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इश्योरेंस पॉलिसी के पैसे हड़पने वाले गिरोह का भंडाफोड़, एक आरोपी गिरफ्तार

04:00 AM Nov 30, 2024 IST
पानीपत, 29 नवंबर (हप्र)सीआईए थ्री पुलिस टीम ने एसपी लोकेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में कार्रवाई करते हुए धोखाधड़ी से बीमा पॉलिसी के पैसे हड़पने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर बीती देर रात एक आरोपी को एल्डिगो के पास से गिरफ्तार किया। आरोपी की पहचान कुलदीप निवासी एल्डिको के रूप में हुई। गिरोह में शामिल अन्य आरोपियों का पता लगाने के लिए पुलिस ने शुक्रवार को आरोपी को न्यायालय में पेश करके 3 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है।
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सीआईए थ्री प्रभारी इंस्पेक्टर विजय ने बताया कि उनकी एक टीम बीती देर रात एसआई संदीप के नेतृत्व में गश्त के दौरान जीटी रोड पर टोल प्लाजा के पास मौजूद थी। गुप्त सूचना मिली कि एल्डिको निवासी कुलदीप मृत्यु की कगार पर खड़े लोगों की फर्जी बीमा पॉलिसी करके बीमा कंपनी व पॉलिसी धारकों के साथ धोखाधड़ी कर बीमा के रुपये हड़पता है। कुलदीप क्रेटा कार में काफी संख्या में एटीएम कार्ड, बैंक की पासबुक व बीमा पॉलिसी के कागजात लेकर जीटी रोड पर एल्डिगो के पास खड़ा है। पुलिस टीम ने मौके पर जाकर कार में बैठे युवक को काबू कर पूछताछ की तो उसने अपनी पहचान कुलदीप के रूप में बताई। तलाशी लेने पर कार के डेशबोर्ड से विभिन्न बैंकों के 14 एटीएम कार्ड, 1 पास बुक, 4 चेक बुक, 17 बीमा पॉलिसी स्कीम के फार्म, 2 क्लेम फार्म, 1 पेन कार्ड व 5 मृत्यु प्रमाण पत्र बरामद हुए। आरोपी कुलदीप इससे पहले भी धोखाधड़ी से इश्योरेंस पॉलिसी के पैसे हडपने के एक मामले में अगस्त 2023 में अपने दो अन्य साथी आरोपियों के साथ गिरफ्तार हुआ था। उस मामले में आरोपियों ने 18.50 लाख रुपये हड़पे थे पर जिस खाते में पैसे ट्रांसफर किये थे उसमे बचे 17.25 लाख रुपये पुलिस ने फ्रीज करवा दिए थे।

गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों की करवाता था पॉलिसी

इंस्पेक्टर विजय ने कहा कि आरोपी ने बताया कि वह बीमा पॉलिसी के पैसे हड़पने के लिए ऐसे लोगों की पहचान करता था, जो गंभीर बीमारी से पीड़ित हो और मृत्यु की कगार पर हो। उनके परिवार से संपर्क कर बीमा पॉलिसी का झांसा देकर सभी दस्तावेज की फोटो कॉफी लेकर गिरोह में शामिल एन्वेस्टिगेटर से बीमार व्यक्ति की मेडिकल फिट की रिपोर्ट तैयार करवा पॉलिसी करवाता था। पॉलिसी करवाने के बाद नाेमिनी का नया बैंक खाता खुलवाकर उसकी पासबुक, एटीएम सहित पूरी किट अपने पास रखता था। पॉलिसी धारक की मृत्यु होने पर क्लेम लेने के लिए किट की मदद से नामिनी से ओटीपी लेकर पैसे निकाल लेता था। क्लेम की राशि के 20 से 30 प्रतिशत रुपये बीमा कंपनी के इन्वेस्टिगेटर को देता था।

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