मनीमाजरा में अतिक्रमण पर चला प्रशासन का पीला पंजा
उनभ अग्निहोत्री/ हप्र
मनीमाजरा, 2 जुलाई : चंडीगढ़ प्रशासन ने अवैध कब्जे हटाने की मुहिम के तहत बुधवार को मनीमाजरा क्षेत्र में शिवालिक गार्डन के पास वर्षों से अवैध रूप से बनी दुकानों और मकानों के बाहर के निर्माण को हटाया। इस दौरान दस अवैध ढांचों को ध्वस्त किया गया। मौके पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने और किसी भी अप्रिय घटना से बचाव के लिए पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की गई थी। इस कार्रवाई के दौरान स्थानीय निवासियों और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया।
मनीमाजरा के ओल्ड रोपड़ रोड पर शिवालिक गार्डन के साथ-साथ बने इन मकानों/दुकानों को जैसे ही गिराने के लिए जेसीबी मशीन आगे बढ़ी तो स्थानीय लोगों, जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं, ने जेसीबी के आगे और ऊपर चढ़कर कार्रवाई का विरोध किया। इस दौरान एक व्यक्ति बेहोश भी हो गया। इस कार्रवाई में प्रशासन ने 1.5 एकड़ सरकारी भूमि को मुक्त कराया। यह भूमि वर्ष 1998 में सार्वजनिक उपयोग के लिए अधिग्रहीत की गई थी, लेकिन समय के साथ इस पर कब्जा हो गया था। यह अभियान उप-मंडल मजिस्ट्रेट (पूर्व) की निगरानी में और स्थानीय पुलिस के सहयोग से शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। प्रशासन ने बताया कि इससे पहले संबंधित व्यक्तियों को नोटिस जारी कर स्वेच्छा से कब्जा हटाने के लिए समय दिया गया था।
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कांग्रेस-भाजपा-आप नेता पहुंचे, नहीं रुकी कार्रवाई
अवैध निर्माण को हटाने के लिए ज्यों ही टीम के पहुंचने की खबर मिली तो स्थानीय भाजपा, कांग्रेस और आप नेता मौके पर पहुंच गए और इस कार्रवाई का विरोध करने लगे, लेकिन किसी ने उनकी एक नहीं सुनी। मौके पर पहुंचे कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष एचएस लक्की ने कहा कि प्रशासन धक्केशाही कर गरीबों को उजाड़ रहा है। पार्षद सुमन शर्मा और दर्शना देवी ने भी इस कार्रवाई की निंदा की।
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लोगों ने कहा अब कहां जाएं
मकान टूटने के बाद यहां रह रहे परिवारों ने कहा कि उन्हें उजाड़ दिया गया है, ऐसे में अब वे कहां जाएं। उन्होंने कहा कि वे यहां अपनी रोजी रोटी कमा कर परिवार का पेट पाल रहे थे लेकिन प्रशासन ने एक झटके में उन्हें बेघर कर दिया। उन्होंने कहा कि उनके बच्चें स्कूलों में पढ़ते हैं, ऐसे में अब उनका जीवन कैसे गुजरेगा।
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प्रशासन व बिल्डिंग ब्रांच पर उठे सवाल
इस कार्रवाई के बाद स्थानीय लोगों ने नगर निगम व बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाए। उनका कहना था कि जब ये अवैध निर्माण हो रहे थे, उस समय क्षेत्र के सुपरवाइजर, एसडीओ, जेई और अन्य संबंधित अधिकारी क्या कर रहे थे?
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मनीमाजरा में अन्य जगहों पर भी अवैध कब्जे
लोगों ने कहा कि मनीमाजरा में अन्य जगहों पर भी अवैध कब्जे कर निर्माण किए गए हैं, फिर उनके मकान ही क्यों गिराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन भाई-भतीजावाद की नीति अपना रहा है।