डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय में छात्रों को किया संबोधित यशपाल कपूर/निससोलन, 7 जूनउपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, सोलन में कहा कि आजकल जब हम आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की चर्चा करते हैं, तो युवा पीढ़ी भाग्यशाली है, क्योंकि वे एग्रीकल्चर इंटेलीजेंस से आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस की यात्रा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, एग्रीकल्चर इंटेलीजेंस ही वो माध्यम है, जो ग्रामीण व्यवस्था के अंदर क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। हिमाचल प्रदेश के सोलन में डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय में विकसित भारत के मार्ग पर चर्चा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि विकसित भारत का रास्ता एक ही राह से होकर जाएगा, वो है किसान के खेत से। और वो तभी होगा, जब किसान का आप हाथ पकड़ेंगे। उन्होंने किसानों को केवल अन्नदाता ही नहीं बल्कि भाग्य विधाता बताया।एक्सपोर्ट की मानसिकता पर जताई चिंताएक्सपोर्ट की मानसिकता पर चिंता व्यक्त करते हुए धनखड़ ने कहा कि मुझे बड़ी परेशानी होती है जब लोग कहते हैं कि यह एक्सपोर्ट माल है, यह एक्सपोर्ट के लिए है। भाई, क्यों? सबसे अच्छा तो हमको खाना है, सबसे अच्छा तो हमको पहनना है। उन्होंने गर्व से बताया कि आज दुनिया की बड़ी संस्थाओं में भारतीय नेतृत्व कर रहे हैं और विशेष रूप से महिलाओं की बढ़ती भागीदारी की सराहना की। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना पर बोलते हुए उपराष्ट्रपति ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से अनुरोध किया कि वर्तमान में मिलने वाली 6,000 रुपये की राशि में मुद्रास्फीति के अनुपात में वृद्धि होनी चाहिए।ग्रामीण उद्यमिता पर जोर देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि कृषक समुदाय के ग्रामीण लड़के और लड़कियों को उद्यमी, कृषि उद्यमी बनने के लिए यहां प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। उन्होंने अमेरिका का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां किसान परिवारों की औसत आमदनी आम परिवारों से अधिक है और इसका कारण यह है कि सरकारी मदद सीधे किसानों को मिलती है। मूल्य संवर्धन की आवश्यकता पर बल देते हुए धनखड़ ने कहा कि आज के दिन ग्रामीण व्यवस्था की ओर ध्यान देना पड़ेगा। इस अवसर पर सांसद सुरेश कुमार कश्यप, स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल, डॉ. वाईएस परमार यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे।