सोलन जिले के 12670 किसान कर रहे नेचुरल फार्मिंग
सोलन, 6 मार्च (निस) : आतमा परियोजना सोलन की उप परियोजना निदेशक डा. प्रियंका कंडवाल ने कहा कि प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत सोलन जिले के किसान प्राकृतिक खेती अपनाकर न केवल जहरमुक्त खेती को नकार रहे हैं बल्कि पेस्टीसाइड पर होने वाले खर्चे को खत्म कर रहे हैं। बृहस्पतिवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि अब तक जिला सोलन के 12,670 किसान प्राकृतिक खेती को अपना चुके हैं और 1915 हैक्टेयर भूमि पर मक्का, मूंग, उड़द सहित नकदी फसलों टमाटर, शिमला मिर्च, भिंडी, अदरक, फ्रासबीन आदि की खेती कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी 15 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया है।
डा. प्रियंका ने बताया कि मानव व पर्यावरण पर रसायनिक खेती के पड़ने वाले दुष्प्रभावों से बचाने और पर्यावरण व बदलते जलवायु परिवेश के समरूप कृषि का मार्ग प्रशस्त करने के लिए इस योजना के सफल परिणाम देखने को मिल रहे हैं।
किसानों द्वारा इस विधि को अपनाने का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश की 35584 पंचायतों में 2 लाख 15 हजार से अधिक किसान 37 हजार हैक्टेयर भूमि में प्राकृतिक खेती से विविध फसलें ले रहे हैं। इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के उत्पादों को प्राथमिकता के आधार पर खरीदने के साथ गेहूं व मक्का के लिए सबसे अधिक 40 और 30 रुपए का समर्थन मूल्य तय किया है। इसके तहत प्रत्येक प्राकृतिक खेती किसान परिवार से 20 क्विंटल तक अनाज खरीदा जा रहा है।
किसानों ने विधिवत रूप से लिया प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण : डा. कंडवाल ने बताया कि प्रदेश की तर्ज पर जिला सोलन में इस परियोजना को परियोजना निदेशक आतमा की देखरेख में लागू किया गया है। जिले में अभी तक 620 प्रशिक्षण शिविर लगाए जा चुके हैं और 13077 किसानों को प्रशिक्षण दिया गया है। इसमें से 12,670 किसानों ने विधिवत रूप से प्राकृतिक खेती को अपना लिया है। इन किसानों को सितारा पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण व प्रमाणीकरण किया जाता है। जिले में अभी तक 10 हजार किसानों को प्रमाणित किया जा चुका है।