अनशन खत्म करने पर भी डल्लेवाल के अंग पूरी तरह काम नहीं कर पाएंगे
संगरूर, 5 जनवरी
खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन रविवार को 41वें दिन भी जारी रहा। डॉक्टरों ने मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए कहा कि डल्लेवाल के लिवर, किडनी व फेफड़ों पर विपरीत असर पड़ने लगा है। उन्होंने कहा कि डल्लेवाल का अनशन खत्म भी हो जाये, तो भी इस बात का खतरा है कि शायद उनके सभी अंग 100 फीसदी काम न कर पायें। डॉक्टरों ने कहा कि डल्लेवाल कई दिनों से ठीक तरीके से खड़े नहीं हो पा रहे हैं, इसलिए उनका सही वजन भी नहीं हो पा रहा है। डॉक्टरों ने बताया कि उनका 'मसल मास' बिल्कुल खत्म हो चुका है, जो शायद दोबारा रिकवर नहीं हो पाएगा। डॉक्टरों ने बताया कि उनके शरीर में खून साफ करने की क्षमता घट रही है। शनिवार शाम से डल्लेवाल को उल्टियां आ रही हैं। आज वह बोल भी नहीं पा रहे हैं।
इस बीच, उपायुक्त डाॅ. प्रीति यादव ने डल्लेवाल से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशानुसार जिला प्रशासन लगातार जगजीत सिंह डल्लेवाल के साथ बातचीत कर रहा है। रोजाना सिविल प्रशासन के अधिकारी उच्च स्तरीय मेडिकल टीम के साथ उनके स्वास्थ्य की जानकारी ले रहे हैं। एसडीएम अशोक कुमार और उनकी टीम खनौरी बार्डर पर 24 घंटे तैनात है। धरने के पास एक अस्थायी अस्पताल स्थापित किया गया है।
किसानों का जमीन देने से इनकार, पंजाब में 15 हाईवे प्रोजेक्टों पर रुका काम
रवींद्र शर्मा/ निस
बरनाला, 5 जनवरी
पंजाब में 15 प्रमुख हाईवे प्रोजेक्ट्स का काम रोक दिया गया है। इसकी वजह किसानों का विरोध है, जो जमीन देने से इनकार कर रहे हैं। इन हाईवे की लंबाई लगभग 604 किलोमीटर है। इनमें दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे, ब्यास-डेरा बाबा नानक, अमृतसर, अबोहर-फाजिल्का, अमृतसर बाईपास, मोगा-बाजाखाना, अमृतसर-बठिंडा, साउथ लुधियाना बाईपास, लुधियाना-बठिंडा शामिल हैं। इनके लिए नेशनल हाईवे अथाॅरिटी आॅफ इंडिया (एनएचएआई) ने 103 किलोमीटर भूमि चाहिये। किसान जमीन के मिल रहे मुआवजे से संतुष्ट नहीं हैं। उनकी मांग है कि बाजार भाव के अनुसार उनको जमीन का रेट मिले।
बरनाला में 20 दिन पहले भारत माला प्रोजेक्ट के तहत संधू कलां गांव में भूमि अधिग्रहण को लेकर विवाद हुआ था, गुस्से में 4 लोग बिजली के टावर पर चढ़ गये थे। प्रदर्शन कर रहे कई किसानों को पुलिस ने हिरासत में लिया था। टावर पर चढ़े युवक सतनाम सिंह ने कहा कि उन्हें जमीन और मकान का उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा। इस प्रोजेक्ट के बीच में उनका घर भी आ रहा है, जिसके लिए सिर्फ 60 लाख रुपये दिए जा रहे हैं, जबकि घर बनाने में एक करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।