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अस्थायी कर्मचारियों को जॉब सिक्योरिटी देगी सरकार

04:07 AM Mar 02, 2025 IST

चंडीगढ़, 1 मार्च (ट्रिन्यू)
हरियाणा सरकार विधानसभा चुनाव के दौरान कर्मचारियों के साथ किया गया वादा पूरा करने का जा रही है। प्रदेश के विभिन्न विभागों, बोर्ड व निगमों में तैनात अस्थायी कर्मचारियों को जॉब सुरक्षा प्रदान की जाएगी।

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सरकार के इस फैसले से प्रदेश में एक लाख 20 हजार कर्मचारी लाभान्वित होंगे। जिन कर्मचारियों को इस पॉलिसी का लाभ मिलेगा वह सभी ऑउटसोर्सिंग पार्ट-वन के तहत नौकरी कर रहे हैं। हरियाणा के विभिन्न विभागों में तैनात अस्थायी कर्मचारी लंबे समय से पक्का करने की मांग कर रहे हैं। सरकार ने बीच का रास्ता निकालते हुए इन कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति की आयु तक जॉब सुरक्षा प्रदान करने का ऐलान किया था। अभी तक सरकार ने जो एक्ट नोटिफाई किया है, उसमें कहीं पर भी आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-1 एक का जिक्र नहीं है। जिस कारण कई विभागों के कर्मचारियों को जॉब सिक्योरिटी नहीं मिल पाई है।

आउट सोर्सिंग पार्ट-वन के तहत लगे कर्मचारियों को जॉब सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक्ट बनाने के मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी ने कई बैठकों के बाद नियमों का ड्राफ्ट तैयार कर मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी को भेज दिया है।

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मुख्य सचिव ने अपनी संस्तुति के बाद यह नियम मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के पास मंजूरी के लिए भेज दिए हैं। सीएम की मंजूरी मिलने के बाद नए नियम नोटिफाई हो जाएंगे। नए नियमों में अस्थायी कर्मचारियों को कांट्रेक्चुअल इंप्लॉयी की परिभाषा में बदलाव किया गया है।
कांट्रेक्चुअल इंप्लॉयी यानी एग्रीमेंट कर्मचारी से तात्पर्य उन व्यक्तियों से है जो पूर्णकालिक आधार पर एग्रीमेंट पर काम कर रहे हैं और आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-1 या पार्ट-2 के तहत या हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड के माध्यम से सीधे संबंधित विभाग द्वारा तैनात हैं।

योजना कैसे चढ़ेगी सिरे
नए नियमों का जो ड्राफ्ट तैयार किया है, उसमें स्पष्ट किया है कि अस्थायी नौकरी पर कार्यरत वे कर्मचारी भी हैं, जो आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-1 के तहत लगे हुए है। अधिनियम में भी लिखा हुआ है कि कोई भी अस्थायी कर्मचारी, जिसके 15 अगस्त, 2024 को 5 साल हो गए हैं और उसका वेतन 50 हजार रुपए से कम है, उन्हें जॉब सिक्योरिटी मिलेगी। अगर किसी कर्मचारी ने किसी विभाग में 3 साल काम किया है और उसे 240 दिन का वेतन मिला है, मगर चौथे साल में ब्रेक के कारण उसे 240 दिन का वेतन नहीं मिला है, मगर पांचवें और छठे साल में 240 दिन का वेतन मिला है तो उसकी 5 साल की सर्विस गिनी जाएगी। वह जॉब सिक्योरिटी का भी पात्र होगा। इसी तरह अगर एक कर्मचारी ने एक विभाग में चपरासी की 3 साल नौकरी की और 240 दिन का वेतन प्राप्त किया है, मगर बाद में वह हट गया तो उसके 3 साल पूरे माने जाएंगे। इसके बाद कर्मचारी फिर से छठे और सातवें वर्ष में उसने 240 दिन का वेतन हासिल किया है तो उसके पांच साल पूरे माने जाएंगे।

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