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भीषण गर्मी में किसानों ने प्रशासन के खिलाफ निकाला रोष मार्च, सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन

05:01 AM Jun 10, 2025 IST
भीषण गर्मी में किसानों ने प्रशासन के खिलाफ निकाला रोष मार्च  सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन
करनाल में भाकियू के बैनर तले प्रदेशाध्यक्ष रतन मान के नेतृत्व में रोष प्रदर्शन करते किसान। -हप्र
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करनाल, 9 जून (हप्र)
आसमान से पड़ रही भयंकर गर्मी में भाकियू के बैनर तले सोमवार को किसानों ने रोष मार्च निकालकर प्रशासन पर कई गंभीर आरोड़ जड़े। भाकियू प्रदेशाध्यक्ष रतन मान ने आरोप लगाते हुए कहा कि किसान पिछले 6 दिनों से शांतिपूर्वक धरना, प्रदर्शन कर रहे है, लेकिन किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने किसानों की सुध नहीं ली। उन्होंने डीसी करनाल पर सीधे आरोप जड़ते हुए कहा कि डीसी किसी से मिलना नहीं चाहता, बात नहीं सुनना चाहता। डीसी के किसान विरोधी रवैये के चलते किसानों को जानलेवा गर्मी में सड़क पर उतरकर अपनी बात कहनी पड़ रही है।

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उन्होंने कहा कि 6 जिलों करनाल, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, कैथल, जींद ओर अम्बाला के भाकियू के पदाधिकारी महात्मा गांधी चौक पर एकत्रित हुए। जहां से किसान विरोध प्रदर्शन करते हुए सेक्टर-12 स्थित लघु सचिवालय पहुंचे, जहां पर किसानों ने प्रशासन ओर रेत कारोबारी के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर विरोध जताया। विरोध प्रदर्शन के बाद किसानों ने प्रदेशाध्यक्ष रतनमान के नेतृत्व में एसडीएम अभिनव मेहता को सीएम नायब सैनी के नाम ज्ञापन सौंपा। प्रदेशाध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों की जमीन नहीं छीनने देंगे, प्रशासन ने जबरदस्ती मुस्तफाबाद के कई किसानों की जमीन पर कब्जा करवाने का काम किया है। किसान की मर्जी के खिलाफ किसानों के खेतों में रेत डाली गई, जब विरोध किया, तब रेत डालने का काम रुका। आज तक खनन माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई, उल्टा किसानों पर केस दर्ज कर लिए गए।

ये हैं किसानों की मांगें
किसानों के खेतों में कुछ जगहों पर जबरी तौर से रेत डाल दिया गया है, जिसका विरोध करने पर रोक दिया गया है। उसकों आने वाले 10 दिनों के भीतर उठाया जाए ताकि किसान धान की फसल की रोपाई कर सके। मुस्तफाबाद गांव में जिस भूमि पर रेत का स्टॉक किया जा रहा है। उसके साथ बिलकुल राजकीय प्राइमरी पाठशाला व आंगनबाड़ी भी है, जिसके चलते स्थिति खराब हो रही है, इसका समाधान किया जाए। यमुना नदी में अवैध तरीके से खनन किया जा रहा है, जिसके साथ यमुना नदी के प्राकृतिक अस्तित्व को भी नष्ट किया जा रहा है, जिसकी वजह से यमुना नदी की पटड़ी टूटने का कारण बनता दिखाई पड़ रहा है। बाढ़ आने की स्थिति में जानमाल नुकसान हो सकता है। मुस्तफाबाद गांव, डाकवाला रोडान, डाकवाला गुजरां सहित आसपास के कई गांव की सड़कें भारी डंपरों के चलने से तहस-नहस हो गई हैं। लोगों का पैदल चलना भी दूभर हो गया है।

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सर्वसम्मति से किया प्रस्ताव पास
प्रदर्शन में किसानों की सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया गया कि इस मामले में जिला प्रशासन किसी प्रकार से जबरी रवैया न अपनाए। इस अवसर पर अंबाला जिला के कार्यकारी प्रधान रूप सिंह, यमुनानगर प्रधान सुभाष गुर्जर, कुरुक्षेत्र प्रधान मदनपाल, करनाल प्रधान सुरेंद्र घुम्मन, जींद प्रधान बारूराम, शाम सिंह मान, सुरेंद्र सागवान, सहित काफी संख्या में किसान शामिल थे।

करनाल के एसडीएम बोले
करनाल के एसडीएम अनुभव मेहता ने बताया कि मुस्तफाबाद गांव में किसानों की जमीन हरियाणा माइनिंग मिनरल रूल्स 2012 के अंतर्गत डबरकीपार माइनिंग ब्लॉक का हिस्सा है और इन्हीं नियमों के तहत ये भूमि ली गई है तथा इसके लिए किसानों को उचित किराया भी निर्धारित किया गया है। यदि किसानों को इससे जुड़ी कोई भी बात रखनी है तो जिला प्रशासन हर वक्त उनकी बात सुनने के लिए तैयार है।

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