नयी दिल्ली, 15 अप्रैल (एजेंसी)प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड अख़बार से जुड़े मामले में 988 करोड़ रुपये के धनशोधन के आरोप में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। विशेष जज विशाल गोगने ने 9 अप्रैल को दाखिल इस आरोपपत्र का संज्ञान लिया और सुनवाई की अगली तारीख 25 अप्रैल निर्धारित की। आरोपपत्र में कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा और सुमन दुबे के नाम भी आरोपी के तौर पर शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि अन्य आरोपियों में यंग इंडियन, डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड और सुनील भंडारी शामिल हैं।इससे पहले, शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय ने 661 करोड़ रुपये की उन अचल संपत्तियों को कब्जे में लेने के लिए नोटिस जारी किया था, जिसे उसने कांग्रेस नियंत्रित नेशनल हेराल्ड और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) से जुड़े धनशोधन मामले की जांच के तहत कुर्क किया था।ईडी की जांच 2021 में तब शुरू हुई थी, जब दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत में एक मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने 26 जून, 2014 को भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत का संज्ञान लिया था। ईडी ने कहा कि शिकायत में कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियों की आपराधिक साजिश को उजागर किया गया है, जिसमें सोनिया, उनके सांसद पुत्र राहुल, कांग्रेस के दिवंगत नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस के अलावा दुबे, पित्रोदा और निजी कंपनी यंग इंडियन शामिल हैं। ईडी के अनुसार, ये सभी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) से संबंधित 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों के धोखाधड़ी से अधिग्रहण से जुड़े धनशोधन में शामिल हैं।एजेएल नेशनल हेराल्ड समाचार प्लेटफॉर्म (समाचार पत्र और वेब पोर्टल) का प्रकाशक है, जिसका स्वामित्व यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के पास है। सोनिया और राहुल गांधी, यंग इंडियन के शेयरधारक हैं। कुछ साल पहले इस मामले में ईडी ने उनसे घंटों पूछताछ की थी। ईडी ने दावा किया कि उसकी जांच में निर्णायक रूप से पाया गया है कि सोनिया और राहुल गांधी के लाभकारी स्वामित्व वाली कंपनी यंग इंडियन ने 2,000 करोड़ रुपये की एजेएल संपत्ति मात्र 50 लाख रुपये में खरीदी। ईडी ने आरोप लगाया है, ‘यंग इंडियन और एजेएल की संपत्तियों का इस्तेमाल 18 करोड़ रुपये के फर्जी दान, 38 करोड़ रुपये के फर्जी अग्रिम किराये और 29 करोड़ रुपये के फर्जी विज्ञापनों के रूप में अपराध की आय अर्जित करने के लिए किया गया।'कांग्रेस ने बताया राजनीतिक प्रतिशोधकांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि जिस ‘नेशनल हेराल्ड’ मामले में आरोपपत्र दाखिल किया गया है, वो फर्जी है और उसमें कोई तथ्य नहीं है। सिंघवी ने दावा किया कि यह सब राजनीतिक प्रतिशोध की भावना के तहत किया गया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यह प्रधानमंत्री और गृह मंत्री द्वारा की गयी बदले की राजनीति एवं डराने-धमकाने की कोशिश के अलावा कुछ नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों को जब्त करना कानून के शासन का मुखौटा लगाकर किया गया एक राज्य प्रायोजित अपराध है। रमेश ने जोर देकर कहा, ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और उसका नेतृत्व चुप नहीं बैठेगा। सत्यमेव जयते!’