भौगोलिक बाधाओं को पाट जीवन बांटती रोबोटिक्स
आधुनिक चिकित्सा को रोबोटिक्स की सटीक क्षमता ने समृद्ध किया है। रोबोटिक-असिस्टेड सर्जरी तथा रियल-टाइम टेली सर्जरी क्षमता के साथ सर्जिकल केयर संभव हुई है। इसका फायदा दूरदराज के इलाकों के रोगियों को समय पर व बेहतर इलाज की सुविधा मिलने के मामले में होगा। देश में नयी मोबाइल टेली-सर्जिकल यूनिट का लोकार्पण इसी दिशा में बढ़ा एक ओर महत्वपूर्ण कदम है।
अरुण नैथानी
दुनिया में बदलते वक्त के साथ आधुनिक चिकित्सा ने नये आयाम स्थापित किए हैं। जिसने आम आदमी की जीवन प्रत्याशा में आशातीत वृद्धि की है। आधुनिक तकनीक ने भौगोलिक बाधाओं को दूर करके चिकित्सा विशेषज्ञता को दूर-दराज के इलाकों में पहुंचाने में मदद की है। चिकित्सकीय विशेषज्ञता और तकनीकी प्रगति के साम्य ने कारगर उपचार के जरिये मानव कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया है। आधुनिक चिकित्सा को रोबोटिक्स की बदलावकारी व सटीक क्षमता ने समृद्ध किया है। सर्जरी के क्षेत्र में निरंतर आधुनिक बदलाव आ रहे हैं। ऐसे में इनोवेशन व विश्वस्तरीय साझेदारियों तथा चिकित्सा सेवाओं को सुलभ बनाने के लिए साझा दृष्टिकोण के महत्व को दर्शाता है। इसी दिशा में एसएस इनोवेशन्स ने दूसरे ग्लोबल एसएमआरएससी 2025 के माध्यम से भारत की पहली मोबाइल टेली-सर्जिकल यूनिट मंत्राएम का लोकार्पण किया है। यह आधुनिक मोबाइल सर्जिकल यूनिट दूरदराज के इलाकों के लिए आधुनिक रोबोटिक-असिस्टेड सर्जरी तथा रियल-टाइम टेली सर्जरी क्षमता के साथ उच्च गुणवत्ता की सर्जिकल देखभाल को सुलभ बना सकती है।
रोबोटिक सर्जरी के भविष्य पर मंथन
हाल ही में उद्योग जगत के दिग्गज संपन्न एसएमआरएससी 2025 में एकजुट हुए। इनमें अंतर्राष्ट्रीय थ्योरिसिस्ट एवं फ्यूचुरिस्ट डाफ मिचियो काकु, सर्जिकल रोबोटिक्स के जनक डॉ. फ्रेडरिक मोल आदि शामिल थे। इन सभी हस्तियों ने रोबोटिक सर्जरी और हेल्थकेयर के भविष्य को आयाम देने में इनोवेशन्स की भूमिका पर प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम में कई महाद्वीपों से 150 से अधिक अग्रणी विशेषज्ञों सहित 1200 से अधिक डॉक्टरों ने रोबोटिक सर्जरी के भविष्य और प्रगति पर मंथन किया।
रोबोटिक्स की बदलावकारी क्षमता
निस्संदेह, चिकित्सकीय विशेषज्ञता और तकनीकी प्रगति के बीच के अंतर को दूर कर इस पहल ने आधुनिक चिकित्सा में रोबोटिक्स की बदलावकारी क्षमता को दर्शाया है। सर्जरी के क्षेत्र में निरंतर आधुनिक बदलाव आ रहे हैं। ऐसे में यह प्रयास विश्वस्तरीय साझेदारियों के जरिये चिकित्सा सेवाओं को सुलभ बनाने के लिए प्रगतिशील दृष्टिकोण की जरूरत बताता है। इस दौरान एसएस इनोवेशन्स के मुख्यालय से 1700 किलोमीटर की अधिक दूरी पर बैंगलोर के एस्टर सीएमआई हॉस्पिटल में टेलीसर्जरी को अंजाम दिया गया, जो रिमोट सर्जिकल केयर की दिशा में बड़ी उपलब्धि कही जा सकती है।
सर्जिकल केयर की पहुंच बढ़ाने की पहल
निस्संदेह, यह पहल भारत में रोबोटिक सर्जरी और टेलीमेडिसिन में बदलाव लेकर आएगी। आधुनिक मोबाइल टेली-सर्जिकल यूनिट चिकित्सा तकनीक के आधुनिकीकरण, चिकित्सा सेवाओं की मूलभूत सुविधाओं को नये आयाम देने और मॉडर्न सर्जिकल केयर की पहुंच बढ़ाने की प्रतिबद्धता दर्शाती है। यह सर्जिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर में बदलाव लाने तथा रोबोटिक सर्जरी एवं हेल्थ टेक इनोवेशन में ग्लोबल भूमिका के रूप में आगे बढ़ने में देश की स्थिति मजबूत बनाएगी।
दूरदराज के क्षेत्रों में सुलभ चिकित्सा
वास्तव में टेलीसर्जरी की आधुनिक क्षमता दूरदराज के वंचित क्षेत्रों में विश्वस्तरीय रोबोटिक-असिस्टेड प्रक्रियाओं को सुलभ बनाकर सर्जिकल केयर की सभी बाधाओं को दूर कर रही है। टेली सिंक मोबाइल यूनिट में सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम, हाई-स्पीड कनेक्टिविटी और आधुनिक सर्जिकल रोबोटिक्स शामिल हैं। जो रिमोट एवं ऑन-साइट सर्जिकल टीम के बीच रियल टाइम सहयोग को यकीनी बनाता है। इस इनोवेशन के ज़रिए सर्जन न्यूनतम लेटेंसी के साथ प्रक्रिया को पूरा कर सकता है, इस तरह आधुनिक सर्जिकल केयर पहले से कहीं अधिक सुलभ हो जाती है। एसएस इनोवेशन्स संस्थापक व चेयरमैन डॉ. सुधीर श्रीवास्तव कहते हैं, ‘एसएसआई मंत्राएम एक मोबाइल टेलीसर्जिकल यूनिट विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं में आधुनिक बदलाव लाने की एक मुहिम है। हाई-स्पीड टेलीकम्युनिकेशन एवं सैटेलाइट कनेक्टिविटी के साथ यह भौगोलिक बाधाओं को दूर करता है तथा उन समुदायों के लिए जीवन रक्षक रोबोटिक-असिस्टेड सर्जरी को सुलभ बनाता है, जो इससे वंचित हैं। निरंतर अनुसंधान एवं इनोवेशन के ज़रिये यह सुनिश्चित करने की कोशिश है कि आधुनिक रोबोटिक सर्जरी उन सभी लोगों की पहुंच में आ जाए, जिन्हें इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है।
इनोवेशन्स पर चर्चा
ग्लोबल एसएमआरएससी के दौरान रोबोटिक, यूरोलोजी, जनरल सर्जरी, गायनेकोलोजी, ओंकोलोजी, हैड एण्ड नैक और कार्डियोथोरेसिक सर्जरी पर फोकस करते हुए रोबोटिक सर्जरी एवं टेलीसर्जरी में इनोवेशन्स पर चर्चा को बढ़ावा दिया गया। साथ ही एसएस इनोवेशन्स के आधुनिक सर्जिकल केयर में बदलाव रहे प्रमुख सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम एसएसआई मंत्रा 3 की आधुनिक क्षमता का प्रदर्शन किया गया। देश भर के 70 से अधिक अस्पतालों में इंस्टॉल्ड एसएसआईमंत्रा का जटिल कार्डियक प्रक्रियाओं सहित 3000 से अधिक मल्टी-स्पेशलटी सर्जरियों को सुगम बनाने में योगदान है।
संभव हुए प्रेसीज़न मेडिसिन, रियलटाइम रिमोट प्रोसिजर
इस मुहिम में दुनिया भर से ऐसे दिग्गज शामिल हुए जो हेल्थकेयर एवं टेक्नोलॉजी के भविष्य को नया आयाम दे रहे हैं। जाने माने थ्योरिटिकल फिज़िसिस्ट एवं फ्युचुरिस्ट डॉ. मिचियो काकु बताते हैं कि एआई, क्वांटम कम्प्युटिंग और रोबोटिक्स की प्रगति ने सर्जरी को नया आयाम दिया है। जिसने प्रेसीज़न मेडिसिन एवं रियल टाइम रिमोट प्रक्रिया को वास्तविकता बना दिया है।
क्वांटम मैकेनिकल रोबोटिक सर्जरी की दिशा में कदम
निस्संदेह, सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम भविष्य की चिकित्सा को नया आयाम देगा। जो सर्जरी में क्वांटम मैकेनिक्स का इंटीग्रेशन को दर्शाता है। यह सिर्फ रोबोटिक सर्जरी नहीं बल्कि क्वांटम मैकेनिकल रोबोटिक सर्जरी की दिशा में एक कदम है, एक विकास जो चिकित्सा में बड़े बदलाव ला सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि क्वांटम मैकेनिक्स और रोबोटिक सर्जरी एक साथ मिलकर चिकित्सा जगत में नई खोज का मार्ग प्रशस्त करेंगे। सर्जिकल रोबोटिक्स के जनक डॉ. फ्रेडरिक मोल मानते हैं कि रचनात्मकता, दृढ़ता के चलते ही हम इस मुक़ाम तक पहुंचे हैं। रोबोटिक्स लगातार विकसित हो रही है और अधिक इंटेलीजेन्ट बन रही है। ऐसे में हम क्षमता के नए दौर में प्रवेश कर रहे हैं जहां मरीज़ और मानवता दोनों का कल्याण सुनिश्चित होगा। इस दौरान लाइव टेलीसर्जरी और टेली-प्रॉक्टरिंग सेशन के जरिये कार्डियक एवं मल्टीस्पेशलटी क्षेत्रों में रियल टाइम रोबोटिक सर्जरियों का प्रसारण किया गया। बेहतर है कि ‘मेड इन इंडिया’ दृष्टिकोण के साथ रोबोटिक सर्जरी में इनोवेशन का कार्य आधुनिक विश्वस्तरीय तकनीकों में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। निस्संदेह, रोबोटिक्स हमारा भविष्य है। ऐसे में ये तकनीकें हेल्थकेयर में सटीकता, दक्षता और सुलभता को नई परिभाषा दे रही हैं। भोगौलिक सीमाओं के अंतर को दूर कर और चिकित्सा पेशेवरों को प्रभावी क्षमता के साथ सशक्त बनाकर लोगों के जीवन में बदलाव लाया जा रहा है। निस्संदेह, सर्जिकल उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित करके विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं दुनिया के हर कोने तक पहुंचाने का प्रयास होना चाहिए।