गुरतेज सिंह प्यासा/ निससंगरूर, 10 जूनपंजाब सरकार के निर्देश पर मालवा क्षेत्र संगरूर जिले में धान की बिजाई शुरू हो गई है। पंजाब सरकार व कृषि विभाग की ओर से सीधी बिजाई का बड़े पैमाने पर प्रचार-प्रसार करने के बावजूद अधिकतर किसान बिजाई कर धान लगाने पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। संगरूर में इस साल 2 लाख 93 हजार हेक्टेयर में धान की बिजाई होनी है। गौरतलब है कि संगरूर, मालेरकोटला, बरनाला, मानसा, लुधियाना, पटियाला, मोगा, कपूरथला व नवांशहर में 9 जून से धान लगाने का काम शुरू हो गया है। हालांकि इससे पहले कुछ किसानों ने धान की सीधी बिजाई का काम मुकम्मल कर लिया है।धान की बिजाई के लिए कृषि विभाग, बिजली विभाग व अन्य संबंधित विभागों ने कमर कस ली है। प्रचार-प्रसार के बावजूद किसान कृषि योग्य भूमि में बिजाई कर धान लगाने को प्राथमिकता दे रहे हैं और धान की सीधी बिजाई का लक्ष्य पूरा नहीं हो सका। किसानों को मजदूरों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। गांव बडरुखां व उभावाल के किसान सुखविंदर सिंह, गुरनाम सिंह व जीत सिंह ने बताया कि इस बार मजदूर महंगे मिल रहे हैं, क्योंकि भारत-पाक के बीच युद्ध की स्थिति को देखते हुए अधिकतर मजदूर बिहार व अन्य राज्यों में अपने घर लौट गए थे। जो मजदूर गांवों में बस गए हैं, वे किसानों के संपर्क में हैं।थोड़ी संख्या में मजदूर पंजाब की ओर जा रहे हैं। किसान नायब सिंह, धन्ना सिंह, मेजर सिंह व मुकंद सिंह ने बताया कि खेतों में आठ घंटे बिजली आपूर्ति शुरू कर दी गई है। जुताई के बाद सूखे खेतों में पानी छोड़ दिया गया है, लेकिन बढ़ते तापमान, मजदूरों की कमी व पौध के छोटे आकार के कारण अभी सीजन ने गति नहीं पकड़ी है। किसानों को धान की बिजाई करवाने के लिए प्रति एकड़ 500 से 1000 रुपये अधिक खर्च करने पड़ सकते हैं। पिछले साल मजदूरों ने किसानों से प्रति एकड़ धान लगाने के लिए 4 हजार रुपये लिए थे, लेकिन इस बार वे 4500 से 5 हजार रुपये मांग रहे हैं।