मोहाली, 5 मई (निस) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पंजाब के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) द्वारा पंजाब के 8,500 क्यूसेक जल को हरियाणा को आवंटित करने के फैसले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इस निर्णय को 'असंवैधानिक और पंजाब के जल अधिकारों पर सीधा हमला' बताया।सिद्धू ने कहा कि पंजाब के पास अतिरिक्त पानी नहीं है, और यह फैसला किसानों और भावी पीढ़ियों के साथ अन्याय है। उन्होंने केंद्र सरकार पर राज्य सरकार से पूर्व परामर्श के बिना जल पुनर्वितरण का आरोप लगाते हुए इसे 'विश्वासघात' करार दिया। उन्होंने कहा कि पंजाब पहले से ही गंभीर जल संकट का सामना कर रहा है। राज्य के 150 में से 114 ब्लॉक 'डार्क जोन' घोषित किए जा चुके हैं, और नहरों से सिंचाई क्षेत्र में 4.90 लाख हेक्टेयर की गिरावट आई है। ऐसे में जल आवंटन का यह फैसला राज्य की कृषि व्यवस्था को और कमजोर करेगा।सिद्धू ने हरियाणा सरकार पर दिल्ली और उत्तर प्रदेश की जल खपत को लेकर चुप्पी साधने और पंजाब को निशाना बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यमुना का जल पहले ही दिल्ली और यूपी द्वारा खपत हो जाता है, लेकिन हरियाणा उनसे सवाल नहीं करता। उन्होंने भाजपा शासित केंद्र और हरियाणा सरकार पर पंजाब पर राजनीतिक दबाव बनाने और प्रशासनिक हस्तक्षेप का आरोप लगाया। सिद्धू ने चेतावनी दी कि पंजाबवासी अपने जल अधिकारों से समझौता नहीं करेंगे और किसी भी अन्याय का डटकर विरोध करेंगे। उन्होंने मांग की कि बीबीएमबी तुरंत अपना निर्णय वापस ले और प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में राज्यों के बीच संवाद के लिए विशेष बैठक बुलाई जाए।