भूमि पर रहने वाले समुद्री योद्धा
थल केकड़े, जो जमीन पर अपना अधिकांश समय बिताते हैं, उष्णकटिबंधीय और उप-उष्णकटिबंधीय तटीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं। ये केकड़े विभिन्न प्रकार की आदतों और जीवनशैली के लिए प्रसिद्ध हैं। कुछ थल केकड़े खाद्य स्रोतों के रूप में पेड़ों के फल और पत्तियों का सेवन करते हैं, जबकि कुछ मृत मछलियों और सड़े-गले मांस को खाते हैं।
के.पी. सिंह
जमीन पर अपना अधिकांश समय व्यतीत करने वाले केकड़े को थल केकड़ा कहा जाता है। थल केकड़े संपूर्ण विश्व में पाए जाते हैं। उष्णकटिबंधीय और उप-उष्णकटिबंधीय तटीय क्षेत्रों में इनकी संख्या अधिक है। थल केकड़े सूखने के भय से, दिन के समय मांदों के भीतर रहते हैं और रात में भोजन की खोज में निकलते हैं। इनका प्रमुख भोजन वृक्षों से गिरने वाले फल और पत्तियां हैं। कुछ थली केकड़े मृत मछलियों तथा इसी प्रकार के अन्य जीवों का सड़ा-गला मांस भी खाते हैं।
थल केकड़ों में पश्चिमी अफ्रीका और वेस्टइंडीज का थल केकड़ा भी है। पश्चिमी अफ्रीका के थल केकड़े सेसरमा वंश के हैं। इस वंश के अधिकांश केकड़ों ने पानी का जीवन छोड़ दिया है। वेस्टइंडीज का थल केकड़ा कार्डीसोमा वंश का है। यह उत्तर अमेरिका के फ्लोरीडा और प्रशांत महासागर के कुछ द्वीपों पर पाया जाता है। इसने भी पानी का जीवन छोड़ दिया है और जमीन पर रहने लगा है। वेस्टइंडीज का थल केकड़ा बहुत बड़े आकार का होता है। इसके दोनों पैर फैलाने पर एक पैर के सिरे से दूसरे पैर के सिरे तक की दूरी 60 सेंटीमीटर तक हो सकती है। यह 2-3 मीटर तक गहरी मांद खोद सकता हैं तथा एक मीटर तक ऊंची दीवार सरलता से पार कर सकता है। दक्षिण फ्लोरिडा में एक एकड़ जमीन में 10 हजार तक थल केकड़े देखने को मिल सकते हैं।
थल केकड़ों में सर्वाधिक कुख्यात है-दस्यु केकड़ा। इसे लुटेरा केकड़ा भी कहते हैं। यह नारियल बड़े शौक से खाता है। अतः इसे नारियल केकड़ा भी कहते हैं। दस्यु केकड़ा विश्व का सबसे बड़ा थल केकड़ा है। किंतु यह वास्तविक केकड़ा नहीं है। इसके शरीर का व्यास 45 सेंटीमीटर तक हो सकता है। यह काफी भारी भी होता है। एक पूर्ण वृद्धि प्राप्त दस्यु केकड़े का वजन 7 किलोग्राम तक हो सकता है। यह बड़ा साहसी और तेज होता है एवं मकानों की दीवारों तथा सीधी खड़ी पहाड़ी चट्टानों पर चढ़ जाता है। दस्यु केकड़े प्रायः दिन के समय जमीन पर इधर-उधर घूमते रहते हैं अथवा ताड़ के नीचे आकर छाया वाली तरफ से ताड़ पर चढ़ जाते हैं। प्रशांत महासागर के अलग-अलग द्वीपों पर पाए जाने वाले दस्यु केकड़ों में अलग-अलग प्रकार की आदतें विकसित हो गयी हैं। कुछ द्वीपों पर पाए जाने वाले दस्यु केकड़े दिन में सोते हैं और कुछ रात में सोते हैं। इसी प्रकार कुछ दस्यु केकड़े जमीन पर बनाई गयी मांदों में सोते हैं और कुछ वृक्षों पर चढ़ जाते हैं तथा वृक्षों पर सोते हैं। ये भिन्नताएं भोजन संबंधी आदतों में भी देखी जा सकती हैं।
सभी थल केकड़े, सीधे हवा से सांस लेते हैं। इन्हें पानी के भीतर भी सांस लेने में कोई असुविधा नहीं होती। पानी के भीतर ये अपने गलफड़ों से सांस लेते हैं। किंतु बरगस वंश के सभी केकड़े पानी के भीतर अधिक समय तक नहीं रह पाते। इनके गलफड़े बहुत छोटे होते हैं। यही करण है कि दस्यु केकड़े सहित बरगस वंश के केकड़ों को यदि पानी के भीतर अधिक समय तक रखा जाए तो ये मर जाते हैं। केकड़ों की एक प्रमुख विशेषता यह है कि ये केवल पानी में ही अंडे देते हैं। जलीय केकड़ों के समान दस्यु केकड़े सहित सभी थल केकड़े अंडे देने के लिए सागर में जाते हैं। मादा केकड़ा अलग-अलग अथवा छोटे-छोटे गुच्छों में अंडे देती है। इसके अंडे परिपक्व होने पर फूटते हैं और इनसे छोटे-छोटे लारवे निकल आते हैं। इसके लारवे कुछ समय तक प्लेंकटन के जीव बनकर पानी में रहते हैं और इसके बाद तटों पर वापस लौट आते हैं। अंत में जमीन पर मांद बनाकर वयस्कों के समान जीवन आरंभ करते हैं।
संयुक्त राज्य अमेरिका के बहुत से थल केकड़े कपास के खेतों को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं। ये कपास के नये पौधों को खा जाते हैं, जिससे पूरे के पूरे खेत नष्ट हो जाते हैं। इसी प्रकार सेसरमा वंश के थल केकड़े पश्चिमी अफ्रीका के खेतों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं। ये भी मुख्य रूप से ताजे पौधों को खाकर खेत बर्बाद कर देते हैं। दस्यु केकड़ा चावल के खेतों को भारी नुकसान पहुंचाता है। यह खेतों की मेड़ों के पास गहरी मांदें बनाता है। इससे खेतों में भरा पानी बह जाता है और खेत नष्ट हो जाता है। प्लूटोरिको में प्रतिवर्ष दस्यु केकड़ों द्वारा इसी प्रकार से चावल के खेतों को, दक्षिणी फ्लोरिडा में पाए जाने वाले थल केकड़े टमाटर के खेतों को क्षति पहुंचाते हैं। इ.रि.सें.