न्यूयॉर्क, 23 मई (एजेंसी)ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय की विदेशी छात्रों को दाखिला देने की पात्रता को रद्द कर दिया है। इससे विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे हजारों विदेशी छात्रों के साथ 800 भारतीय छात्रों की कानूनी स्थिति को लेकर चिंता उत्पन्न हो गई है।अमेरिका की गृह मंत्री क्रिस्टी नोएम ने बृहस्पतिवार को विश्वविद्यालय को लिखे पत्र में कहा, ‘हार्वर्ड विश्वविद्यालय के छात्र एवं शैक्षणिक विनिमय प्रवेश कार्यक्रम (एसईवीपी) का प्रमाणन तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है। वर्तमान में हार्वर्ड में दुनिया भर से लगभग 10,158 छात्र और शोधकर्ता पंजीकृत हैं।‘हार्वर्ड इंटरनेशनल ऑफिस' की वेबसाइट के आंकड़ों के अनुसार विश्वविद्यालय के तहत सभी स्कूल में सत्र 2024-25 में भारत के 788 छात्र और शोधार्थी पंजीकृत हैं। ‘हार्वर्ड ग्लोबल सपोर्ट सर्विसेज' ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि हर साल 500-800 भारतीय छात्र और शोधकर्ता हार्वर्ड में अध्ययन करते हैं।पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन के कार्यकाल में एशियाई अमेरिकी, मूल हवाई द्वीप निवासी और प्रशांत द्वीपसमूह (एएएनएचपीआई) आयोग के सलाहकार रहे अजय भुटोरिया ने ट्रंप प्रशासन के इस फैसले पर नाराजगी जताई हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय छात्र अमेरिकी अर्थव्यवस्था में प्रतिवर्ष 9 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का योगदान देते हैं। यह फैसला हार्वर्ड में पढ़ रहे 500 से अधिक भारतीय छात्रों को सीधे तौर पर प्रभावित करता है जिससे उन्हें अगले शैक्षणिक वर्ष से पहले ही अमेरिका छोड़ने या देश में किसी और जगह स्थानांतरित होने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।