आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी
नयी दिल्ली, 16 जनवरी (ट्रिन्यू/एजेंसी)
सरकार ने बृहस्पतिवार को एक बड़े फैसले के तहत केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और पेंशनभोगियों के भत्तों में संशोधन के लिए आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी। इस कदम से केंद्र सरकार के लगभग 50 लाख कर्मचारियों और करीब 65 लाख पेंशनधारकों को लाभ होगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आठवें वेतन आयोग के गठन का निर्णय लिया है। गौरतलब है कि 7वें वेतन आयोग का गठन 2014 में किया गया था और इसकी सिफारिशें एक जनवरी, 2016 से लागू हुई थीं। इसकी अवधि 2026 में समाप्त हो रही है। आमतौर पर दस वर्ष में एक बार वेतन आयोग का गठन होता है।
वैष्णव ने कहा, ‘आयोग के अध्यक्ष और दो सदस्यों की नियुक्ति जल्द की जाएगी।’ मंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित होगा कि सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल पूरा होने से पहले इसकी सिफारिशें प्राप्त हो जाएं। नये आयोग की सिफारिशों से दिल्ली के लगभग चार लाख कर्मचारियों को लाभ होगा। इनमें रक्षा और दिल्ली सरकार के कर्मचारी शामिल हैं। (आमतौर पर, दिल्ली सरकार के कर्मचारियों के वेतन में केंद्रीय वेतन आयोग के साथ वृद्धि होती है।) सरकार ने 1947 के बाद से सात वेतन आयोग का गठन किया है। राज्य सरकारों के स्वामित्व में आने वाली ज्यादातर इकाइयां आयोग की सिफारिशों का अनुकरण करती हैं। अभी 53 प्रतिशत महंगाई भत्ता (डीए) चल रहा है। केंद्र सरकार द्वारा साल में दो बार- जनवरी और जुलाई में डीए बढ़ाया जाता है। जनवरी के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी पर केंद्र सरकार को फैसला लेना है।
कर्मचारी अभी भी लामबंद
कर्मचारी संगठनों ने आठवें वेतन आयोग के गठन के फैसले का स्वागत किया है। साथ ही कई मांगों को लेकर वे आंदोलनरत हैं। ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट एम्पलाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लाम्बा ने कहा, ‘यह देरी से उठाया गया आवश्यक कदम है। अब तुरंत अधिसूचना जारी होनी चाहिए।’ उन्होंने पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाल करने, खाली पदों को नियमित भर्ती से भरने, आयकर छूट सीमा बढ़ाकर 10 लाख करने, 18 माह के बकाया डीए/डीआर का भुगतान करने तथा विभागों में निजीकरण को बंद करने की मांग की है।