अधर में लटका यमुनानगर थर्मल प्लांट का निर्माण
चंडीगढ़, 12 दिसंबर (ट्रिन्यू)
यमुनानगर जिले में बनने वाले थर्मल प्लांट का निर्माण कार्य अधर में लटक गया है। करीब दस माह पहले टेंडर अलॉट होने के बावजूद निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है, अब अधिकारियों की ढिलाई को देखकर उन्होंने फटकार लगाई है। जिसके चलते अब अधिकारी हरकत में आए हैं।
यमुनानगर में 800 मेगावाट यूनिट की क्षमता के नए दीनबंधु छोटू राम थर्मल पावर प्लांट का निर्माण 57 महीने में पूरा होना था। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में फरवरी माह के दौरान भारत हेवी इलेक्टि्रकल्स लिमिटेड को निर्माण के लिए 6900 करोड़ रुपए का टेंडर अलॉट किया था।
पूर्व सीएम ने यह मंजूरी हाई पावर वर्कर्स परचेज कमेटी की बैठक में दी थी। इस प्लांट में अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल यूनिट लगेगी। अभी तक सब-क्रिटिकल यूनिट लगी हुई हैं। यह पहले लगी यूनिट से 8 प्रतिशत ज्यादा क्षमता की हैं। इसमें कोयले की खपत कम होगी और बिजली सस्ती बनेगी। 800 मेगावाट की नई यूनिट मेक इन इंडिया की तर्ज पर होगी, यानी प्लांट पूर्णरूप से स्वदेशी होगा। मौजूदा समय में 300-300 मेगावाट की जो इकाई लगी हैं, उसमें चीन में बनी मशीनों का उपयोग हो रहा है। नई यूनिट की मशीनें स्वदेशी और आधुनिक होंगी।
इसकी चिमनियां व कूलिंग टावर छोटे होंगे। इस कारण तेजी से बिजली बनेगी और प्रदूषण भी कम होगा। इसके लिए 400 केवी लाइन अलग से बिछाई जाएगी। इसके बनने से युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। नया प्लांट लगने से जिले से 1400 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा।