हरियाणा से ‘सपनों की उड़ान’ को लगेंगे पंख, अयोध्या की फ्लाइट्स मंजूर
दिनेश भारद्वाज/ ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 2 फरवरी
हरियाणा के लोग भी अब अपने प्रदेश के एयरपोर्ट से हवाई सफर का आनंद उठा सकेंगे। हिसार स्थित महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल एयरपोर्ट और केंद्र की ही ‘उड़ान’ योजना के तहत अम्बाला कैंट का घरेलू हवाई अड्डा लगभग बनकर तैयार है। दोनों ही एयरपोर्ट से शुरुआती चरण में लखनऊ-अयोध्या के लिए फ्लाइट्स को भी मंजूरी मिल गयी है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से फाइनल एनओसी का इंतजार है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ये हवाई अड्डे प्रदेश के लोगों को समर्पित करेंगे। दोनों ही एयरपोर्ट केंद्रीय मंत्रालय के भी टॉप एजेंडे में हैं। हालांकि, निर्धारित समय के मुकाबले काफी देरी से अम्बाला और हिसार से उड़ान शुरू हो रही है। दोनों एयरपोर्ट का नब्बे प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। बाकी के दस प्रतिशत काम को निपटाने के लिए विभाग ने संबंधित एजेंसियों व ठेकेदारों को 28 फरवरी तक का टाइम दिया है। इस डेडलाइन में एजेंसियों को अपना काम निपटाना होगा।
हिसार एयरपोर्ट के मामले में कई बार सरकार की किरकिरी भी हुई है। पूर्व की मनोहर सरकार इसका उद्घाटन भी कर चुकी है, लेकिन यहां से फ्लाइट कभी नहीं चल पायी। बाद में इसे इंटरनेशनल एयरपोर्ट के तौर पर विकसित करने का भी निर्णय लिया गया। सूत्रों का कहना है कि एयरपोर्ट को ऑपरेशनल करने में हुई देरी पर केंद्र सरकार की ओर से भी राज्य सरकार को फटकार पड़ी है। इसी के चलते अब सरकार दोनों हवाई अड्डों के काम की गति में तेजी लायी है। हवाई अड्डों का काम पूरा होने के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी इनके उद्घाटन के लिए पीएम नरेंद्र मोदी से वक्त लेंगे। संभव है कि दोनों हवाई अड्डों का अलग-अलग समय में उद्घाटन किया जाये।
अम्बाला कैंट के एयरपोर्ट को लेकर कैबिनेट मंत्री अनिल विज भी काफी गंभीर रहे हैं। पिछले कार्यकाल में उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करके इस एयरपोर्ट को मंजूरी दिलवाई थी। यह सैन्य हवाई अड्डा होगा। हरियाणा सरकार की ओर से आर्मी को इसके लिए पैसा भी ट्रांसफर किया गया है।
इन शहरों तक होगी सर्विस
राज्य सरकार की ओर से दोनों एयरपोर्ट से देश के विभिन्न शहरों में हवाई सर्विस भी तय कर ली गयी है। सबसे पहले लखनऊ और अयोध्या के लिए फ्लाइट्स को मंजूरी मिल चुकी है। नयी दिल्ली, जयपुर, मनाली, जम्मू-कश्मीर, बनारस, उज्जैन सहित कई अन्य शहरों तक भी हवाई सफर किया जा सकेगा। शुरुआती चरण में अगर इन रूट्स पर अच्छा रिस्पाॅन्स नहीं मिलता तो रूट्स नये सिरे से भी तय किए जा सकते हैं। रिस्पाॅन्स मिलने पर फ्लाइट्स की संख्या चरणबद्ध तरीके से बढ़ाई जाएगी।
पहुंच चुके जरूरी उपकरण
हिसार और अम्बाला एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी के अलावा अन्य जरूरी उपकरण पहुंच चुके हैं। दोनों हवाई अड्डाें को ऑपरेशनल करने से पहले सिविल एविएशन एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की टीम द्वारा इनका फाइनल निरीक्षण भी किया जाएगा। यहां बता दें कि हवाई सर्विस के लिए निजी कंपनी के साथ सरकार पहले ही एग्रीमेंट साइन कर चुकी है। पहले चरण में 35 से 40 सवारी वाले छोटे विमान ही चलाए जाएंगे।
हिसार के महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल एयरपोर्ट के साथ-साथ केंद्र की उड़ान योजना के तहत अम्बाला कैंट का सैन्य हवाई अड्डा भी बनकर लगभग तैयार है। नब्बे प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। शेष कार्य के लिए अधिकारियों व संबंधित एजेंसियों के लिए 28 फरवरी तक की डेडलाइन तय की है। फाइनल एनओसी के लिए विभाग के अधिकारी डीजीसीए के साथ संपर्क बनाए हुए हैं। हरियाणा के विकास में ये दोनों हवाई अड्डे अहम भूमिका निभाएंगे। - विपुल गोयल, हरियाणा के नागरिक उड्डयन मंत्री