जीवनशैली से जुड़े गंभीर रोगों के इलाज के दौरान जो दवाएं लगातार लेने की सलाह डॉक्टर देते हैं, उनमें कई मेडिसिन के साइड इफेक्ट सामने आते हैं। ऐसे में कुछ हानि रहित वैकल्पिक समाधान सामने आ रहे हैं। हाइपरबारिक ऑक्सीजन थैरेपी (एचबीओटी) मशीन भी ऐसा ही समाधान कहा जा सकता है।
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आजकल बड़ी संख्या में लोग लाइफ स्टाइल बीमारियों से जूझ रहे हैं। इनमें बीपी एवं शूगर जैसे रोगों के लिए तो जीवन पर्यन्त दवाई साथ लग जाती है। ऐसी दवाओं के सेवन से कई बार साइड इफेक्ट्स भी सामने आते हैं। इन समस्याओं समाधान करने की दिशा में डॉ. प्रवेश कादियान ने पहल की है। उन्होंने मोहाली में एक मेडिकल सेंटर की स्थापना करके हाइपरबारिक ऑक्सीजन थैरेपी (एचबीओटी) की मशीन स्थापित की है जो सौ फीसदी शुद्ध ऑक्सीजन से लाइलाज बीमारियों को ठीक करने की दिशा में नया कदम है। क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की ऑक्सीजन से मरम्मत हाल ही में मोहाली में एक कार्यक्रम के दौरान डॉ. प्रवेश कादियान ने हाइपरबारिक ऑक्सीजन थैरेपी से इलाज की प्रक्रिया के बारे में बताया कि रोगी को एक एचबीओटी चेम्बर में बिठाया जाता है जिसमें उसे सांस लेने के लिए 100 फीसदी शुद्ध ऑक्सीजन समुद्र तल से अधिक दाब 1 अब्सोल्यूट एटमोस्फियर (एटीए) पर उपलब्ध होती है। इस प्रक्रिया से शुद्ध ऑक्सीजन खून में मिलकर शरीर की हर कोशिका तक पहुंचती है जिससे क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत होती है व रोगी व्यक्ति स्वस्थ होने लगता है। उन्होंने बताया कि बीपी, शूगर व इरेक्टाइल डिस्फंक्शन से लेकर कैंसर एवं ऑटिज्म की बीमारियों तक का इलाज भी इस थैरेपी से संभव हैं। इलाज से पूर्व जांच प्रक्रिया भी डॉ. प्रवेश कादियान ने बताया कि इलाज शुरू करने से पूर्व रोगी के सभी टेस्ट आदि कराए जाते हैं और उनकी केस हिस्ट्री देख कर उस हिसाब से ही इलाज शुरू किया जाता है। इलाज के लिए मरीज को एक बार में लगभग एक घंटे के लिए मशीन के चैंबर में बैठना होता है। हर मरीज को उसकी बीमारी के हिसाब से 100 फीसदी शुद्ध ऑक्सीजन की डोज़ दी जाती है। पंचकूला के सेक्टर 6 स्थित सिविल हॉस्पिटल में बतौर चिकित्सक सेवाएं दे चुके डॉ. कादियान ने अपनी सरकारी नौकरी छोड़ कर यह मशीन स्थापित की है। डॉ. कादियान ने बताया कि उन्होंने इसके लिए बाकायदा इंग्लैंड से हाइपरबारिक फिजिशियन का कोर्स किया, प्रशिक्षण लिया एवं डिग्री हासिल की है। उन्होंने बताया कि विदेशों में ये मशीन अत्यंत लोकप्रिय है लेकिन वहां इसके जरिये इलाज बेहद महंगा पड़ता है। -फी.डे.
हेल्दी पेय
सुबह चाय की जगह पीएं हेल्दी ड्रिंक
डॉ. ए.के. अरुण सुबह बिस्तर से उठने ही चाय पीना अच्छा नहीं माना जाता है, लेकिन अगर आप सही समय पर चाय पीते हैं, तो यह बुरा नहीं है। लेकिन सुबह की चाय आपको एसिडिटी से लेकर पाचन से जुड़ी कई समस्याएं दे सकती है। खाली पेट चाय पीने से पेट में जलन हो सकती है, जिससे बेचैनी, ब्लोटिंग और मतली हो सकती है। अगर आप अक्सर पेट में जलन महसूस करते हैं तो आज से ही चाय का सेवन करना बंद कर दें। खाली पेट उच्च कैफीन स्तर वाली कॉफी या चाय पीने से जी मचलाना या मतली होने की काफी संभावनाएं रहती हैं। कुछ लोगों में, बहुत अधिक कैफीन पीना सीने में जलन, चिड़चिड़ापन, हाथों में जलन और दिल की धड़कन तेज़ होने का कारण बन जाता है। इसीलिए, स्वास्थ्य विशेषज्ञ सुबह सबसे पहले या खाली पेट इन दोनों पेय पदार्थों से परहेज रखने का सुझाव देते हैं। विशेषज्ञों की मानें तो एक स्वस्थ व्यक्ति को दिनभर में ज्यादा से ज्यादा दो कप चाय पीनी चाहिए। प्राय: सब जानते हैं कि चाय में कैफीन पाया जाता है। अगर आप बहुत अधिक चाय पीते हैं तो इससे आपकी बॉडी में कैफीन की मात्रा बढ़ जाती है। ऐसे में चाय छोड़ना या इसके सेवन का तरीका-समय बदलना बेहतर है। चाय छोड़ने के फायदे चाय छोड़ने से पाचन तंत्र मज़बूत होगा। नींद अच्छी आएगी, मन शांत रहेगा,मुंह की बदबू दूर होगी, ब्लड शुगर व वजन कंट्रोल रहेगा। बेड टी के बजाय पीएं ये हेल्दी ड्रिंक्स सुबह-सुबह चाय की जगह आप ब्लैक कॉफ़ी,ग्रीन टी,नारियल पानी, चुकंदर का जूस, तरबूज़ का जूस,गेहूं के ज्वारे का रस, सेलेरी का रस,कलौंजी का पानी, मेथी के बीज, सौंफ या जीरा पानी व हनी वॉटर आदि का सेवन कर सकते हैं।