संकल्पों पर अमल से ही होगी जिंदगी खुशहाल
मन के भीतर से मिलने वाली खुशी अनमोल है। वह किसी पैसे व साधन की मोहताज नहीं। यह भी कि उस प्रसन्नता की तलाश आपको खुद करनी होगी। बस जरूरत है लिये गये संकल्पों की दिशा में ईमानदार व लगातार प्रयासों की। बेहतर है दृढ़ रहकर उन संकल्पों को मंत्र मानकर जीवन में उतारा जाये।
दीप्ति अंगरीश
साल का पहला महीना बीतने वाला है। तो जरा उन संकल्पों पर विचार किया जाये जो आपने साल की शुरुआत में लिये थे। वे संकल्प स्मृति में दर्ज तो हैं पर उन्हें अमल में लाने की बात आये तो आप खुद को बहाने बता देते हैं। लेकिन यदि इन्हें दृढ़ता से अपनाएं तो ये संकल्प आपकी पर्सनैलिटी बदल देंगे। इसके साथ ही आप जीवन में खुश रहें। इसके लिए पैसा नहीं बल्कि आपका मजबूत इरादा चाहिए। एक बार इन्हें जीवन में उतार लें तो फिर वही जिंदगी जो अभी तक बोरिंग लग रही थी, हंसती-खिलखिलाती सी लगेगी। जब हम प्यार, ईमानदारी, सम्मान, और दृढ़ता को प्राथमिकता देना शुरू करते हैं और स्वस्थ आदतें अपनाते हैं, तो एक संतोषजनक और समृद्ध जीवन जीने की राहें बन जाती हैं। दरअसल, हर छोटा कदम अंतत: बड़ा बदलाव ला सकता है। जिस जीवन की आप ख्वाहिश रखते हैं, वह आपके हाथ में है- आपको बस सही आदतें अपनानी हैं।
सुबह जल्दी उठने की आदत
आप रोजाना सुबह 4 बजे सोकर उठेंगे, तो दैनिक जीवन का हर काम अच्छे से कर पाएंगे। शुरू में जल्दी जागना आपको मुश्किल लग सकता है। लेकिन एक बार आदत बन जायेगी तो आप बिना अलार्म के उठ जाएंगे। इसका सबसे ज्यादा फायदा होगा कि आपको 20 मिनट का ‘मी-टाइम’ मिल जाएगा। यानी अपने लिए 20 मिनट, जहां आप ये समय खुद के साथ बिता पाएंगे, जिससे आपको मानसिक शांति का अहसास होगा। सुबह जल्दी उठने के लिए बस पहली रात दस बजे के बाद स्क्रीन से दूर जाना होगा। यकीन मानिए, ऐसा करने से आपका हर काम सुव्यवस्थित होता चला जायेगा। दरअसल, यह समय सुकून और स्पष्टता प्रदान करने वाला होता है। ऐसा करके महसूस होगा कि ‘अत्यधिक स्क्रीन टाइम से मेरी नींद और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा था, इसलिए मैंने 10:30 के बाद स्क्रीन से दूर रहना शुरू किया जिसका सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।’
जीवन है हीरे जैसा
कई बार होता है कि लोग किसी कार्य में सफलता नहीं मिलने पर हार जाते हैं और जीवन को व्यर्थ मानने की बात सोच सकते हैं। जरूरी है इस हालत से उबरें। कभी अतिवादी कदम उठाने के बारे में न सोचें। जीवन कठिन हो सकता है, लेकिन हर मुश्किल समय के बाद सुख के पल आते हैं। दर्द को असहनीय मानने से पहले विचार करें कि कठिनाई अस्थायी है और बेहतर समय आने वाला है। मन में बैठा लें कि जीवन खूबसूरत है। ...और इसे और खूबसूरत बनाएं कुछ आदतों से जैसे रोज पढ़ने और जर्नलिंग की प्रैक्टिस। दोनों आदतों से आपकी सोच का विस्तार होगा और नए विचारों से जुड़ते जाएंगे । इससे आपको अपनी स्थिति बेहतर तरीके से समझने और समस्याओं को हल करने में मदद मिलेगी।
कुछ दूरियां हैं जरूरी
आप उन लोगों पर समय बर्बाद नहीं करें जो आपको जैसे हैं वैसे स्वीकार नहीं करते। खुद को सच्चा बनाए रखें और उन लोगों से जुड़े रहें जो आपको बिना किसी शर्त के प्यार करते हैं। कभी भी दूसरों के संदेहों को अपने ऊपर हावी न होने दें। खुद पर विश्वास करें और लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध रहें। खुद पर भरोसा है, तो कोई भी कठिनाई आपको आगे बढ़ने से रोक नहीं सकती। वहीं धोखा देना यानी विश्वासघात सबको आहत ही करता है। रिश्तों में विश्वास और ईमानदारी बहुत महत्वपूर्ण हैं, और धोखा देने से यह नींव नष्ट हो जाती है। ऐसे लोगों से कन्नी काट लें।
उम्मीद से दोस्ती
कभी भी अपनी उम्मीदें न खोएं। कुछ नया शुरू करना मुश्किलों भरा हो सकता है, लेकिन आशा और दृढ़ता से हम किसी भी नए प्रयास को सफल बना सकते हैं। अगर आपको अपने पर भरोसा है तो हर काम सफल होगा। जबकि कई बार ऐसा होता है कि निरंतर असफलताएं मिलती रहती हैं। ऐसे में प्रयास नहीं छोड़ें। अपने सपनों को दूर नहीं होने दें खुद से। सपनों का पीछा करना न छोड़ें। बेशक विफलताएं आएं, लेकिन अपने लक्ष्य के प्रति विश्वास बनाए रखना चाहिए। असल में, हमारे सपने हमें कठिन समय में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।
मेहनत का हासिल
कभी भी पैसे, प्यार या मदद के लिए भीख नहीं मांगें। ये सब चीजें मेहनत और संघर्ष से ही मिलती हैं। अगर किसी व्यक्ति ने आपको छोड़ दिया है, तो उसके पास जाने के लिए दीनता दिखाना छोड़ दें। बस, अपना काम करते रहें। यदि कोई चीज आपके पास आनी होगी, तो वह आ जाएगी। याद रखें, मांगने से आपकी जरूरतें पूरी नहीं हो सकती और मिल भी जायें तो वे वस्तुएं आपको कभी खुशी नहीं दे सकतीं।