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बेटियों को जन्म देने के मामले में फिर भाने लगी जींद की खापलैंड

08:35 AM Feb 07, 2025 IST
बेटियों को जन्म देने के मामले में फिर भाने लगी जींद की खापलैंड
जींद का सिविल सर्जन कार्यालय
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जसमेर मलिक/हप्र

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जींद, 6 फरवरी

खाप पंचायतों के गढ़ जींद की धरती बेटियों के जन्म लेने के मामले में पिछले साल नवंबर से इस साल जनवरी महीने तक खूब भा रही है। जो जींद जिला कभी बेटियों को जन्म लेने से पहले ही मां की कोख में मरवा देने के लिए बदनाम था, अब वही जींद लिंगानुपात में प्रदेश के औसत लिंगानुपात से कहीं ऊपर बना हुआ है। इस साल जनवरी में जींद का लिंगानुपात 955 रहा है। जींद जिला लिंगानुपात में प्रदेश में छठे पायदान पर है। स्वास्थ्य विभाग के पंचकूला स्थित मुख्यालय ने बुधवार को प्रदेश के सभी जिलों के जनवरी के लिंगानुपात के आंकड़े जारी किए हैं, जिनमें झज्जर का लिंगानुपात 1066 और यमुनानगर का लिंगानुपात 1017 है। 982 के लिंगानुपात के साथ पानीपत तीसरे, 966 के लिंगानुपात के साथ फतेहाबाद चौथे, 964 के लिंगानुपात के साथ भिवानी पांचवें और 955 के लिंगानुपात के साथ जींद प्रदेश में छठे पायदान पर है।

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जींद प्रदेश में खाप पंचायतों का सबसे बड़ा गढ़ है। खाप पंचायतों को एक वर्ग बेटी विरोधी मानता है, जबकि खाप प्रतिनिधि इसका विरोध करते हुए कहते हैं कि खाप पंचायतें बेटा और बेटी में कोई फर्क नहीं समझती। खाप पंचायतों में शुरू से महिलाओं को प्रतिनिधित्व मिलता रहा है। जींद की खापलैंड के लिंगानुपात में लगातार हो रहे सुधार से खाप पंचायतों की बेटी विरोधी बनी इमेज भी अब टूट रही है। खाप पंचायतों के राष्ट्रीय संयोजक टेकराम कंडेला कहते हैं कि खाप पंचायतें बेटियों को बचाने और बेटियों को पढ़ाने पर जोर दे रही है।

पिछले साल 910 तक आ गया था लिंगानुपात

साल 2024 में जींद का लिंगानुपात कम होते हुए 911 पर आ गया था। अक्तूबर 2024 में जींद का लिंगानुपात 911 था। ये स्थिति जींद के लिए बेहद चिंताजनक थी, क्योंकि 2022-23 में जींद लिंगानुपात के मामले में प्रदेश में लगभग 8 महीने तक पहले पायदान पर रहा था। पिछले साल नवंबर से जींद के लिंगानुपात में सुधार शुरू हुआ था, जो इस साल जनवरी तक बराबर जारी है।

प्रदेश के 10 जिले रेड जोन में

इस साल जनवरी के लिंगानुपात के जो आंकड़े आए हैं, उनमें प्रदेश के 10 जिले लिंगानुपात के मामले में रेड जोन में हैं। ये 10 जिले वे हैं, जिनका लिंगानुपात 900 से कम है और प्रदेश के औसत 910 के लिंगानुपात से भी काफी कम है। इनमें अम्बाला का लिंगानुपात 897, सोनीपत का लिंगानुपात 893, सिरसा का लिंगानुपात 893, फरीदाबाद का लिंगानुपात 888, गुरुग्राम का लिंगानुपात 886, पंचकूला का लिंगानुपात 856, करनाल का लिंगानुपात 851, पलवल का लिंगानुपात 844, रेवाड़ी का लिंगानुपात 815 और चरखी दादरी का लिंगानुपात 756 है। जनवरी 2025 में प्रदेश का औसत लिंगानुपात 910 है।

अधिकारी बोले- स्वास्थ्य विभाग भी सुधार के प्रयास कर रहा

डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने जींद जिले के लिंगानुपात में सुधार के लिए स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों की तारीफ करते हुए कहा कि बेटे और बेटी में कोई फर्क न होने बारे लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग भी लिंगानुपात में सुधार के प्रयास लगातार कर रहा है। पीएनडीटी के प्रभारी डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. पालेराम कटारिया ने कहा कि जिले में लिंगानुपात सुधारने के प्रयास में और तेजी जाएगी। पीएनडीटी एक्ट को जिले में पूरी सख्ती से लागू किया जा रहा है।

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