नाहन, 9 अप्रैल (निस)हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर की पांवटा वैली में हाथियों की बढ़ रही चहलकदमी को लेकर वन विभाग ने पुख्ता इंतजाम किए हैं। लोगों के लिए खौफ का सबब बन रहे इन हाथियों को अब मधुमक्खियों की फौज रिहायशी क्षेत्रों से दूर रखेगी। इसके लिए विभाग ने प्रोजेक्ट एलीफेंट के तहत सतीवाला बीट में ट्रायल के तौर पर मधुमक्खियों के 30 बॉक्स स्थापित किए हैं। इसके कारगर परिणाम सामने आने के बाद विभाग हाथी प्रभावित अन्य इलाकों में भी ऐसे ही बॉक्स स्थापित करेगा।वन विभाग की मानें तो हाथी मधुमक्खियों से डरते हैं, क्योंकि मधुमक्खियां उनकी आंख और सूंड में डंक मारती हैं। इसके साथ-साथ मधुमक्खियों की आवाज भी हाथियों को परेशान करती है। मधुमक्खियों से भरे डिब्बे हाथियों के रास्ते में रखने से उन्हें मानव बस्तियों में आने से रोका जा सकता है। लिहाजा, हाथी प्रभावित बहराल ब्लाक की सतीवाला बीट के तहत रिजर्व फॉरेस्ट मस्तली सी-1 के नजदीक लालूवाली एरिया में मधुमक्खी से भरे बॉक्स स्थापित कर दिए हैं। इस कार्य को मधुमक्खी पालन विशेषज्ञ डाॅ. अशोक, बहादुर सिंह, वन कर्मी दीपक शर्मा, गज मित्र गुरजीत सिंह की मदद ली गई।बता दें कि काफी समय से हाथी पड़ोसी राज्य उत्तराखंड के राजाजी नेशनल पार्क से बहराल होते हुए पांवटा साहिब घाटी में पहुंच रहे हैं। पिछले एक डेढ़ साल से 14-15 हाथी पांवटा साहिब के जंगलों को ही अपना स्थाई ठिकाना बना चुके हैं।वन मंडल पांवटा साहिब के डीएफओ ऐश्वर्य राज ने बताया कि रिहायशी इलाकों में हाथियों के आवागमन को रोकने के मकसद से संबंधित एरिया में मधुमक्खियों से भरे ये बॉक्स स्थापित किए गए हैं। वन विभाग हाथी प्रभावित इलाकों के लोगों को मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण भी दे रहा है।