महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय का गजब करनामा
हरीश भारद्वाज/हप्र
रोहतक, 13 मार्च : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय का अजीब कारनामा सामने आया है। बजट कई साल पहले पास कर दिया जबकि मंजूरी बुधवार को आयोजित बिल्डिंग कमेटी की वार्षिक बैठक में दी गई। तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 5 अप्रैल, 2017 को पं दीनदयाल उपाध्याय इंस्टीट्यूट ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप व पं दीनदयाल उपाध्याय युवा उद्यान के नाम से दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं की आधारशिला रखी थी। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय 8 साल तक इन परियोजनाओं को भुलाए बैठा रहा। अब सरकार का दबाव आया तो बिल्डिंग कमेटी की बैठक में इन्हें फिर से मंजूरी दे दी जबकि वर्ष 2021 में इन परियोजनाओं के लिए बजट भी पास कर दिया था लेकिन काम कोई नहीं किया।
बुधवार को कुलपति कार्यालय में आयोजित बिल्डिंग कमेटी की वार्षिक बैठक में पंडित दीनदयाल उपाध्याय इंस्टीट्यूट ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप व पंडित दीनदयाल उपाध्याय युवा उद्यान के निर्माण समेत कई अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की गई। उल्लेखनीय है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 5 अप्रैल, 2017 को इन दोनों महत्वपूर्ण परियोजनाओं की आधारशिला रखी थी। विश्वविद्यालय की 45वीं वार्षिक रिपोर्ट (10.7.22 से 30.6.23) की क्रम संख्या 9 व 10 में 4 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान इनके लिए दर्शाया गया था। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय उपवन की स्थापना के लिए एक आठ सदस्यीय कमेटी का गठन भी किया था। 10 जुलाई 2021 को कुलपति की अध्यक्षता में उपरोक्त कमेटी की बैठक हुई थी जिसमें झज्जर रोड और जवाहरलाल नेहरू नहर के बीच खाली पड़ी करीब 40-42 एकड़ जमीन पर उपवन बनाने का निर्णय लिया था। कमेटी द्वारा उपवन की स्थापना के लिए प्रपोजल भी तैयार करवा लिया गया था मगर आज तक इस पर कोई भी काम नहीं हो पाया था।
दैनिक ट्रिब्यून ने 13 दिसंबर, 2024 के अंक में इस समाचार को प्रमुखता से छापा था। बताया जा रहा है कि मामला केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के दरबार में पहुंचा और उन्होंने इस पर जवाब तलब किया। ये दोनों परियोजनाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट हैं।