बेवफाई के सनम
पिछले एक पखवाड़े में इंदौर से विवाह के तुरंत बाद मेघालय हनीमून पर गए राजा रघुवंशी और उनकी पत्नी सोनम के अचानक लापता होने की गुत्थी ने पूरे देश का ध्यान खींचा। हालांकि, 23 मई को लापता होने के बाद राजा का शव दो जून को बरामद हो गया था, लेकिन सोनम के लापता होने की घटना निरंतर देशवासियों को परेशान करती रही। यहां तक कि मेघालय के लोगों के शेष भारत के लोगों के साथ कथित आक्रामक व्यवहार के नाम पर मेघालय के खिलाफ सोशल मीडिया पर अतिरंजित टिप्पणियां तक की जाती रहीं। लेकिन मेघालय पुलिस की गहन छानबीन के बाद इंदौर के तीन लोगों की गिरफ्तारी के बाद सोनम का उत्तर प्रदेश के गाजीपुर पुलिस के समक्ष समर्पण करना, इस पूरे कांड की कहानी ही बदल देता है। सवाल उठे कि मेघालय के जिस ईस्ट खासी हिल्स जिले में राजा का शव मिला वहां से एक हजार किलोमीटर से अधिक दूरी पर उ.प्र. के गाजीपुर सोनम कैसे पहुंची। अब इस रहस्यमय मामले पर से मेघालय, उत्तर प्रदेश व मध्यप्रदेश की पुलिस पर्दा उठाने की कोशिश में है। इंदौर के राजा दंपति का हनीमून मनाने मेघालय जाना, फिर दोनों का गायब होना, राजा का शव बरामद होना तथा सोनम के लापता होने का घटनाक्रम किसी फिल्मी कहानी की तरह आगे बढ़ता रहा। अब सोनम के परिजन उसे बेगुनाह बताने की कोशिश में हैं तो राजा का परिवार दोषियों को सजा देने की मांग कर रहा है। लेकिन सारे मामले में सोनम की भूमिका, उसके पिता की फर्म के कर्मचारी की गिरफ्तारी तथा सोनम की रहस्यपूर्ण ढंग से गाजीपुर पहुंचने की कहानी कई संदिग्ध सवालों को जन्म दे रही है। लोगों के दिमाग में सवाल हैं कि दोनों परिवारों की सहमति से 11 मई को हुई शादी का यह दुखांत क्यों? हालांकि, राजा की हत्या बहुत ही सुनियोजित तरीके से की गई, लेकिन गाइड द्वारा राजा-सोनम के साथ तीन अन्य लोगों की उपस्थिति की बात ने मेघालय पुलिस को हत्या के तार जोड़ने में मदद की।
दरअसल, शिलांग पुलिस ने बताया था कि इंदौर के एक व्यक्ति की हत्या में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें हनीमून के दौरान हत्या की साजिश रचने वाली उसकी पत्नी भी शामिल है। अब तक रहस्यमय तरीके से लापता बहू के मिलने की प्रतीक्षा कर रहे राजा के परिवार को हकीकत जानकर सदमा लगा है। मेघालय पुलिस के दावे के बाद उन्होंने सोनम की तसवीरें जलाकर गुस्सा जाहिर किया है। सार्वजनिक विमर्श में ये सवाल उठाये जा रहे हैं कि जब दोनों परिवारों की सहमति से विवाह हुआ तो यह दुखांत क्यों? हाल के दिनों में मेरठ व देश के अन्य भागों में प्रेमी से मिलकर पति की हत्या करने के कई मामलों ने विवाह संस्था पर मंडराते संकट पर चिंता बढ़ाई है। सवाल उठा है कि परिवार की सहमति से धूमधाम से विवाह रचाने वाली सोनम ने आखिर ऐसा घातक कदम क्यों उठाया? जैसा कि बताया जा रहा है कि उसने अपने पुराने प्रेम संबंधों के लिये राजा को अपनी राह से हटाया। उसने खुद ही मेघालय की फ्लाइट बुक की और सुनियोजित तरीके से भारी-भरकम गहनों के साथ कथित हनीमून पर निकली। कभी पति-पत्नी के जिन रिश्तों को जन्म-जन्मांतर का साथ बताया जाता था, उन्हें हाथ की मेहंदी सूखने से पहले कत्ल किया जाना, हमारे समाज में बढ़ती संवेदनहीनता व अविश्वास को ही उजागर करता है। आखिर क्यों विवाह से पूर्व आरोपी ने घर वालों को दो टूक नहीं कहा कि वह किसी और से प्यार करती है? क्या उसे कथित अपने प्यार को पाने के लिये राजा की जान लेनी जरूरी थी? क्यों अपने व ससुराल पक्ष के लाखों रुपये शादी के नाम पर यूं ही जाया किये? घर में शादी की रौनक के बीच बेटे की लाश के आने का ग़म राजा के परिवार को सालों साल सालता रहेगा। निश्चित रूप से यह घटना करोड़ों रिश्तों में एक हुई है, लेकिन समाज में अविश्वास के बीज बोती तो नजर आती है। लोग ऐसी घटना का उल्लेख करते हुए होने वाले तथा हो चुके रिश्तों को संशय की दृष्टि से देखेंगे। जो किसी स्वस्थ समाज के लिये शुभ संकेत कदापि नहीं हैं।