वैश्विक तनाव में सोने की कीमतों में उछाल
04:00 AM Feb 22, 2025 IST
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विश्व के कुछ भागों में भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने के कारण भी सोने की चमक चमकीली हो रही है। गोल्ड ईटीएफ में निवेश बढ़ने से भी सोने की मांग बढ़ रही है। इधर, शेयर बाजार में हाल में आई गिरावट की वजह से निवेशकों का रुझान सोने की तरफ बढ़ रहा है।
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सतीश सिंह
चौदह फरवरी, 2025 को 24 कैरेट वाले 10 ग्राम सोने की कीमत 86,360 रुपये के स्तर पर पहुंच गई, जो अब तक का उच्चतम स्तर था। 1 जनवरी से 13 फरवरी तक की अवधि यानी महज 44 दिनों में 10 ग्राम वाले 24 कैरेट सोने की कीमत में 9,092 रुपये का इजाफा हुआ। प्रतिशत में देखें तो इसकी कीमत में लगभग 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और अब 1 लाख रुपए के स्तर को छूने के लिए इसमें केवल 16 प्रतिशत की वृद्धि होनी शेष है। देखने से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इस साल के अंत तक इसकी कीमत आसानी से 1 लाख रुपये के स्तर को पार कर सकती है।
सोने की कीमत में बढ़ोतरी में प्रमुख कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अपनाई जा रही आर्थिक नीतियां हैं। वैश्विक स्तर पर कारोबारी जंग होने की संभावना बढ़ रही है। दूसरी तरफ, अमेरिकी नीतियों और वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण डॉलर के मुक़ाबले रुपया लगातार कमजोर हो रहा है। महंगाई का डर भी देश एवं विदेश में अभी भी बरक़रार है। हालांकि, भारत में सब्जियों एवं अन्य खाद्य वस्तुओं की कीमत में कमी आने की वजह से खुदरा महंगाई दर जनवरी महीने में कम होकर 4.31 प्रतिशत के स्तर पर आ गई, जो पिछले 5 महीनों में सबसे कम है। अमेरिका और इंग्लैंड द्वारा नीतिगत ब्याज दरों में कटौती करने और विश्व के कुछ भागों में भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने के कारण भी सोने की चमक चमकीली हो रही है। गोल्ड ईटीएफ में निवेश बढ़ने से भी सोने की मांग बढ़ रही है। इधर, शेयर बाजार में हाल में आई गिरावट की वजह से निवेशकों का रुझान सोने की तरफ बढ़ रहा है। दूसरी तरफ, भारत में शादी का सीजन शुरू हो चुका है। इसलिए, सोने की कीमत बढ़ने के बावजूद इसकी मांग और कीमत में लगातार इजाफा हो रहा है। आजादी के 75 सालों में सोने की कीमत आसमान पर पहुंच गई है। इस तरह, सोने की कीमत 78 सालों में चंद रुपयों से आगे बढ़ते हुए 86 हजार रुपये के स्तर को पार कर गई है।
भारत में सोना इतना ज्यादा सोणा इसलिए है, क्योंकि भारत में महिलायें सोने के प्रति दीवानी हैं और यह दीवानगी अनादिकाल से बदस्तूर बनी हुई है। प्राचीनकाल में तो स्त्रियों के साथ-साथ पुरुष भी सोने के गहने पहना करते थे। भारत में किसी भी शुभ मुहूर्त में, शादी, त्योहार या फिर मृत्यु के समय सोने की खरीददारी की जाती है, जबकि पश्चिमी देशों में ऐसा नहीं होता है। वहां के लोग शादी में बहुत सारे गहने नहीं पहनते हैं। न ही वहां, गिफ्ट में सोने के जेवर या सोना देने का चलन है। अमेरिका और यूरोप में शादी में सिर्फ सोने की रिंग दी जाती है, जो 9 या 12 कैरेट की होती है, जबकि भारत में शादी में 22 या 24 कैरेट का सोना जेवर के रूप में लड़की और लड़के को दिया जाता है। आजकल शादी में सोने की बिस्किट भी सौगात में दी जाती है।
भारत में फिल्मों की नायिकायें, बड़े कारोबारी या कॉर्पोरेट्स घराने या फिर राजे-रजबाड़ों के वारिसों की बहू-बेटियां शादी या किसी भी त्योहार या किसी भी पार्टी या कार्यक्रम में महंगे सोने के जेवरात पहनना पसंद करती हैं। इसी वजह से आज शादी-विवाह में अरबों-खरबों रुपये सोने के जेवर खरीदने में खर्च किये जा रहे हैं। शादी के मौसम में या दिवाली में या फिर अक्षय तृतीया में सोने या सोने के गहनों की जमकर खरीददारी की जाती है, क्योंकि आजकल सौगात में सोना या सोने के जेवर देने का चलन बहुत ज्यादा बढ़ गया है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) की वर्ष 2024 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में वर्ष 2024 में सोने की मांग में सबसे ज्यादा तेजी आई। डब्ल्यूजीसी ने 2025 के लिए जारी आउटलुक में कहा कि केंद्रीय बैंक सोने में ज्यादा निवेश कर रहे हैं और गोल्ड ईटीएफ में भी बड़ी मात्रा में निवेश किया जा रहा है, जिससे सोने की मांग में लगातार तेजी बनी हुई है। डब्ल्यूजीसी की 2024 की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत के मंदिरों में 2000 से 4000 टन सोना रखा हुआ हो सकता है।
भारत सोने की मांग की घरेलू आपूर्ति खुद से करने में असमर्थ है, इसलिए इसे इसके लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ता है। वर्ष 2024 के 11 महीनों में भारत ने कुल 47 बिलियन अमेरिकी डॉलर का सोना आयात किया था, जो अब तक का उच्चतम स्तर है, जबकि वर्ष 2023 में भारत ने कुल 42.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का सोना आयात किया था। इसमें स्विट्ज़रलैंड से 40 प्रतिशत, यूनाइटेड अरब अमीरात (यूएई) से 16 प्रतिशत, दक्षिण अफ्रीका से 10 प्रतिशत और शेष आस्ट्रेलिया, गिनी, पेरू आदि देशों से सोना आयात किया था। दुनिया में सबसे ज्यादा सोना चीन खरीदता है।
इस समय देश में शादी का सीजन चल रहा है, जिससे आने वाले दिनों भारत में सोने की मांग में और भी इजाफा होने की संभावना है। दूसरी तरफ, मौजूदा वैश्विक अनिश्चितताओं, विश्व के कुछ भागों में भू-राजनीतिक तनाव के बने रहने, अमेरिकी नीतियों, रुपये का डॉलर की तुलना में लगातार कमजोर होना, शेयर बाजार में हालिया गिरावट आदि कारणों से भी सोने की कीमत में निरंतर वृद्धि हो रही है।
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