रोज खुलकर हंसें स्वस्थ-खुश रहने को
लॉफ्टर योगा हंसने और खुश रहने का एक ऐसा कार्यक्रम है, जिसका नियमित अभ्यास किया जाता है। यह तन और मन को स्वस्थ रखने के लिए एक भारतीय डॉक्टर मदन कटारिया द्वारा विकसित किया गया व्यायाम कार्यक्रम है। जिसके लिए कई लोग इकट्ठे होकर पार्क आदि में ठहाके लगाते हैं। शारीरिक-मानसिक सेहत सुधारने के अलावा यह कई पहलुओं से लाभकरी है।
दिव्यज्योति ‘नंदन’
आप तनावग्रस्त और उदास रहते हैं तो जरूरी है कि आप खुश रहें और हंसें। इसे आसान बनाने के लिए सही विकल्प है लॉफ्टर योगा या हास्य योग। लॉफ्टर योग दरअसल कोई क्लासिक योगाभ्यास नहीं बल्कि तन और मन को स्वस्थ रखने के लिए एक भारतीय डॉक्टर मदन कटारिया द्वारा विकसित हंसने के जरिये किया जाने वाला एक व्यायाम कार्यक्रम है, जिसे एलवाई भी कहते हैं। लेकिन हंसोड़ होना और लॉफ्टर योगा में पारंगत होना या नियमित उसे करना दोनों एक बात नहीं हैं। लॉफ्टर योगा हंसने और खुश रहने का एक ऐसा कार्यक्रम है, जिसके लिए नियमित लॉफ्टर योगा का अभ्यास किया जाता है।
दुनियाभर में लॉफ्टर क्लब
दुनिया के 110 देशों में लॉफ्टर योगा का चलन है और पूरी दुनिया में करीब 6000 से ज्यादा लॉफ्टर योगा को प्रमोट करने वाले लॉफ्टर क्लब चल रहे हैं। दुनिया को हास्य योग देने का श्रेय एक भारतीय डॉक्टर को है। महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्र में जन्मे और अमृतसर के गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी से मेडिकल की पढ़ाई करने वाले डॉ. मदन कटारिया ने पिछली सदी के आखिरी दशक में मुंबई के एक पार्क में इस हास्य योग का विकास किया था। अगर हम हर दिन 15 मिनट हास्य योग करते हैं तो स्वस्थ रहने के साथ ही तनाव और जीवनशैली संबंधी बीमारियों से बचे रह सकते हैं।
मानसिक के साथ शारीरिक सेहत प्रदाता
इंटरनेट की बदौलत भारत में महिलाओं के बीच हास्य योगाभ्यास की शुरुआत हुई। इसके बावजूद हास्य योग सिर्फ मानसिक संतुलन बनाये रखने और खुश रहने भर का ही जरिया नहीं है। नियमित किये जाने वाले हास्य योग से हम कई तरह के रक्तविकारों आदि से भी छुटकारा पा लेते हैं। दरअसल भारत में मानसिक अवसाद की स्थितियों से जब हास्य योग अपने ढंग से जंग लड़ता है, तब पता चलता है कि यह हमारे तन और मन के लिए कैसे सुखदायी है। बहरहाल हंसी के सेहत संबंधी फायदों के लिए कई तरह की कोशिशें करनी होती हैं।
ऐसे बनती है अमृत हंसी
लॉफ्टर योगा या हास्य योग हंसने की एक ऐसी अनूठी शैली है, जिसमें स्वेच्छा से हंसना शामिल है। धीरे-धीरे यह हंसना ऐसे योगाभ्यास में बदल जाता है, जो हमारे शरीर को चुस्ती-फुर्ती प्रदान करता है व हमें सकारात्मक ऊर्जा से लबालब कर देता है। दिल खोलकर हंसने से शरीर में ऐसे हार्मोन्स का उत्पादन होता है जो कि हमारी मनोदशा को बदल देते हैं। इससे मानसिक विकारों को खुद से दूर रख पाते हैं, लेकिन हमें ऐसी अमृत हंसी मिले, इसके लिए हमें भी कुछ नियमित अनुशासन बरतने होते हैं। जानिये उन अनुशासनों के बारे में -
हंसने भर की कोशिश भी लाभकारी
जब हम सुबह या शाम सकारात्मक होकर अकेले या कुछ लोगों के साथ मिलकर जोर-जोर से हंसते हैं, भले यह स्वाभाविक हंसी न हो बल्कि स्वाभाविक हंसने भर की कोशिश हो, तो भी हमें इसके फायदे मिलते हैं।
सकारात्मक रिश्ते बनना
एक-दूसरे को जानने वाले लोग आपस में मिलकर जब किसी पार्क में एक साथ हंसने के लिए एकत्र होते हैं और ठहाका लगाते हैं, तो उनके बीच सकारात्मक रिश्ते बनते हैं। वहीं इस गतिविधि से शरीर में रासायनिक बदलाव होते हैं जिनके चलते शरीर में सकारात्मक हार्मोन्स विकसित होते हैं और इनसे हमें खुशी व आत्मीयता का अहसास होता है।
एलवाई से कैलोरी बर्न
लॉफ्टर योगा के जरिये हम सब जानते हैं कि कैलोरी बहुत जल्दी और तेज रफ्तार से बर्न होती है, जिसका हमें कई तरह से फायदा मिलता है।
रक्तचाप नियंत्रण
जिन लोगों का बीपी अनियंत्रित रहता हो, वे डॉक्टर से सलाह लेकर योगा थेरैपी के जरिये नियमित अभ्यास करके अपने ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रख सकते हैं।
हंसने के अन्य फायदे
जोर-जोर से हंसने से हमें और जो फायदे मिलते हैं जैसे- अंदर से खुशी महसूस होती है। इससे हमारे शारीरिक अंग दुरुस्त रहते हैं। इससे हमारी एकाग्रता बढ़ती है। इ.रि.सें.