ज्ञान ठाकुर/हप्रशिमला, 13 अप्रैल (हप्र)विमल नेगी मौत मामले से जुड़ी जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को सौंप दी है। 66 पन्नों की ये रिपोर्ट मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर ने रविवार को उन्हें सौंपी। मुख्यमंत्री अब रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद अगली कार्रवाई के आदेश देंगे। विमल नेगी मौत मामले में अब मुख्यमंत्री को निर्णय लेना है कि आगे क्या कदम उठाया जाएं। राकेश कंवर ऊर्जा सचिव के साथ-साथ मुख्यमंत्री के सचिव की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में सतर्कता जांच व विभागीय जांच हो सकती है। इससे पहले करीब एक समाप्त तक सचिवालय में सील बंद रिपोर्ट खोली गई थी और ऊर्जा ब्रांच के अधिकारियों ने प्रत्येक बिंदु की समीक्षा की थी। आठ अप्रैल को अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा ने राकेश कंवर को जांच रिपोर्ट सौंपी थी। मुख्यमंत्री पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि प्रदेश सरकार की जांच एजेंसियां किसी भी तरह के पेचीदा मामलों की जांच करने में सक्षम है। विमल नेगी मौत मामले में अभी दो तरह की जांच चल रही है। सरकार ने इस मामले की प्रशासनिक जांच अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा से करवाई है। दूसरी जांच शिमला पुलिस की एसआइटी कर रही है। इस मामले में विपक्ष की ओर से लगातार सीबीआई जांच की मांग की जा रही है। पुलिस इस मामले में हरिकेश मीणा, देसराज सहित ऊर्जा निगम के अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों से लंबी पूछताछ कर चुकी है। इस मामले में काफी रिकार्ड भी कब्जे में लिया जा चुका है। सूत्रों के अनुसार देर रात तक कार्यालय में बिठाने के औचित्य को लेकर पावर कारपोरेशन के निदेशक देसराज के बयान को रिपोर्ट में संलग्न किया गया है जिसमें कहा गया है कि परियोजनाओं के सिलसिले में ही काम चला रहता था। पिछले छह महीनों में विमल नेगी व उनकी ब्रांच ने जितने भी मामलों को डील किया गया है उसका पूरा रिकार्ड खंगाला गया है। उनके द्वारा साइन की गई फाइलों व उस पर की गई नोटिंग सभी चीजों को रिपोर्ट में शामिल गया है। गौरतलब है कि ऊर्जा निगम के महाप्रबंधक व चीफ इंजीनियर विमल नेगी 10 मार्च को लापता हुए थे। 18 मार्च को बिलासपुर के गोबिंद सागर झील में उनका शव मिला था।19 मार्च को रात के समय सरकार ने इस मामले में एफआइआर दर्ज की थी। इसी दिन निदेशक इलेक्ट्रिक देसराज को निलंबित किया गया जबकि हरिकेश मीणा को सरकार ने 19 मार्च को छुट्टी पर भेज दिया था।