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अब तहसीलों के चक्कर नहीं, एसडीएम और डीआरओ कार्यालय में होगी रजिस्ट्री

11:15 AM Oct 12, 2023 IST
चंडीगढ़ में बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता करते हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर।

चंडीगढ़, 11 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
लोगों को तहसीलों में चक्कर काटने की जरूरत नहीं होगी। तहसीलदार और नायब-तहसीलदार जमीन की रजिस्ट्री करने में आनाकानी करते हैं या फिर बेवजह की देरी की जाती है तो ऐसी स्थिति में लोगों के पास दूसरे विकल्प भी होंगे। अब एसडीएम और डीआरओ (जिला राजस्व अधिकारी) भी जमीनों की रजिस्ट्री कर सकेंगे। सरकार के इस फैसले पर बुधवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी मिल गई। इतना ही नहीं, सरकार ने सभी सब-डिवीजन यानी उपमंडल को एक उप-जिला के रूप में बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। पंजीकरण अधिनियम-1908 की धारा 17 और 18 के तहत संपत्तियों के हस्तांतरण के दस्तावेजों के पंजीकरण के अधिकार एसडीएम और डीआरओ को देने के लिए कैबिनेट ने यह निर्णय लिया है। इसके बाद अब एसडीएम और डीआरओ के कार्यालय में भी जमीनों का पंजीकरण आसानी से हो सकेगा। एसडीएम और डीआरओ को उनकी तैनाती के स्थान पर उप-जिले के संयुक्त उप-पंजीयक के रूप में नामित किया गया है।
पंजीकरण अधिनियम, 1908 (1908 का केंद्रीय अधिनियम 16) की धारा 17 और 18 के तहत संपत्तियों के हस्तांतरण के दस्तावेजों के पंजीकरण के प्रयोजनों के लिए प्रत्येक तहसीलदार और नायब-तहसीलदार संबंधित उप-जिले का संयुक्त उप-रजिस्ट्रार होगा। यहां बता दें सरकार इस फैसले को लेकर 30 जून को ही सभी मंडलायुक्तों, जिला उपायुक्तों, एसडीएम, जिला राजस्व अधिकारियों, तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों आदि को आदेश जारी कर चुकी है।
मृत पुलिस कर्मियों के आश्रितों को रोजगार : कैबिनेट ने हरियाणा पुलिस के मृत पुलिस कर्मियों के 50 आश्रितों को क्लर्क पद पर नियुक्ति देने के लिए एक्स-पोस्ट-फैक्टो मंजूरी दी है। पुलिस विभाग में केवल 13 पद अनुग्रह कोटा (प्रत्यक्ष कोटा के 250 स्वीकृत पदों में से 5 प्रतिशत) के अंतर्गत आते हैं। सभी 13 पद पहले से भरे हुए हैं। ऐसे में अनुकंपा के आधार पर क्लर्क के पद पर नियुक्ति के लिए कोई पद रिक्त नहीं है। इस वजह से मृत पुलिस कर्मियों के आश्रितों को दिक्कतें आ रही थी। ऐसे में कैबिनेट ने क्लर्क के 50 पदों (जो सीधे कोटे के अंतर्गत आते हैं) के लिए नियमों में एक बार छूट देने का निर्णय लिया है ताकि क्लर्क के सीधे कोटे के पदों पर 50 आश्रितों को नियुक्ति दी जा सके।

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पत्रकारों की पेंशन बढ़ाकर 15 हजार

प्रदेश सरकार ने पत्रकारों की पेंशन को 10 हजार से बढ़ाकर 15 हजार मासिक करने का निर्णय लिया है। 60 वर्ष की उम्र पूरी कर चुके पत्रकारों को यह पेंशन मिलेगी। पेंशन के लिए पत्रकारिता में कम से कम 20 वर्षों का अनुभव अनिवार्य है। साथ ही, कम से कम पांच वर्षों के लिए सरकार से मान्यता प्राप्त होना चाहिए। किसी अन्य राज्य सरकार, समाचार संगठन से किसी भी प्रकार की पेंशन या मानेदय प्राप्त करने वाले पत्रकार को यह पेंशन नहीं मिलेगी। अगर किसी पत्रकार को केंद्र या राज्य सरकार या किसी भी सर्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम से 15 हजार से कम की पेंशन मिल रही है तो मीडिया कर्मियों को मिलने वाली 15 हजार की पेंशन में से उसे कम करके बाकी उसे दी जाएगी। परिवार में केवल एक ही सदस्य को पेंशन का लाभ मिल सकेगा।

मार्केट रेट तय करने को बदली नीति

मंत्रिमंडल ने सभी विभागों, बोर्ड-निगमों, पंचायती राज संस्थानों और शहरी स्थानीय निकायों के लिए राज्य में भूमि की बाजार दर निर्धारित करने की नीति में संशोधन किया है। 25 नवंबर, 2021 को इस संदर्भ में नीति नोटिफाई की थी। इस नीति को राज्य में सरकार के सभी विभागों, बोर्डों, निगमों और पंचायती राज संस्थानों और शहरी स्थानीय निकायों के लिए भूमि की बाजार दर निर्धारण नीति कहा जाएगा। जमीन खरीद के लिए उच्च स्तरीय भूमि खरीद समिति को भी बदल कर उच्च अधिकार प्राप्त भूमि खरीद समिति किया है।

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रोडवेज बस में अब ढाई, साढ़े 3 की टिकट नहीं

हरियाणा रोडवेज में अब ढाई, तीन या साढ़े 3 रुपये की टिकट नहीं कटेगी। फ्लैट रेट पांच रुपये तय किया है। इससे बेशक यात्रियों की जेब पर थोड़ा बोझ पड़ेगा, लेकिन सरकार ने यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य स्टेट कैरिज बसों के किराये में 5 रुपये तक के किराये को राउंड ऑफ करने की मंजूरी दी है।

अब पराली से चलेंगे ईंट-भट्ठे

हरियाणा सरकार ने फसलों के अवशेष जलाने की घटनाओं को 2027 तक पूरी तरह से खत्म करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए बुधवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में पराली एक्स-सीटू प्रबंधन पॉलिसी को मंजूरी दी गई। इसके तहत जैव ईंधन को अपनाने वाले उद्योगों, ईंट-भट्ठों, कागज उद्योगों, कार्ड बोर्ड और धान के भूसे का उपयोग करने वाले उद्यमियों को सरकार विशेष वित्तीय पैकेज देगी पॉलिसी के तहत पराली को काटने, एकत्रित करने, बेलने, भंडारण करने और भूसे-आधारित उद्योगों और संयंत्रों तक परिवहन के लिए उपयोग किए जाने वाले कृषि उपकरणों और मशीनरी पर किसान और संबंधित संगठन सब्सिडी के लिए भी पात्र होंगे। पराली जलाने के मामलों में कमी लाने, टिकाऊ ऊर्जा के लिए पराली का उपयोग करने और 2027 तक फसल अवशेष जलाने को खत्म करने के लिए पराली एक्स-सीटू प्रबंधन नीति कारगर सिद्ध होगी। सीएम का कहना है कि यह नीति पराली आधारित परियोजनाओं में निजी निवेश बढ़ाने, किसानों को पराली का उपयोग सुनिश्चित करने और किसानों व उद्योगों के बीच मजबूत संबंध स्थापित करने पर फोकस करेगी। यहां बता दें कि प्रदेश में हर वर्ष लगभग 30 लाख टन पराली उपलब्ध होती है। पराली से बिजली, बायोगैस, बायो सीएनजी, जैव-खाद, जैव-ईंधन, इथेनाल बनाए जा सकते हैं।

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