ट्रिब्यून न्यूज सर्विसनयी दिल्ली, 4 मईभारत ने हवा से हल्के, इन्फ्लेटेबल प्लेटफॉर्म का परीक्षण किया है जो अधिक ऊंचाई में निगरानी का भविष्य हो सकता है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने शनिवार को मध्य प्रदेश के श्योपुर में अपने परीक्षण स्थल से 'स्ट्रेटोस्फेरिक एयरशिप' नामक इस प्रणाली के पहले उड़ान परीक्षणों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।रक्षा मंत्रालय के अनुसार, एयरशिप लगभग 17 किलोमीटर (17,000 मीटर) की ऊंचाई तक एक इंस्ट्रूमेंटल पेलोड ले गया, जो माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई से लगभग दोगुना है। इसकी कुल उड़ान अवधि लगभग 62 मिनट थी।ऑनबोर्ड सेंसर से डेटा प्राप्त किया गया था और इसका उपयोग भविष्य के अधिक ऊंचाई वाले एयरशिप मिशनों के लिए उच्च-निष्ठा सिमुलेशन मॉडल विकसित करने के लिए किया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि उनके प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए उड़ान के दौरान दबाव नियंत्रण और आपातकालीन डिफ्लेशन प्रणाली को सक्रिय किया गया था। परीक्षण दल ने आगे के विश्लेषण के लिए सिस्टम को सफलतापूर्वक पुनर्प्राप्त किया।रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने प्रोटोटाइप उड़ान को 'समताप मंडल में लंबे समय तक चलने वाले मिशनों में सक्षम हवा से हल्के, अधिक ऊंचाई वाले प्लेटफॉर्म सिस्टम की प्राप्ति की दिशा में एक मील का पत्थर' कहा।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल उड़ान के लिए डीआरडीओ को बधाई देते हुए कहा कि यह प्रणाली 'भारत की पृथ्वी अवलोकन और खुफिया, निगरानी और टोही क्षमताओं को विशिष्ट रूप से बढ़ाएगी', जिससे भारत ऐसी स्वदेशी तकनीक वाले चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो जाएगा।