बीजिंग, 7 मार्च (एजेंसी)चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने शुक्रवार को कहा कि भारत और चीन के संबंधों में ‘सकारात्मक प्रगति’ हुई है और पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध पिछले वर्ष समाप्त होने के बाद सभी स्तरों पर उत्साहजनक नतीजे प्राप्त हुए हैं।वांग ने यह टिप्पणी यहां अपने वार्षिक संवाददाता सम्मेलन के दौरान की। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की कजान में हुई बैठक ने संबंधों में सुधार के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान किया था। इसके बाद, दोनों पक्षों ने नेताओं के बीच बनी आम समझ का ईमानदारी से पालन किया, सभी स्तरों पर आदान-प्रदान और व्यावहारिक सहयोग को मजबूत किया तथा कई सकारात्मक परिणाम हासिल किए।’वांग के मुताबिक, चीन का मानना है कि दोनों देशों को एक-दूसरे की सफलता में साझेदार बनना चाहिए। उन्होंने अमेरिका के स्पष्ट संदर्भ में कहा, ‘ग्लोबल साउथ’ के महत्वपूर्ण सदस्यों के रूप में, हमारे पास आधिपत्यवाद का विरोध करने में अग्रणी भूमिका निभाने की जिम्मेदारी है। वांग ने कहा, ‘यदि चीन और भारत हाथ मिलाते हैं, तो अंतर्राष्ट्रीय मामलों में अधिक लोकतांत्रिक व्यवस्था और मजबूत ग्लोबल साउथ की संभावना में काफी सुधार होगा।’ वांग ने यह भी कहा कि 2025 में चीन-भारत राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ होगी। चीन भारत के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है ताकि चीन-भारत संबंधों को मजबूत और स्थिर विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ाया जा सके।टैरिफ को लेकर अमेरिका की आलोचनाचीन के विदेश मंत्री वांग यी ने टैरिफ को लेकर अमेरिका की आलोचना की और दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावों को दोहराया। उन्होंने कहा, ‘दक्षिण चीन सागर में तनाव की कहानी अमेरिका द्वारा उत्पन्न किया गया फर्जी तमाशा है। चीन कानून के अनुसार अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता और समुद्री अधिकारों तथा हितों की रक्षा करना जारी रखेगा।’