबा लक्खी शाह वंजारा जयंती समारोह का आयोजन किया गया। इसी दौरान धर्मगुरुओं के सम्मान के कार्यक्रम की घोषणा की गई।
इस बार 10 को गुरु पूर्णिमा
गुरु पूर्णिमा हर वर्ष आषाढ़ मास में आती है। इस बार यह 10 जुलाई को पड़ रही है। इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। भाजपा द्वारा इस दिन किया जाने वाला आयोजन जहां धार्मिक है, वहीं इसके राजनीतिक मायने भी हैं। भाजपा द्वारा इसकी व्यापक कार्ययोजना बनाई जा रही है। जिलाध्यक्षों से लिस्ट आने के बाद पार्टी यह तय करेगी कि धर्मगुरुओं का सम्मान किस तरीके से किया जाना है।
कॉट्स
गुरु पूर्णिमा के दिन पार्टी के अधिकतर नेता साधु-संतों और महापुरुषों के आश्रमों, डेरों, कुटिया व कार्यालयों में जाएंगे। वहां उनका सम्मान किया जाएगा। सम्मान का तरीका क्या होगा, इस पर पार्टी में विचार चल रहा है। जिला स्तरीय पदाधिकारियों से कहा गया है कि वे भी अपने-अपने जिलों में प्रमुख साधु-संतों की सूचियां तैयार कर राज्य कार्यालय को उपलब्ध कराएं, ताकि पूरी रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जा सके। धर्म गुरुओं का सम्मान पार्टी की पुरानी परंपरा रही है, जिसे गुरु पूर्णिमा के दिन व्यापक स्तर पर निभाया जाएगा।
-मोहनलाल बड़ौली, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष