सीमेंट खराब निकले तो विक्रेता जिम्मेदार
दावों के विपरीत खरीदी गयी सीमेंट आदि निर्माण सामग्री दोयम दर्जा निकले तो इसके लिए विक्रेता कंपनी-डीलर जिम्मेदार होंगे। उपभोक्ता की शिकायत पर खराब सीमेंट बेचने के मामले में जिला उपभोक्ता अदालत मोहाली ने अपने फैसले में सीमेंट निर्माता कम्पनी और उसके डीलर पर हर्जाना लगाया है। इसी प्रकार बिल्डर से खराब गुणवत्ता का मकान मिलने पर भी उपभोक्ता को न्याय पाने का अधिकार है।
श्रीगोपाल नारसन
अगर आप अपना घर बना रहे हैं और जो सीमेंट आप खरीदते हैं वह खराब है, तो आप विक्रेता से मुआवजा प्राप्त करने के लिए उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। उपभोक्ता संरक्षण कानून 2019 के तहत, विक्रेता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह जो भी सामान बेच रहा है, वह अच्छी गुणवत्ता का हो। यदि सामान खराब निकलता है, तो उपभोक्ता को हुए नुकसान के लिए विक्रेता को मुआवजा देना होगा। निर्माता कम्पनी द्वारा खराब सीमेंट बेचने के मामले में जिला उपभोक्ता अदालत मोहाली, पंजाब की अध्यक्ष ने एक आदेश में सीमेंट निर्माता कम्पनी और उसके डीलर पर एक लाख रुपए का हर्जाना किया है।
दावा था लीकेज फ्री सीमेंट का
मोहाली के एक दंपति ने जिला उपभोक्ता आयोग में अपनी शिकायत में कहा था कि उन्होंने मई 2013 में एक प्रतिष्ठित सीमेंट कम्पनी से 120 बैग सीमेंट खरीदा था, कंपनी का दावा था कि इस नए सीमेंट ब्रांड में 11 नए फीचर्स हैं, जिसमें यह भी कहा गया था कि इसमें लीकेज और सीलन से दीवार का बचाव होगा। इस आधार पर शिकायतकर्ता ने 39,600 रुपए में इस ब्रांड का सीमेंट खरीदा, जिससे उन्होंने अपने नए घर का निर्माण कराया, लेकिन 28 अगस्त को शटरिंग खोली गई तो उसमें क्रैक्स पड़ गए और सीमेंट के टुकड़े गिरने लगे। पानी डालने पर नीचे लीकेज होने लगी। इसकी शिकायत सीमेंट कम्पनी के अधिकारियों से की गई। उन्हें लीगल नोटिस भी भेजा गया, परन्तु उन्होंने इस मामले में कुछ भी करने से इनकार कर दिया।
कंपनी की दलील पर आयोग का आदेश
शिकायत के जवाब में सीमेंट निर्माता कम्पनी ने तर्क दिया कि सीमेंट का सही तरीके से इस्तेमाल होना आवश्यक है। तभी उस सीमेंट के फायदे मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता ने ठीक तरीके से सीमेंट और रेत का मिश्रण नहीं किया होगा, जिस कारण यह दिक्कत आई। इसलिए कंपनी इसके लिए जिम्मेदार नहीं है। जिस पर उपभोक्ता अदालत ने अपने आदेश में कहा कि सीमेंट निर्माता कम्पनी द्वारा सैंपल की रिपोर्ट पेश न करना ही इस बात का सबूत माना जा सकता है। सीमेंट में कोई कोई खामी रही होगी। उपभोक्ता अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद सीमेंट निर्माता कम्पनी और उसके डीलर को सेवा में खामी का दोषी मानते हुए एक लाख रुपए हर्जाना देने के निर्देश दिए हैं।
एक्सपायर सीमेंट बिक्री का मामला
ऐसे ही अन्य मामले में ब्रांडेड सीमेंट के नाम पर एक्सपायर सीमेंट को नए कट्टों में भरकर बिक्री करने के मामले में सीमेंट निर्माता कंपनी के कर्मचारी की ओर से की गई शिकायत पर पुलिस ने कॉपीराइट अधिनियम के तहत एक मुकदमा दर्ज किया। नकली सीमेंट बनाने की एक सूचना पर एसडीएम द्वारा मारे गए एक गोदाम के छापे में करीब 1200 सीमेंट के कट्टे, 250 खाली बैग आदि बरामद हुए थे। आरोप था कि यहां पर एक्सपायर सीमेंट को साफ कराकर नए कट्टों में भरकर ब्रांडेड कंपनी के नाम पर बेचा जाता था। टीम ने उसी दिन गोदाम को सील कर दिया।
फ्लैट की गुणवत्ता खराब निकलने पर...
निर्माण सामग्री की ही तरह अगर आपने कोई फ्लैट या घर खरीदा और उसकी गुणवत्ता खराब निकल गई,तो इसकी शिकायत भी आप उपभोक्ता आयोग में कर सकते हैं। दिल्ली राज्य उपभोक्ता अदालत ने अपने एक निर्णय में व्यवस्था दी है कि अगर कोई व्यक्ति सेवा में कमी के लिए मुआवजा मांगता है, चाहे उसने प्रॉपर्टी पर कब्जा ले लिया हो या नहीं,तो बिल्डर व डेवलपर्स दोनों की जिम्मेदारी है कि वे उपभोक्ता को गुणवत्ता युक्त सेवा उपलब्ध कराएं। घटनाक्रम में एक महिला को दिल्ली में एक फ्लैट अलॉट हुआ था, जब उसने फ्लैट का कब्जा लिया, तो वह बुरी हालत में था, दीवारें जर्जर थी व मरम्मत की जरूरत थी। महिला ने बदहाल फ्लैट को लेकर मुआवजे की मांग की। उसने भरपाई के लिए 20 लाख रुपये मुआवजा मांगते हुए जिला उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज कराई। बाद में दिल्ली राज्य उपभोक्ता अदालत में भी अपील की। राज्य उपभोक्ता अदालत की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए अपने फैसले में कहा कि अगर कोई व्यक्ति सर्विस की कमी के लिए मुआवजा मांगता है, चाहे वह उस संपत्ति पर कब्जा ले लिया हो या नहीं, तो बिल्डर और डेवलपर्स की जिम्मेदारी है कि वे उपभोक्ताओं को क्वालिटी सर्विस दें। कोर्ट ने कहा कि कब्जा लेने या रजिस्ट्री पूरी होने के बाद भी अगर किसी सर्विस में कमी होती है, तो उपभोक्ता मुआवजे का हकदार होगा।
-लेखक उत्तराखंड राज्य उपभोक्ता आयोग के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं।