सनातन संस्कृति का विस्तृत विवरण
सत्यव्रत बेंजवाल
डॉ. संदीप कुमार शर्मा द्वारा लिखित पुस्तक ‘हिन्दू हिंदुत्व’ एक पठनीय कृति है। इसमें हिन्दू और हिंदुत्व की उत्पत्ति तथा नामकरण पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है। लेखक के अनुसार, ‘हिन्दू’ शब्द की उत्पत्ति आर्यावर्त (भरतखंड) की संस्कृति के दोहन से हुई तथा सिंधु नदी के तट पर पश्चिमी भूखंड के लिए जन्मे नवीन शब्द ‘हिन्द’ से ‘हिन्दू’ शब्द बना।
कुछ विद्वानों का मानना है कि हिन्दू धर्म वेदों, प्राचीन धार्मिक ग्रंथों, पुराणों, उपनिषदों, स्मृति ग्रंथों तथा ऐतिहासिक साक्ष्यों पर आधारित है। लेखक ने पुस्तक में इसी दृष्टिकोण को साक्ष्यों सहित प्रस्तुत किया है।
पौराणिक साक्ष्यों के आधार पर लेखक ने पृथ्वी को सप्तद्वीपों में विभाजित बताया है—जैसे जम्बूद्वीप, प्लक्षद्वीप, शाल्मलद्वीप, कुशद्वीप, क्रौंचद्वीप, शाकद्वीप एवं पुष्करद्वीप। ‘हिन्दू’ शब्द से ही 'हिंदुत्व' नामक नवीन शब्द की उत्पत्ति मानी गई है। लेखक का यह भी मानना है कि समस्त महर्षियों एवं मनीषियों ने सम्पूर्ण मानव जाति को एक विज्ञानसम्मत जीवनशैली प्रदान की, जिससे सनातन धर्म का नया प्रारूप प्रचलित हुआ, जिसे आज ‘हिंदुत्व’ कहा जाता है। लेखक का मानना है कि हिंदुस्तान में रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति हिंदू है।
पुस्तक में क्रमबद्ध रूप से हिंदुओं की जीवन शैली, सोलह संस्कार, स्त्रियों के आभूषण एवं शृंगार, पूजा-अर्चना की पद्धति, शिखा (चोटी) का महत्व, कलाओं के रहस्य, तीज-त्योहार, चंदन, यज्ञ आदि पर विस्तृत चर्चा की गई है। साथ ही, स्त्री समाज में मां, बेटी, बहू की भूमिका, सनातन धर्म के आदर्श—पंडित, अतिथि, देवता, गुरु की महिमा, वेद, पुराण, उपनिषद, स्मृति ग्रंथों के उल्लेख के साथ-साथ ज्योतिष, काल-गणना तथा हिंदुत्व पर भी गहन विचार प्रस्तुत किया गया है। लेखक ने उपवास और व्रतों को वैदिक काल में आत्मिक उन्नति के साधन के रूप में वर्णित करते हुए 11 प्रकार के उपवासों की जानकारी दी है।
पुस्तक में योग, विज्ञान, कर्म, वैराग्य, भक्ति, आहार-विहार, परिधान तथा बदलती परंपराओं पर भी विचार प्रस्तुत किया गया है। पुस्तक को सही मायनों में ‘गागर में सागर’ भरने जैसा बना दिया गया है।
पुस्तक : हिन्दू हिंदुत्व लेखक : डॉ. संदीप कुमार शर्मा प्रकाशक : डायमंड पॉकेट बुक्स, नयी दिल्ली पृष्ठ : 222 मूल्य : रु. 250.