रोगों और दवाओं का ज्ञान पाकर सेहत सुधारने का पेशा
जिन विद्यार्थियों की रुचि औषधि और रोग विज्ञान में है और बतौर फार्मासिस्ट काम करना पसंद है उन्हें फार्मेसी के क्षेत्र में कैरियर रास आयेगा। फार्मेसी डिप्लोमा व डिग्रीधारी छात्र लाइसेंस प्राप्त फार्मासिस्ट बन सकते हैं और फार्मेसियों, अस्पतालों में कार्य कर सकते हैं। दवा कंपनियों में अनुसंधान एवं विकास, विनिर्माण कार्य आदि के अलावा सरकारी क्षेत्र में नौकरी व खुद का व्यवसाय कर सकते हैं।
अशोक जोशी
फार्मेसी एक आकर्षक कैरियर क्षेत्र है, जो दवाइयों के निर्माण, वितरण और उपयोग से संबंधित है। इसमें कई तरह की नौकरियां और कैरियर के अवसर उपलब्ध हैं। प्रत्येक व्यक्ति जो औषधि और रोग विज्ञान के क्षेत्र में रुचि रखता है व फार्मासिस्ट बनने का सपना देखता है, वह फार्मेसी के क्षेत्र में कैरियर बना सकता है। भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग तेजी से बढ़ रहा है। इसे देखते हुए ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने पिछले वर्ष देशभर में फार्मेसी संस्थानों में डिप्लोमा, अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट में दाखिले के लिए सीटों की संख्या बढ़ा दी है। फार्मेसी एक बेहतरीन कैरियर विकल्प बनकर उभरा है। बारहवीं के बाद जो छात्र नर्सिंग, मेडिकल, सर्जिकल आदि से जुड़े क्षेत्रों में कैरियर बनाना चाहते हैं, वे फार्मेसी कोर्स कर सकते हैं। फार्मेसी कोर्स करने के बाद नौकरी के अलावा व्यवसाय का विकल्प भी खुल जाता है।
क्या है फार्मेसी का कैरियर?
फार्मेसी एक आपूर्ति और बिक्री का क्षेत्र है, जो दवाओं, औषधियों और स्वास्थ्य संबंधी उत्पादों का संचालन करता है। फार्मासिस्ट रोगियों को दवाओं और आवश्यक उपचार की सलाह देते हैं। यह एक गरिमामय पेशेवर क्षेत्र है, जो लोगों के स्वास्थ्य सुधार में महत्वपूर्ण योगदान देता है। फार्मास्युटिकल मार्केट उन क्षेत्रों में से एक है, जिसने पिछले कुछ वर्षों में दो अंकों में वृद्धि दर्ज की है।
फार्मेसी में कैरियर के अवसर
फार्मेसी डिग्रीधारी छात्र लाइसेंस प्राप्त फार्मासिस्ट बन सकते हैं और निजी फार्मेसियों, अस्पतालों और क्लीनिकों में कार्य कर सकते हैं। वे चाहें तो दवा कंपनियों में अनुसंधान एवं विकास, विनिर्माण, गुणवत्ता नियंत्रण आदि में नौकरी कर सकते हैं। फार्मेसी क्षेत्र में नई दवाओं की खोज और विकास में भी काम करने का अवसर मिलता है। फार्मेसी के पोस्टग्रेजुएट किसी कॉलेज में लेक्चरर या प्रोफेसर के रूप में भी कार्य कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त फार्मेसी में स्नातकों के लिए सरकारी अस्पतालों और फार्मास्युटिकल कंपनियों में नौकरी के अवसर उपलब्ध हैं। जो स्नातक अपना व्यवसाय करना चाहते हैं, वे खुद की फार्मेसी या मेडिकल स्टोर खोल सकते हैं।
फार्मेसी के बाद पैथोफिजियोलॉजी, फार्मास्युटिकल इंजीनियर, मेडिसिनल केमिस्ट और ड्रग इंस्पेक्टर जैसे क्षेत्रों में कैरियर बनाया जा सकता है। इस कोर्स के बाद ड्रग इंस्पेक्टर और केमिस्ट जैसे पदों पर सरकारी नौकरी का भी विकल्प होता है।
फार्मासिस्ट की आय
अनुभव और स्थान के आधार पर फार्मासिस्ट की सैलरी अलग-अलग हो सकती है। आम तौर पर ट्रेनिंग के तुरंत बाद नियुक्त हुए फार्मासिस्ट को औसतन 25,000 रुपये प्रतिमाह वेतन मिलता है। सरकारी अस्पतालों में सैलरी 50,000 से 75,000 रुपये प्रतिमाह से शुरू होती है। मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव को 30,000 से 50,000 रुपये के बीच सैलरी मिलती है, साथ में इंसेंटिव भी होता है। लैब रिसर्चर को 15,000 से 80,000 रुपये, या कभी-कभी एक लाख रुपये प्रतिमाह तक वेतन मिलता है। मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स मोटा पैकेज ऑफर करती हैं।
शैक्षणिक योग्यताएं
फार्मेसी कोर्स में प्रवेश के लिए न्यूनतम 50% अंकों के साथ 12वीं कक्षा (साइंस स्ट्रीम – पीसीबी/पीसीएम) पास होना आवश्यक है। इसके बाद डी. फार्मा, बी. फार्मा और एम. फार्मा करके इस क्षेत्र में कैरियर बनाया जा सकता है। जानिये इन पाठ्यक्रमों के बारे में :
डी. फार्मा : डी. फार्मा भी फार्मेसी से जुड़ा एक प्रोग्राम है, जो 2 वर्ष का डिप्लोमा कोर्स होता है। इसके लिए 12वीं (केमिस्ट्री, मैथ्स, बायोलॉजी या फिजिक्स के साथ) पास होना जरूरी होता है। डी. फार्मा करने के बाद वही सभी जॉब विकल्प उपलब्ध होते हैं जो बी. फार्मा के बाद मिलते हैं। डी. फार्मा धारक अस्पतालों, क्लीनिकों, विस्तारित देखभाल सुविधाओं, मनोरोग अस्पतालों और नियामक एजेंसियों में कार्य कर सकते हैं।
बी. फार्मा : डी. फार्मा की तरह ही बी. फार्मा भी फार्मेसी का एक महत्वपूर्ण कोर्स है। बैचलर ऑफ फार्मेसी (बी. फार्मा) 4 वर्ष का कोर्स है। मैथ्स, बायोलॉजी और फिजिक्स या पीसीएम में 12वीं करने वाले छात्र इसमें प्रवेश ले सकते हैं। इस कोर्स में हेल्थ केयर, ड्रग मैन्युफैक्चरिंग, मेडिकल केमिस्ट्री जैसे विषयों की पढ़ाई होती है। इसमें कोई विशेष स्पेशलाइजेशन नहीं होता। कोरोना काल के बाद फार्मेसी की मांग बहुत अधिक बढ़ गई है। मेडिकल फील्ड से हटकर भी फार्मेसी में कमाई के कई विकल्प हैं।
एम. फार्मा : यदि आप फार्मेसी में स्पेशलाइजेशन करना चाहते हैं, तो एम. फार्मा की डिग्री कर सकते हैं। मास्टर इन फार्मेसी (एम. फार्मा) दो वर्ष का कोर्स होता है। इसमें छात्र अपनी रुचि के अनुसार स्पेशलाइजेशन चुन सकते हैं। एम. फार्मा में फार्माकोग्नॉसी, फार्मास्युटिकल इंजीनियरिंग, बायोकैमिस्ट्री, एमबीए जैसे स्पेशलाइजेशन
उपलब्ध हैं।
अन्य योग्यताएं
फार्मेसी की डिग्री लेने के बाद स्नातकों को फार्मासिस्ट लाइसेंस प्राप्त करना होता है। इसके साथ ही उन्हें इंटर्नशिप के दौरान अनुभव प्राप्त करना होता है। उन्हें स्थानीय औषधालयों में व्यावहारिक ज्ञान लेना चाहिए। इसके अलावा उन्हें नवीनतम औषधीय जानकारी और नियमित शिक्षा के माध्यम से पेशेवर विकास करते रहना चाहिए। इस क्षेत्र में बेहतर कैरियर बनाने के लिए कुछ अतिरिक्त योग्यताएं होना भी आवश्यक है, जैसे – संचालनात्मक क्षमता, उच्च मानकों के प्रति प्रतिबद्धता, संगठनात्मक और समय प्रबंधन कौशल, स्पष्ट अभिव्यक्ति क्षमता, समस्या समाधान कौशल तथा ग्राहक सेवा कौशल।
महत्वपूर्ण संस्थान
फार्मेसी के क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए देश के प्रमुख अध्ययन संस्थान हैं - ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एआईआईएमएस), नई दिल्ली, दिल्ली इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (डीआईएमएस), जामिया हमदर्द, नई दिल्ली, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मेसी (एनआईएफपी), बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी, दिल्ली फार्मास्युटिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी (डीपीएसआरयू), नई दिल्ली, इंस्टिट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी, मुंबई, यूनिवर्सिटी इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज, चंडीगढ़, पूना कॉलेज ऑफ फार्मेसी, नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी, जमशेदपुर।