शंभू बॉर्डर पर एक और किसान की मौत, अब तक 40 की गई जान
राजपुरा, 31 जनवरी (निस)
शंभू बॉर्डर पर किसानों के विरोध स्थल पर शुक्रवार को 65 वर्षीय परगट सिंह की मौत हो गई। वे अमृतसर की लोपाेके तहसील के गांव कक्कड़ के निवासी थे।
किसान मजदूर मोर्चा के प्रमुख सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि परगट सिंह सुबह शौच के लिए गए थे, तभी अचानक बेहोश होकर गिर पड़े। साथी किसानों ने तुरंत उन्हें राजपुरा के सरकारी अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परगट सिंह के पास दो एकड़ भूमि थी और वे अपने पीछे तीन बच्चों को छोड़ गए हैं। पंधेर ने कहा कि सरकार हमारी मांगें कब मानेगी, यह कोई नहीं जानता। लेकिन हम मांग करते हैं कि सरकार मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा दे और किसानों के बैंक व निजी वित्तीय संस्थानों से लिए गए कर्ज को माफ किया जाए।
किसान प्रगट सिंह के निधन से शंभू बॉर्डर पर मौजूद किसानों में गहरा शोक है। किसानों ने कहा कि किसान प्रगट सिंह एक मजबूत और दृढ़ निश्चयी किसान थे, जो हमेशा किसानों के हितों की रक्षा के लिए लड़ते रहे। किसान प्रगट सिंह का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव कक्कड़ में किया जाएगा।
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल द्वारा सभी किसान संगठनों से मतभेद भुलाकर एकता स्थापित करने की अपील के बावजूद, भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के प्रमुख जोगिंदर सिंह उग्राहन ने कहा कि 12 फरवरी को प्रस्तावित अगली वार्ता पर अब तक किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) से कोई जवाब नहीं मिला है।
आंदोलन की वर्षगांठ पर महापंचायतें
किसान आंदोलन 2.0 की पहली वर्षगांठ 13 फरवरी को पूरी हो रही है। इस मौके पर 11 से 13 फरवरी तक तीन किसान महापंचायतों का आयोजन किया जाएगा। किसान नेताओं इंदरजीत सिंह कोटबुद्धा, लखविंदर सिंह औलख और सुखजीत सिंह हार्डो झंडे ने घोषणा की कि ये महापंचायतें संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के संयुक्त बैनर तले होंगी।