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आपातकाल काला अध्याय था : थरूर

05:56 AM Jul 11, 2025 IST
आपातकाल काला अध्याय था   थरूर
शशि थरूर
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तिरुवनंतपुरम, 10 जुलाई (एजेंसी)
वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा घोषित आपातकाल की आलोचना की। बाद में जनता ने उस दौर की ज्यादतियों का स्पष्ट जवाब उनकी पार्टी को बड़े अंतर से हराकर दिया। एक लेख में कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य ने इसे भारत के इतिहास का ‘काला अध्याय’ बताया और इंदिरा गांधी के पुत्र संजय गांधी के उन कृत्यों की आलोचना की जिसमें जबरन नसबंदी अभियान एवं नयी दिल्ली में झुग्गियों को बलपूर्वक गिराए जाने के मामले शामिल हैं। थरूर ने इस मामले में देश की पहली महिला प्रधानमंत्री की आलोचना की, जिन्हें नेहरू परिवार और कांग्रेस भारत की ‘आयरन लेडी’ मानती है।
थरूर ने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि दुर्भाग्यपूर्ण ज्यादतियां होने के बावजूद बाद में इन कृत्यों को कुछ गरिमा के साथ चित्रित किया गया। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान जो भी व्यवस्था स्थापित हुई हो, वह हमारे गणतंत्र की आत्मा की कीमत पर आई। उन्होंने कहा कि असहमति को दबाना, एकत्रित होने, लिखने और मुक्त होकर बोलने की स्वतंत्रता जैसे मौलिक अधिकारों का हनन और संवैधानिक कानूनों की घोर अवहेलना ने भारतीय राजनीति पर एक अमिट दाग ​​छोड़ दिया है। थरूर ने कहा कि न्यायपालिका ने बाद में संतुलन बहाल करने का प्रयास किया, लेकिन प्रारंभिक असफलता को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र एक अनमोल विरासत है जिसे निरंतर पोषित और संरक्षित किया जाना चाहिए। थरूर के अनुसार, आज का भारत 1975 का भारत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हम ज्यादा आत्मविश्वासी, ज्यादा विकसित और कई मायनों में ज्यादा मजबूत लोकतंत्र हैं। फिर भी, आपातकाल के सबक चिंताजनक रूप से प्रासंगिक बने हुए हैं।’ थरूर ने कहा, ‘आपातकाल एक कड़ी चेतावनी है। लोकतंत्र के प्रहरियों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए।’

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क्या बोले कांग्रेस के कुछ नेता

वरिष्ठ कांग्रेस नेता वीडी सतीशन ने कहा कि थरूर पार्टी की कार्यसमिति के सदस्य हैं और उनके द्वारा लिखे गए लेख पर राष्ट्रीय नेतृत्व को ही टिप्पणी करनी चाहिए। वरिष्ठ कांग्रेस नेता के. मुरलीधरन ने कहा कि ‘इस समय आपातकाल पर चर्चा प्रासंगिक नहीं है।’ कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने थरूर पर कटाक्ष करते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, ‘जब कोई सहकर्मी भाजपा की बातों को शब्दशः दोहराने लगता है, तो आप सोचने लगते हैं- क्या पक्षी तोता बन रहा है? नकल करना पक्षियों में अच्छा लगता है, राजनीति में नहीं।’

अहसास करने में 50 साल लग गए, पार्टी की सोच वही : भाजपा

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस नेता को आपातकाल की ज्यादतियों का एहसास होने में 50 साल लग गए, लेकिन पार्टी की सोच वही है। त्रिवेदी ने कहा, ‘बिहार में प्रदर्शन के दौरान राहुल गांधी की टिप्पणी इसी तरह की सोच को दर्शाती है कि संवैधानिक निकायों की वैधता उनकी चुनावी जीत या हार पर निर्भर करेगी।’ उन्होंने कहा कि पीढ़ियां बदल गई हैं, लेकिन सोच नहीं बदली है।

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