मध्यम वर्ग की आकांक्षाओं का बजट
जन संसद की राय है कि हालिया केंद्रीय बजट मध्यम वर्ग को कुछ राहत देने का प्रयास है, लेकिन महंगाई नियंत्रण और रोजगार सृजन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। लेकिन यह पूरी तरह से मध्यम वर्ग की उम्मीदों को पूरा नहीं करता।
बजट और राहत
मोदी सरकार ने अपने तीसरे बजट में 12 लाख तक की आय पर टैक्स छूट देने का प्रयास किया, जो मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए सही कदम है। हालांकि, यह संख्या देश की कुल कमाई का बड़ा हिस्सा नहीं बनाती, विशेषकर प्राइवेट सेक्टर में कमाई करने वाले लोगों के लिए। अगर सरकार प्राइवेट कर्मचारियों की पेंशन में बढ़ोतरी करती तो इससे देश की बड़ी आबादी को फायदा होता और उनकी आय खर्च के रूप में अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देती। टैक्स चोरी भी एक मुद्दा है, जिससे उच्च आय वर्ग बचने का प्रयास करता है।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर
मध्यम वर्ग की अनदेखी
केंद्रीय वित्त मंत्री 2025-26 का बजट मध्यम वर्ग का बजट नहीं कहा जा सकता। 12 लाख तक आय पर कर में छूट देने से पहले ही बहुत से लोग कर के दायरे में नहीं आते। बजट में महंगाई, बेरोजगारी, कृषि, चिकित्सा शिक्षा, सुरक्षा, और व्यापार घाटे जैसी अहम समस्याओं की अनदेखी की गई। इसके साथ ही विदेशों में धन कमाने के बजाय स्वदेशी रोजगार और वेतन को बढ़ावा देने का कोई उल्लेख नहीं किया गया। आयकर सीमा को बढ़ाना, इसे पूरी तरह से मध्यम वर्ग का बजट नहीं बना सकता।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
उम्मीदें और वास्तविकता
बजट में आयकर छूट सीमा बढ़ाकर और दरों में कमी से मध्यम वर्ग को राहत देने की कोशिश की गई। आयकर व्यवस्था का सरलीकरण स्वागत योग्य है, लेकिन इपीएफ, पीएफ, बीमा और होम लोन पर कटौतियों का लाभ हटाने से आम आदमी की बचत में गिरावट हो सकती है। हालांकि, सरकार का मानना है कि इससे अर्थव्यवस्था को लाभ होगा, पर कुछ अर्थशास्त्रियों के अनुसार अप्रत्यक्ष करों में कमी से मांग बढ़ सकती है। 140 करोड़ की आबादी में मात्र 9 करोड़ लोग आयकर रिटर्न भरते हैं, जिससे राहत का असर सीमित वर्ग पर ही होगा।
पूनम कश्यप, नयी दिल्ली
सशक्त बजट
वर्ष 2025-26 का बजट मध्यम वर्ग की उम्मीदों को ध्यान में रखते हुए पेश किया गया है। लगभग 46 करोड़ मध्यम वर्गीय लोगों में से 1 करोड़ को आयकर छूट, टीडीएस में बदलाव और गिग वर्कर्स के लिए सामाजिक सुरक्षा जैसी राहत दी गई है। इसके अलावा, एमएसएमई, स्टार्टअप्स के लिए सकारात्मक बदलाव रोजगार के अवसर बढ़ाएंगे। स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में निवेश से कौशल विकास और रोजगार क्षमता में वृद्धि होगी, जो मध्यम वर्ग के लिए फायदेमंद साबित होगा।
बृजेश माथुर, गाजियाबाद, उ.प्र.
मध्यम वर्ग का बजट
इस बजट में सरकार ने मध्यम वर्ग के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जैसे कर छूट में वृद्धि, जिससे बचत के अधिक अवसर मिलेंगे। शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार भी मध्यम वर्ग के लिए फायदेमंद साबित होंगे। हालांकि, यह बजट पूरी तरह से मध्यम वर्ग की आकांक्षाओं को पूरा नहीं करता। रोजगार सृजन, महंगाई पर नियंत्रण और नागरिक सुविधाओं का विस्तार अभी भी जरूरी है। सरकार को मध्यम वर्ग की समस्याओं का स्थायी समाधान प्रदान करने के लिए और ठोस कदम उठाने होंगे।
भगवानदास छारिया, इंदौर
पुरस्कृत पत्र
सिर्फ मध्यवर्ग के लिए नहीं
देश की 140 करोड़ आबादी में केवल 9 करोड़ लोग आयकर रिटर्न भरते हैं और 3.5 करोड़ लोग आयकर देते हैं। इस सीमित वर्ग को राहत देने से क्रय शक्ति बढ़ेगी, लेकिन इसका प्रभाव देश के अधिकांश हिस्से पर नहीं पड़ेगा। कुछ आलोचकों का मानना है कि यह कदम दिल्ली विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, क्योंकि कई आयकरदाता सरकारी कर्मचारी हैं। हालांकि, आयकर राहत से मध्यवर्ग की बचत और खपत बढ़ने से आर्थिकी को गति मिल सकती है, फिर भी यह बजट पूरी तरह से मध्यवर्ग के लिए नहीं है।
रमेश चन्द्र पुहाल, पानीपत