संगरूर, 7 जून (निस)डिप्टी कमिश्नर, संगरूर संदीप ऋषि ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार जिले में पूसा-44 और पीली पूसा किस्मों की बिजाई पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है, क्योंकि अतिरिक्त समय लगने के कारण इसमें पानी की खपत अधिक होती है और कीटनाशकों, खादों की लागत भी अधिक आती है। इन किस्मों की पराली अधिक होने के कारण किसान पराली को आग लगा देते हैं, जिससे पर्यावरण भी प्रदूषित होता है। डिप्टी कमिश्नर ने किसानों को निर्देश दिए कि यदि कोई भी किसान जिले में पूसा-44 और पीली पूसा किस्मों की बिजाई और रोपाई करता है तो इसे सरकारी आदेश का उल्लंघन माना जाएगा। इसलिए किसानों को पूसा-44 और पीली पूसा किस्मों की बुवाई-रोपाई नहीं करनी चाहिए। डिप्टी कमिश्नर ने किसानों से अपील की कि वे कृषि विविधीकरण को बढ़ावा देने, भूजल को बचाने और किसानों को आर्थिक रूप से और मजबूत करने के लिए धान के विकल्प के रूप में मक्का की बुवाई करें। धान के अधीन क्षेत्र को कम करके मक्का के अधीन लाने के लिए सरकार द्वारा एक पायलट प्रोजेक्ट लाया गया है।