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मौन की भाषा से रची कालजयी कृतियां

04:00 AM Jun 16, 2025 IST
मौन की भाषा से रची कालजयी कृतियां
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कलाकार और चिंतक बोलने के बजाय सुनने पर अधिक ध्यान देते हैं। वे जितने मौन रहते हैं, उनकी आंतरिक शक्तियां उतनी ही अधिक प्रबल होती हैं। यही कारण है कि कई कलाकारों की कलाकृतियां, धुनें, रचनाएं सदियों तक पृथ्वी पर अपनी उपस्थिति जमाए रखती हैं।

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रेनू सैनी
शब्द सुंदर लगते हैं, जीवन को गति देते हैं, ध्वनि देते हैं। दो लोगों के बीच शब्द ही एक ऐसी दूरी है जो उनके बीच पुल का काम करती है। क्या होता है जब दो लोग एक-दूसरे की भाषा से परिचित नहीं होते। ऐसे में मौन उनकी भाषा बनता है। मौन अत्यंत सशक्त भाषा है। जो मौन की शक्ति और भाषा को पहचान जाता है, वह स्वयं को मानवीयता के श्रेष्ठ शिखर पर स्थापित कर लेता है। अनेक ऋषि-मुनि मौन व्रत रखते हैं। कई मौनी बाबा भी होते हैं जो मौन रहकर अपनी शक्ति से आम लोगों को परिचित कराते हैं। योग न केवल शरीर को निरोग रखता है, अपितु योग की अनेक प्रवृत्तियां व्यक्ति को सुख, शांति प्रदान करती हैं और उनकी छठी इंद्रिय को जाग्रत करती हैं।
नाद योग के अंतर्गत ध्वनि को अत्यंत शक्तिशाली उपकरण के रूप में देखा जाता है। नाद योग में ध्वनि और कंपन के माध्यम से तन-मन, शरीर और आत्मा संतुलित होते हैं। विभिन्न ध्वनियां जिसमें मौन भी शामिल है, शरीर के ऊर्जा केंद्रों को सक्रिय करती हैं। क्या आपने कभी मौन की भाषा को समझने का प्रयास किया है। कई बार जब दो लोग बातें करते-करते अनायास चुप हो जाते हैं, उनके बीच एक लंबी खामोशी पसर जाती है, एक विराम आ जाता है तो उस समय उस रिक्त स्थान पर मौन की उपस्थिति हो जाती है। यह अत्यंत शक्तिशाली माध्यम है। विश्व के सुप्रसिद्ध संगीतकार वोल्फगैंग अमाडेस मोजार्ट कहते हैं कि, ‘किसी बात के मध्य का मौन उस बात के जितना ही महत्वपूर्ण होता है।’ उन्हाेंने इस उद्धरण को स्वयं के साथ महसूस किया था। उनके दांपत्य जीवन को जोड़ने में मौन की भूमिका बेहद सशक्त रही। इसलिए वे मौन की शक्ति से परिचित थे। संगीतकार होने के कारण भी वह और उनकी प्रेमिका मौन के महत्व को जानते थे।
मोजार्ट बचपन से ही प्रतिभा के धनी थे। मात्र तीन साल की उम्र में ही उन्हें संगीत की समझ हो गई थी। पांच साल की उम्र में उन्होंने संगीत की रचना करनी आरंभ कर दी थी। आठ साल की उम्र में उन्होंने अपनी पहली सिम्फनी लिखी थी। वर्ष 1781 की एक सर्द शाम में उनकी नज़र एक युवती कॉन्सटैंज़ वेबर पर पड़ी। वह 19 वर्ष की गायिका थी। उसके घर में संगीत का वातावरण था। वह छोटी उम्र से ही संगीत का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही थी। कॉन्सटैंज़ को देखते ही मोजार्ट अपनी सुध-बुध खो बैठे। जब वह उनके सामने आई तो उनके मुख से शब्द ही नहीं निकले। एक मौन उन दोनों के बीच व्याप्त था। उस मौन की भाषा ने केवल उन्हें ही नहीं समझाया, अपितु उनके दिलों पर भी कब्जा कर लिया। जो बातें शब्द न कह पाए, वह मौन ने मुखर होकर कह दिया कि दोनों को एक-दूसरे से प्रेम हो गया है।
प्रेम की स्वीकृति मिलने पर दोनों के मन में शोर मचने लगा। नि:शब्द शोर। ऐसा शोर जो चुप रहकर अपना काम करता है और बहुत तेजी से करता है। कई बार दोनों घंटों साथ रहते, उनके बीच शब्दों का आदान-प्रदान कम होता और मौन की भाषा उनके दिलों को आपस में जोड़ती जाती। आखिर मौन की शक्ति ने काम किया और दोनों विवाह के अटूट बंधन में बंध गए। दोनों का दांपत्य जीवन बेहद सुखद रहा। हालांकि, मोजार्ट की असमय मृत्यु से उनका दाम्पत्य जीवन लंबा नहीं रहा। मगर विवाह के बाद मोजार्ट ने अपने ओपेरा, ‘द एबडक्शन फ्रॉम द सेराग्लियो’ और ‘द मैरिज ऑफ फिगारो’ से पूरी दुनिया में धूम मचा दी। मौन के साथ संबंधों मंे अधिक सृदृढ़ता कायम रहती है। जिन संबंधों में लोग मौन के साथ शब्दों का प्रयोेग करते हैं, उनके संबंध अधिक सशक्त रहते हैं।
जो व्यक्ति अपनी प्रभावशाली बातों से सबको मोहित कर लेता है, वह सब लोगों को अपने मोहपाश में जकड़ लेता है। वहीं कई बार ऐसे व्यक्ति जो बोलने के बजाय मौन पर अपना ध्यान केंद्रित करते हैं, वे प्रभावशाली बोलने वालों से अधिक योग्य और प्रतिभाशाली साबित होते हैं। मौन में ज्ञान निहित होता है। कलाकार और चिंतक बोलने के बजाय सुनने पर अधिक ध्यान देते हैं। वे जितने मौन रहते हैं, उनकी आंतरिक शक्तियां उतनी ही अधिक प्रबल होती हैं। यही कारण है कि कई कलाकारों की कलाकृतियां, धुनें, रचनाएं सदियों तक पृथ्वी पर अपनी उपस्थिति जमाए रखती हैं। यह सदैव याद रखें कि सशरीर कोई व्यक्ति अमर नहीं होता। उनके शब्द, प्रतिभा और व्यक्तित्व मृत्यु के साथ मिट जाते हैं। अमिट रह जाती हैं तो वे कलाकृतियां, धुनें और रचनाएं जो मौन के साथ जन्म लेती हैं और सदा के लिए अमर हो जाती हैं।
इसलिए यदि आपने अपने जीवन में अभी तक मौन का अभ्यास नहीं किया है, इसको नहीं समझा है तो समझिए क्योंकि यही मौन आपके व्यक्तित्व में चार चांद लगाएगा। आपके जीवन को सफल बनाएगा। आपके मौन की गूंज से जन्म लेने वाली स्थितियां और परिस्थितियां आगे चलकर अमर हो जाएंगी।
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