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शाह ने सहकारिता क्षेत्र को प्रौद्योगिकी और पारदर्शिता का दिया मंत्र

05:00 AM Jul 07, 2025 IST
शाह ने सहकारिता क्षेत्र को प्रौद्योगिकी और पारदर्शिता का दिया मंत्र
केंद्रीय मंत्री अमित शाह।
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आणंद, 6 जुलाई (एजेंसी)केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने रविवार को सहकारिता क्षेत्र के नेताओं से अपील की कि वे पारदर्शिता, प्रौद्योगिकी के उपयोग और सहकारी संगठनों के सदस्यों के हितों को अपनी कार्य संस्कृति में सर्वोच्च स्थान दें। सहकारिता मंत्रालय के चौथे स्थापना दिवस के अवसर पर यहां अमूल डेयरी के परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के बिना सहकारी समितियां समृद्ध नहीं हो सकतीं। उन्होंने कहा, हमारे कार्यक्षेत्र में लोगों के हितों को केंद्र में रखना भी महत्वपूर्ण है। शाह ने सहकारी समितियों से इन तीन सिद्धांतों को अपनी कार्य संस्कृति में शामिल करते हुए देश के हर गांव में इनका प्रचार करने का आह्वान किया।
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उन्होंने कहा कि गुजरात में नमक सहकारी समिति की शुरुआत सहित कार्यक्रम के दौरान शुरू की गई दस पहलों से अमूल की तरह एक मजबूत ब्रांड का निर्माण होगा। गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सहकारिता क्षेत्र में दो लाख प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसी) का पंजीकरण, पहले राष्ट्रीय सहकारिता विश्वविद्यालय त्रिभुवन की नींव और डेयरी क्षेत्र में तीन नयी राष्ट्रीय सहकारी समितियों का निर्माण किया गया है। शाह ने इस क्षेत्र से पांच 'पी' - 'पीपुल्स' (जनता), 'पीएसी', 'प्लेटफॉर्म' (मंच), 'पॉलिसी' (नीति) और 'प्रोस्पेरिटी' (समृद्धि) पर ध्यान देने का आग्रह किया। मंत्री ने कहा कि चार साल पहले पीएम मोदी ने 'सहकारिता से समृद्धि' के मंत्र के साथ मंत्रालय की नींव रखी थी, जिससे सहकारी व्यवस्था में नयी जान आई। उन्होंने कहा कि दुग्ध सहकारी संस्था अमूल का वार्षिक कारोबार अगले साल 80,000 करोड़ रुपये से बढ़कर एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा।

शाह ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि भी अर्पित की। उन्होंने कहा कि मुखर्जी के बिना कश्मीर कभी भी भारत का अभिन्न अंग नहीं बन पाता। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के भारत का हिस्सा बनने का पूरा श्रेय मुखर्जी और स्वामी प्रणवानंद को जाता है। उन्होंने कहा, 'मुखर्जी (जो उस समय उद्योग मंत्री थे) ने तुष्टिकरण की नीति के विरोध में जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। जिस जनसंघ की शुरुआत उन्होंने 10 सदस्यों के साथ की थी, वह आज 12 करोड़ सदस्यों वाली भाजपा के रूप में दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन गई है।' शाह ने अमूल की कुछ नयी बुनियादी ढांचा विस्तार परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया।

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