For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

इमरजेंसी की काली रात को याद कर रामबिलास शर्मा के रोंगटे खड़े हो जाते हैं

02:15 AM Jun 25, 2025 IST
इमरजेंसी की काली रात को याद कर रामबिलास शर्मा के रोंगटे खड़े हो जाते हैं
रामबिलास शर्मा
Advertisement

नारनौल, 24 जून (हप्र) : इमरजेंसी की काली रात को याद कर पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास आज भी सिहर उठते हैं। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी के विरोध में पूरे देश में आंदोलन शुरू हुआ हरियाणा भी इससे अछूता नहीं रहा। विशेषकर अहीरवाल से विरोध की आवाज बुलंद करने वालों में तत्कालीन युवा नेता प्रो. रामबिलास शर्मा प्रमुख रूप से थे। पूर्व शिक्षा मंत्री कहते हैं कि आज भी उस इमरजेंसी की काली रात को याद कर उनके रोंगटे खड़े हो जाते हैं। अहीरवाल के बहुत से नेता जेल गए व पुलिस की बर्बरतापूर्ण यातनाओं को सहन किया व इसके विरोध में अपनी आवाज बुलंद की।

Advertisement

इमरजेंसी की काली रात को ऐसे याद करते हैं रामबिलास

1975 में रामबिलास शर्मा जन संघ के संगठन महामंत्री थे। प्रेमचंद गोयल प्रांत प्रचारक, डॉक्टर अशोक गर्ग विभाग प्रचारक के निर्देशन में रामबिलास शर्मा रोहतक में सत्याग्रह का संचालन करते थे एक जत्था जिसमें लाला अमरचंद, भगवान दास बंसल, मदनलाल हरदोई, प्रोफेसर श्याम पसरिजा, जगदंबा प्रसाद, रमेश चंद्र सहित लगभग 8 लोग शामिल थे, कई दिन से गायब थे। इमरजेंसी के दौरान पुलिस ने न इनकी कोई गिरफ्तारी दिखाई न इन्हें किसी अदालत में पेश किया और अवैध रूप से पुलिस हिरासत में रखा गया। हरियाणा में सत्याग्रह बंद हो गया संगठन के प्रमुख लोगों की बैठक हुई और निर्णय लिया गया कि इन सत्याग्रह ही जत्थे को ढूंढा जाए व जेल भिजवाया जाए यह उस समय नाहड़ झज्जर जिले में पुलिस चौकी में थे।

इमरजेंसी की काली रात: सत्याग्रह के दौरान किया था गिरफ्तार

रामबिलास शर्मा को जिम्मेदारी दी गई कि वे चौकी के सामने जाकर सत्याग्रह करें। 30 नवंबर 1975 को रामबिलास शर्मा ने पुलिस चौकी के सामने सत्याग्रह किया। वहां लगभग 100 पुलिस के जवानों सहित डीएसपी गुरबख्श लालपुरी भी मौजूद थे। रामबिलास शर्मा जब वहां इस जत्थे को अदालत में पेश करवाने के लिए नाहड़ थाने पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और बुरी तरह से टार्चर किया। पुलिस की टॉर्चर से रामबिलास शर्मा बेहोश हो गए उनके मुंह व कानों से खून बहने लगा।

Advertisement

8 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा था

नाहड़ पुलिस ने रिमांड लेने के लिए रामबिलास शर्मा को 4 दिसंबर 1975 को रात 8-30 बजे शुद साहब मजिस्ट्रेट के आवास पर पेश किया अदालत ने पुलिस को रामबिलास शर्मा का 8 दिन का रिमांड दे दिया। जहां रामबिलास शर्मा को 8 दिन के पुलिस रिमांड पर अंबाला इंटेरोगेशन सेंटर में भेज दिया गया। वहां पर रामबिलास शर्मा को बहुत अधिक यातनाओं का सामना करना पड़ा। शर्मा ने किसी तरह एक पत्र लिखकर वहां कार्यरत एक कर्मचारी के मार्फत प्रेमचंद गोयल को भिजवाया और अपने साथ बीती सारी बातों का उस पत्र में वर्णन किया। प्रेमचंद गोयल तथा उनकी पत्नी अन्नपूर्णा ने उस समय तानाशाही से जूझता हरियाणा पुस्तक लिखी जिसमें इमरजेंसी के दौरान रामबिलास शर्मा व अन्य लोगों के साथ की गई तानाशाही का भी वर्णन लिखा है।

बाद में रामबिलास शर्मा को मीसा के तहत रोहतक जेल लाया गया, वहां पर बीजू पटनायक, चौधरी देवीलाल, स्वतंत्रता सेनानी पंडित श्री राम शर्मा व पीलू मोदी भी जेल में बंद थे। उन सब ने रामबिलास शर्मा की हालत देखी और उन्हें गंभीर अवस्था में मेडिकल रोहतक भिजवाया। रोहतक मेडिकल के बाद पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा को अंबाला सेंट्रल जेल भिजवा दिया और अंबाला जेल से रामबिलास शर्मा को बिहार की गया जेल भिजवा दिया।

पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से की मुलाकात, कई मुद्दों पर चर्चा

Advertisement
Tags :
Advertisement